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फर्जी कॉल सेंटर चलाकर 500 लोगों से 2.5 करोड़ की ठगी, 7 गिरफ्तार - delhi crime

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने फर्जी कॉल सेंटर चलाकर ठगी करने वाले गैंगे का पर्दाफाश करते हुए टेलीकॉम कंपनी के सेल्स प्रमोटर व गिरोह सरगना समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

seven miscreants arrested for cheating 500 people through fake call center in delhi
लोन के नाम पर ठगी करने वाले 7 आरोपी गिरफ्तार
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Published : Aug 12, 2020, 11:56 AM IST

नई दिल्ली: कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले एक गैंग का दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग के लोग बकायदा पर्सनल लोन देने के लिए कॉल सेंटर चला रहे थे. पुलिस ने फर्जी दस्तावेज पर सिम कार्ड देने वाले कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग पिछले 2 साल में 500 लोगों से लगभग ढाई करोड़ रुपये की ठगी कर चुका था.

लोन के नाम पर ठगी करने वाले 7 आरोपी गिरफ्तार
डीसीपी अन्येश रॉय के अनुसार, पवन कुमार नामक शख्स ने साइबर सेल को एक शिकायत की थी. इसमें उन्होंने बताया कि वह ऑनलाइन एक पर्सनल लोन लेने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें रिलायंस कैपिटल के नाम से किसी शख्स का नंबर मिला.

उन्होंने जब उससे बात की तो उसने सस्ते में पर्सनल लोन देने की बात कही और उनसे विभिन्न खातों में दो लाख रुपये जमा करवा लिए. उन्होंने रिलायंस कैपिटल से मिलती-जुलती एक ईमेल आईडी से उसे मेल भी भेजा जिससे उसे विश्वास हो जाए. लेकिन उन्हें लोन नहीं मिला. इस शिकायत पर मामला दर्ज कर एसआई सुनील और विजेंदर की टीम ने छानबीन शुरू की.



सरगना सहित 7 आरोपी हुए गिरफ्तार


पुलिस टीम द्वारा टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली गई. इसके अलावा डिजिटल इंफॉर्मेशन भी जुटाई गई. रुपए से संबंधित लिंक की भी जांच की गई. इसकी मदद से पुलिस टीम ने टेलीकॉम कंपनी के सेल्स प्रमोटर पवन मित्तल को गिरफ्तार किया जिसने फर्जी दस्तावेज पर सिम कार्ड जारी किया था. उसकी निशानदेही पर सरगना इरफान सहित 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया.


गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इरफान सैफी, विशाल तिवारी, विधाता, अमित कुमार, पवन मित्तल, ज्ञान सिंह और ऋषभ के रूप में की गई है. पूछताछ में इरफान सैफी ने पुलिस को बताया कि वह पहले एक इंश्योरेंस कंपनी में टेलीकॉलर की नौकरी करता था. वहां उसकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई जो फेक कॉल सेंटर चलाते थे. उसने तिलक नगर इलाके में एक फर्जी कॉल सेंटर खोला और लोगों से जालसाजी करने लगा.


2 साल में 500 से ज्यादा लोगों को ठगा


यह गैंग विभिन्न जगह पर रिलायंस कैपिटल के नाम से सस्ते लोन देने की बात कह विज्ञापन देते थे. जब लोग उनसे संपर्क करते तो उनसे अलग अलग बैंक खातों में रुपए जमा कराए जाते और फिर उनका फोन उठाना बंद कर देते.


आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह बीते 2 साल में 500 से ज्यादा लोगों से ढाई करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं. वह प्रत्येक महीने में 20 से 25 लोगों से ठगी करते थे. गिरफ्तार किया गया विशाल विधाता और अमित इरफान के पास कई महीने से काम कर रहे थे.


वहीं पवन मित्तल वोडाफोन कंपनी के लिए काम करता था. फर्जी दस्तावेज और फोटो पर वह फर्जी सिम कार्ड जारी करता था. ज्ञान और ऋषभ उसके लिए काम करते हैं और फर्जी सिम बेचते हैं. इस मामले में पुलिस टीम ने कई मोबाइल जब्त किए हैं, जो फर्जी कॉल सेंटर में इस्तेमाल किए जा रहे थे.

नई दिल्ली: कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले एक गैंग का दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग के लोग बकायदा पर्सनल लोन देने के लिए कॉल सेंटर चला रहे थे. पुलिस ने फर्जी दस्तावेज पर सिम कार्ड देने वाले कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग पिछले 2 साल में 500 लोगों से लगभग ढाई करोड़ रुपये की ठगी कर चुका था.

लोन के नाम पर ठगी करने वाले 7 आरोपी गिरफ्तार
डीसीपी अन्येश रॉय के अनुसार, पवन कुमार नामक शख्स ने साइबर सेल को एक शिकायत की थी. इसमें उन्होंने बताया कि वह ऑनलाइन एक पर्सनल लोन लेने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें रिलायंस कैपिटल के नाम से किसी शख्स का नंबर मिला.

उन्होंने जब उससे बात की तो उसने सस्ते में पर्सनल लोन देने की बात कही और उनसे विभिन्न खातों में दो लाख रुपये जमा करवा लिए. उन्होंने रिलायंस कैपिटल से मिलती-जुलती एक ईमेल आईडी से उसे मेल भी भेजा जिससे उसे विश्वास हो जाए. लेकिन उन्हें लोन नहीं मिला. इस शिकायत पर मामला दर्ज कर एसआई सुनील और विजेंदर की टीम ने छानबीन शुरू की.



सरगना सहित 7 आरोपी हुए गिरफ्तार


पुलिस टीम द्वारा टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली गई. इसके अलावा डिजिटल इंफॉर्मेशन भी जुटाई गई. रुपए से संबंधित लिंक की भी जांच की गई. इसकी मदद से पुलिस टीम ने टेलीकॉम कंपनी के सेल्स प्रमोटर पवन मित्तल को गिरफ्तार किया जिसने फर्जी दस्तावेज पर सिम कार्ड जारी किया था. उसकी निशानदेही पर सरगना इरफान सहित 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया.


गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इरफान सैफी, विशाल तिवारी, विधाता, अमित कुमार, पवन मित्तल, ज्ञान सिंह और ऋषभ के रूप में की गई है. पूछताछ में इरफान सैफी ने पुलिस को बताया कि वह पहले एक इंश्योरेंस कंपनी में टेलीकॉलर की नौकरी करता था. वहां उसकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई जो फेक कॉल सेंटर चलाते थे. उसने तिलक नगर इलाके में एक फर्जी कॉल सेंटर खोला और लोगों से जालसाजी करने लगा.


2 साल में 500 से ज्यादा लोगों को ठगा


यह गैंग विभिन्न जगह पर रिलायंस कैपिटल के नाम से सस्ते लोन देने की बात कह विज्ञापन देते थे. जब लोग उनसे संपर्क करते तो उनसे अलग अलग बैंक खातों में रुपए जमा कराए जाते और फिर उनका फोन उठाना बंद कर देते.


आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह बीते 2 साल में 500 से ज्यादा लोगों से ढाई करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं. वह प्रत्येक महीने में 20 से 25 लोगों से ठगी करते थे. गिरफ्तार किया गया विशाल विधाता और अमित इरफान के पास कई महीने से काम कर रहे थे.


वहीं पवन मित्तल वोडाफोन कंपनी के लिए काम करता था. फर्जी दस्तावेज और फोटो पर वह फर्जी सिम कार्ड जारी करता था. ज्ञान और ऋषभ उसके लिए काम करते हैं और फर्जी सिम बेचते हैं. इस मामले में पुलिस टीम ने कई मोबाइल जब्त किए हैं, जो फर्जी कॉल सेंटर में इस्तेमाल किए जा रहे थे.

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