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दिल्ली में पासपोर्ट के रोजाना 7000 आवेदन, 15% लोग भरते हैं गलत फॉर्म, जानें कैसे बचे

दिल्ली में लोग पासपोर्ट के लिए रोजाना करीब 7 हजार आवेदन करते हैं. इस दौरान 10 से 15 प्रतिशत त्रुटियां पाई जाती है. इससे बचने के लिए पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों ने सलाह दी है. नीचे पढ़ें पूरी स्टोरी...

दिल्ली में पासपोर्ट के रोजाना 7000 आवेदन
दिल्ली में पासपोर्ट के रोजाना 7000 आवेदन
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 4, 2023, 8:00 PM IST

नई दिल्ली: अगर आप पासपोर्ट के लिए आवेदन करने जा रहे हैं, तो आपके लिए काम की खबर है. दरअसल, पासपोर्ट के लिए आवेदन में छोटी-छोटी गलतियां बड़ी परेशानी का कारण बन रही है. इसकी वजह से लोगों के पासपोर्ट समय पर नहीं बन पाते और वह विदेश जाने से चूक जाते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में रोजाना करीब 7 हजार लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं. इनमें से 10 से 15 प्रतिशत आवेदन में गलतियां पाई जाती है. ऑब्जेक्शन करने पर आवेदक त्रुटियों को ठीक करते हैं. इसके बाद पासपोर्ट बन पाता है.

आवेदन पंजीकरण में गलतियां: प्रमाण-पत्रों में गलतियां जैसे आधार कार्ड में नाम या जन्मतिथि में अंतर और आवेदन पंजीकरण में गलतियां समस्या का कारण बन रही है. ऐसी चीजों की जांच की सुविधाएं हैं, लेकिन आवेदकों में जागरुकता नहीं है. कई लोग जल्दबाजी में आवेदन भर देते हैं और गलतियां हो जाती है. वेबसाइट में उन्हें ठीक करने के लिए 'एडिट' विकल्प शामिल नहीं है.

अधिकारियों का आवेदक को सलाह: पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आवेदन जमा करने से पहले आवेदक फार्म को अच्छी तरह से जांच लें. कुछ अतिरिक्त प्रतियां अपने पास रख लें. गलतियों को पेंसिल से चिह्नित करें. प्रमाणपत्रों की जांच कर परिवर्तन किए जा सकते हैं. अधिकारियों द्वारा मूल प्रतियों की जांच की जाएगी और मौके पर ही उसे सही किया जाएगा. आवेदन के बाद पासपोर्ट भेजने में देरी या अन्य तकनीकी समस्या की ट्विटर पर अधिकारियों से शिकायत कर समाधान पा सकते हैं.

गाजियाबाद में रोजाना 2200 आवेदन: गाजियाबाद स्थित पासपोर्ट के क्षेत्रीय कार्यालय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों के पासपोर्ट बनते हैं. यहां के अधिकारियों के मुताबिक, करीब 2200 आवेदन रोजाना आते हैं. 10 से 15 प्रतिशत आवेदन में गलतियां पाई जाती है. विभाग द्वारा ऑब्जेक्शन करने के बाद लोग गलतियों को ठीक करते हैं.

10वीं से कम पढ़े लिखे को जारी होता है ईसीआर: जिन लोगों ने 10वीं कक्षा से कम की पढ़ाई की है या पूरी तरह से निरक्षर हैं, उन्हें ईसीआर पासपोर्ट जारी किया जाता है. कुछ लोग 10वीं कक्षा के मेमो आदि जमा न कर केवल आधार कार्ड जमा करके आवेदन कर रहे हैं. इससे पासपोर्ट ईसीआर के अंतर्गत आ जाता है. जिन्होंने 10वीं कक्षा से पहले अपना पासपोर्ट बना लिया है और अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ईसीएनआर पासपोर्ट पर स्विच करना चाहता है, तो उन्हें समाप्ति तिथि से पहले एक बार फिर नवीनीकरण या पुनः आवेदन करने का विकल्प दिया जाता है.

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नई दिल्ली: अगर आप पासपोर्ट के लिए आवेदन करने जा रहे हैं, तो आपके लिए काम की खबर है. दरअसल, पासपोर्ट के लिए आवेदन में छोटी-छोटी गलतियां बड़ी परेशानी का कारण बन रही है. इसकी वजह से लोगों के पासपोर्ट समय पर नहीं बन पाते और वह विदेश जाने से चूक जाते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में रोजाना करीब 7 हजार लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं. इनमें से 10 से 15 प्रतिशत आवेदन में गलतियां पाई जाती है. ऑब्जेक्शन करने पर आवेदक त्रुटियों को ठीक करते हैं. इसके बाद पासपोर्ट बन पाता है.

आवेदन पंजीकरण में गलतियां: प्रमाण-पत्रों में गलतियां जैसे आधार कार्ड में नाम या जन्मतिथि में अंतर और आवेदन पंजीकरण में गलतियां समस्या का कारण बन रही है. ऐसी चीजों की जांच की सुविधाएं हैं, लेकिन आवेदकों में जागरुकता नहीं है. कई लोग जल्दबाजी में आवेदन भर देते हैं और गलतियां हो जाती है. वेबसाइट में उन्हें ठीक करने के लिए 'एडिट' विकल्प शामिल नहीं है.

अधिकारियों का आवेदक को सलाह: पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आवेदन जमा करने से पहले आवेदक फार्म को अच्छी तरह से जांच लें. कुछ अतिरिक्त प्रतियां अपने पास रख लें. गलतियों को पेंसिल से चिह्नित करें. प्रमाणपत्रों की जांच कर परिवर्तन किए जा सकते हैं. अधिकारियों द्वारा मूल प्रतियों की जांच की जाएगी और मौके पर ही उसे सही किया जाएगा. आवेदन के बाद पासपोर्ट भेजने में देरी या अन्य तकनीकी समस्या की ट्विटर पर अधिकारियों से शिकायत कर समाधान पा सकते हैं.

गाजियाबाद में रोजाना 2200 आवेदन: गाजियाबाद स्थित पासपोर्ट के क्षेत्रीय कार्यालय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों के पासपोर्ट बनते हैं. यहां के अधिकारियों के मुताबिक, करीब 2200 आवेदन रोजाना आते हैं. 10 से 15 प्रतिशत आवेदन में गलतियां पाई जाती है. विभाग द्वारा ऑब्जेक्शन करने के बाद लोग गलतियों को ठीक करते हैं.

10वीं से कम पढ़े लिखे को जारी होता है ईसीआर: जिन लोगों ने 10वीं कक्षा से कम की पढ़ाई की है या पूरी तरह से निरक्षर हैं, उन्हें ईसीआर पासपोर्ट जारी किया जाता है. कुछ लोग 10वीं कक्षा के मेमो आदि जमा न कर केवल आधार कार्ड जमा करके आवेदन कर रहे हैं. इससे पासपोर्ट ईसीआर के अंतर्गत आ जाता है. जिन्होंने 10वीं कक्षा से पहले अपना पासपोर्ट बना लिया है और अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ईसीएनआर पासपोर्ट पर स्विच करना चाहता है, तो उन्हें समाप्ति तिथि से पहले एक बार फिर नवीनीकरण या पुनः आवेदन करने का विकल्प दिया जाता है.

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