नई दिल्ली: दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में दिल्ली सरकार की ओर से भर्ती किए गए 7600 नए शिक्षकों का स्वागत समारोह था. मंच पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे. इस कार्यक्रम के दौरान एक वीडियो भी दिखाई गई. जिसके जरिए ये बताने की कोशिश हुई कि किस तरह पहले की तुलना में दिल्ली के सरकारी स्कूल केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में बेहतर हो चुके हैं.
शिक्षिका ने बयान किया अपना दुख
इसके बाद मनीष सिसोदिया शिक्षकों से बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान जामा मस्जिद एसकेवी हिंदी मीडियम की एक शिक्षिका ने मनीष सिसोदिया से मुखातिब होते हुए कहा कि 'सर अभी जो वीडियो दिखाया गया, उससे मुझे बुरा लगा. मैंने भी यही सोचा था कि जिस तरह स्कूलों को बेहतर किया गया है, उनमें मेरा भी स्कूल शामिल होगा, लेकिन ऐसा नहीं है.'
'स्कूल में घूमते है नेवले'
शिक्षिका ने बताया कि उनके स्कूल में बेसमेंट में प्राइमरी और प्री प्राइमरी की क्लासेज चलतीं हैं और वहां अभी भी नेवले घूमते हैं, जो बच्चों के लिए खतरा है. शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस सच को स्वीकार किया और उन्होंने अपनी सरकार की ओर से स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा, हमने बहुत से बेहतर कार्य किए हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है और नेवले भी आने बंद होंगे.
जो भी हो, 7600 शिक्षकों की मौजूदगी में उपमुख्यमंत्री के सामने एक शिक्षिका की इस हकीकत बयानी ने कहीं ना कहीं केजरीवाल सरकार के उन दावों पर सवाल खड़े कर दिए. जिसे लेकर कहा जाता रहा है कि बीते 5 साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया जा चुका है.