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'अनाधिकृत कॉलोनियों पर पहले अध्यादेश क्यों नहीं लाई सरकार, 4 साल इंतजार क्यों ?' - 40 लाख लोगों को मालिकाना हक

केंद्र सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने के फैसले के साथ ही केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह से खास बातचीत की.

संजय सिंह
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Published : Oct 23, 2019, 11:57 PM IST

नई दिल्ली: संजय सिंह ने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को मालिकाना हक दिलाना, आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र का महत्वपूर्ण वादा रहा है. इस संघर्ष को आम आदमी पार्टी सत्ता में आने के बाद से ही लड़ रही है.

फैसले में देरी क्यों- संजय सिंह

उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के तुरंत बाद 12 नवंबर 2015 को ही दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था. लेकिन इस पर 4 साल तक केंद्र सरकार चुप्पी साधे बैठी रही.

फैसले में देरी क्यों?

संजय ने कहा कि हमने लगातार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी. बार-बार अनुरोध किया. तब कहीं जाकर केंद्र सरकार ने ये फैसला किया है. उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि केंद्र सरकार प्रमुख सचिव की नियुक्ति के लिए अध्यादेश लाती है, जलीकट्टू जैसे त्योहार पर अध्यादेश लाती है, तो फिर अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला सकी?

'रजिस्ट्री होने के बाद होगा यकीन'

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा इसे लेकर प्रस्ताव भेजने के 4 साल बाद तक केंद्र सरकार ने इंतजार क्यों किया. उन्होंने ये भी कहा कि जब तक दिल्ली के लोगों के हाथों में रजिस्ट्री के पेपर नहीं आते हैं, तब तक लोगों को इस पर विश्वास नहीं होगा.

'दिल्ली सरकार ने काम किया है'

अनाधिकृत कॉलोनियों में दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने कहा कि सड़कें, गलियां, पानी की पाइप लाइन बिछाने जैसे काम लगातार दिल्ली सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सैटलाइट मैपिंग के जरिए नक्शा भी बनवा लिया है.

हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से इस नक्शे पर सवाल उठाए गए हैं. इसे लेकर सवाल करने पर उनका कहना था कि ये सर्वे एक एजेंसी द्वारा कराया गया है. केंद्र सरकार को इस पर विश्वास ना हो तो मिल बैठकर बात करें.

नई दिल्ली: संजय सिंह ने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को मालिकाना हक दिलाना, आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र का महत्वपूर्ण वादा रहा है. इस संघर्ष को आम आदमी पार्टी सत्ता में आने के बाद से ही लड़ रही है.

फैसले में देरी क्यों- संजय सिंह

उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के तुरंत बाद 12 नवंबर 2015 को ही दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था. लेकिन इस पर 4 साल तक केंद्र सरकार चुप्पी साधे बैठी रही.

फैसले में देरी क्यों?

संजय ने कहा कि हमने लगातार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी. बार-बार अनुरोध किया. तब कहीं जाकर केंद्र सरकार ने ये फैसला किया है. उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि केंद्र सरकार प्रमुख सचिव की नियुक्ति के लिए अध्यादेश लाती है, जलीकट्टू जैसे त्योहार पर अध्यादेश लाती है, तो फिर अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला सकी?

'रजिस्ट्री होने के बाद होगा यकीन'

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा इसे लेकर प्रस्ताव भेजने के 4 साल बाद तक केंद्र सरकार ने इंतजार क्यों किया. उन्होंने ये भी कहा कि जब तक दिल्ली के लोगों के हाथों में रजिस्ट्री के पेपर नहीं आते हैं, तब तक लोगों को इस पर विश्वास नहीं होगा.

'दिल्ली सरकार ने काम किया है'

अनाधिकृत कॉलोनियों में दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने कहा कि सड़कें, गलियां, पानी की पाइप लाइन बिछाने जैसे काम लगातार दिल्ली सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सैटलाइट मैपिंग के जरिए नक्शा भी बनवा लिया है.

हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से इस नक्शे पर सवाल उठाए गए हैं. इसे लेकर सवाल करने पर उनका कहना था कि ये सर्वे एक एजेंसी द्वारा कराया गया है. केंद्र सरकार को इस पर विश्वास ना हो तो मिल बैठकर बात करें.

Intro:केंद्र सरकार ने आज दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने का फैसला किया. वहीं इसके साथ अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना भी साधा. इस पूरे मुद्दे पर ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह से खास बातचीत की.


Body:नई दिल्ली: ईटीवी भारत से बातचीत में संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिलाने आम आदमी पार्टी की घोषणा पत्र का।महत्वपूर्ण वादा रहा है. इस संघर्ष को आम आदमी पार्टी सत्ता में आने के बाद से ही लड़ रही है. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के तुरंत बाद 12 नवंबर 2015 को ही दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था. लेकिन इस पर 4 साल तक केंद्र सरकार चुप्पी साधे बैठी रही.

उन्होंने यह भी कहा कि जब हमने लगातार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी, बार-बार अनुरोध किया, तब कहीं जाकर केंद्र सरकार ने अब नियमित करने का फैसला किया है. संजय सिंह ने यह भी सवाल उठाया कि केंद्र सरकार प्रमुख सचिब की नियुक्ति के लिए अध्यादेश लाती है, जलीकट्टू जैसे त्योहार पर अध्यादेश लाती है, तो फिर अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला सकी.

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा इसे लेकर प्रस्ताव भेजने के 4 साल बाद तक केंद्र सरकार ने इंतजार क्यों किया. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक दिल्ली के लोगों के हाथों में रजिस्ट्री के पेपर नहीं आते हैं, तब तक दिल्ली के लोगों को इस पर विश्वास नहीं होगा.

अनाधिकृत कॉलोनियां में दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने कहा कि सड़कें, गलियां, पानी की पाइप लाइन बिछाने जैसे काम लगातार दिल्ली सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सैटलाइट मैपिंग के जरिए नक्शा भी बनवा लिया है. हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से इस नक्शे पर सवाल उठाए गए हैं. इसे लेकर सवाल करने पर उनका कहना था कि यह सर्वे एक एजेंसी के द्वारा कराया गया है, केंद्र सरकार को इस पर विश्वास ना हो तो मिल बैठकर बात करें.


Conclusion:गौरतलब है कि अनाधिकृत कॉलोनियों के मुद्दे पर दशकों से दिल्ली में राजनीति होती रही है. हर विधानसभा चुनाव से पहले यह चुनाव का महत्वपूर्ण मुद्दा बनती रही हैं, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने इनके नियमितीकरण का फैसला कर लिया है. वहीं दिल्ली सरकार ने इस फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन आम आदमी पार्टी ने सवाल उठा दिया है कि इतना लंबा इंतजार करना क्यों करना।पड़ा और केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर क्यों नहीं अनाधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कर दिया.
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