नई दिल्ली: संजय सिंह ने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को मालिकाना हक दिलाना, आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र का महत्वपूर्ण वादा रहा है. इस संघर्ष को आम आदमी पार्टी सत्ता में आने के बाद से ही लड़ रही है.
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के तुरंत बाद 12 नवंबर 2015 को ही दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था. लेकिन इस पर 4 साल तक केंद्र सरकार चुप्पी साधे बैठी रही.
फैसले में देरी क्यों?
संजय ने कहा कि हमने लगातार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी. बार-बार अनुरोध किया. तब कहीं जाकर केंद्र सरकार ने ये फैसला किया है. उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि केंद्र सरकार प्रमुख सचिव की नियुक्ति के लिए अध्यादेश लाती है, जलीकट्टू जैसे त्योहार पर अध्यादेश लाती है, तो फिर अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला सकी?
'रजिस्ट्री होने के बाद होगा यकीन'
संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा इसे लेकर प्रस्ताव भेजने के 4 साल बाद तक केंद्र सरकार ने इंतजार क्यों किया. उन्होंने ये भी कहा कि जब तक दिल्ली के लोगों के हाथों में रजिस्ट्री के पेपर नहीं आते हैं, तब तक लोगों को इस पर विश्वास नहीं होगा.
'दिल्ली सरकार ने काम किया है'
अनाधिकृत कॉलोनियों में दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने कहा कि सड़कें, गलियां, पानी की पाइप लाइन बिछाने जैसे काम लगातार दिल्ली सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सैटलाइट मैपिंग के जरिए नक्शा भी बनवा लिया है.
हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से इस नक्शे पर सवाल उठाए गए हैं. इसे लेकर सवाल करने पर उनका कहना था कि ये सर्वे एक एजेंसी द्वारा कराया गया है. केंद्र सरकार को इस पर विश्वास ना हो तो मिल बैठकर बात करें.