ETV Bharat / state

संसद के विशेष सत्र में शिरकत करना चाहते हैं संजय सिंह और राघव चड्ढा, निलंबन रद्द होने का हैं इंतजार

संसद के विशेष सत्र में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा हिस्सा नहीं ले पाएंगे. दोनों सांसद निलंबित है. विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक दोनों निलंबित रहेंगे.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 18, 2023, 10:48 AM IST

नई दिल्ली: संसद का विशेष सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा निलंबित हैं. ऐसे में वह विशेष सत्र में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. संजय सिंह का कहना है कि सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक में सभी विपक्षी दलों ने उनका और राघव चड्ढा का निलंबन रद्द करने की मांग की, क्योंकि अब संसद सत्र नए भवन में होने जा रहा है तो बड़े दिल से इसकी शुरुआत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं संसद के सत्र में हिस्सा लें, लेकिन यह संभव तभी होगा जब उनका निलंबन रद किया जाएगा.

पिछले महीने संसद का मानसून सत्र जब शुरू हुआ था तब आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने मणिपुर के मुद्दे को उठाया था. उन पर संसद के नियमों का पालन नहीं करने का आरोप है और उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था. तब से वे बाहर हैं. उसके बाद आम आदमी पार्टी के दूसरे सांसद राघव चड्ढा पर भी कार्यवाही की गई थी वह भी संसद से निलंबित है. राघव चड्ढा पर पांच राज्यसभा सांसदों ने विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की थी. राघव पर आरोप था कि दिल्ली सेवा विधेयक पर प्रस्तावित चयन समिति में उनके फर्जी हस्ताक्षर शामिल किए गए हैं.

अपने निलंबन पर आप सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि उनके खिलाफ झूठा प्रचार किया गया है. अमूमन यह देखा जाता है कि जब किसी सदस्य के खिलाफ विशेषाधिकार समिति कोई कार्यवाही शुरू करती है तो वह सदस्य उस पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं देता. लेकिन उन्हें मजबूरन बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए सामने आना पड़ा है. राघव ने रूल बुक का हवाला देते हुए कहा कि रूल बुक के अनुसार राज्यसभा संचालित होती है. रूल बुक में लिखा है कि किसी भी चयन समिति के गठन के लिए कोई भी सांसद नाम प्रस्तावित कर सकता है. जिस सदस्य का नाम प्रस्तावित किया जाना है उसके हस्ताक्षर या लिखित सहमति की जरूरत नहीं होती है.

उन्होंने कहा कि रूल बुक में कहीं पर भी नहीं लिखा है कि चयन समिति में प्रस्ताव किसी सदस्य का नाम देने के लिए लिखित हस्ताक्षर या सहमति चाहिए. इसके बावजूद भाजपा द्वारा झूठा प्रचार फैलाया गया और उन्हें संसद से निलंबित कर दिया गया. बता दें कि आम आदमी पार्टी के दोनों सांसद संजय सिंह व राघव चड्ढा तब तक निलंबित रहेंगे, जब तक उन पर लगे आरोपों की जांच विशेषाधिकार समिति कर नहीं लेती. समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे.

ये भी पढ़ें : Parliament Monsoon Session: आप नेता राघव चड्ढा और संजय सिंह राज्यसभा से निलंबित

ये भी पढ़ें : Monsoon Session: संजय सिंह के निलंबन पर आप हमलावर, सौरभ भारद्वाज बोले- बीजेपी की चले तो वह जेल में डाल देती

नई दिल्ली: संसद का विशेष सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा निलंबित हैं. ऐसे में वह विशेष सत्र में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. संजय सिंह का कहना है कि सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक में सभी विपक्षी दलों ने उनका और राघव चड्ढा का निलंबन रद्द करने की मांग की, क्योंकि अब संसद सत्र नए भवन में होने जा रहा है तो बड़े दिल से इसकी शुरुआत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं संसद के सत्र में हिस्सा लें, लेकिन यह संभव तभी होगा जब उनका निलंबन रद किया जाएगा.

पिछले महीने संसद का मानसून सत्र जब शुरू हुआ था तब आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने मणिपुर के मुद्दे को उठाया था. उन पर संसद के नियमों का पालन नहीं करने का आरोप है और उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था. तब से वे बाहर हैं. उसके बाद आम आदमी पार्टी के दूसरे सांसद राघव चड्ढा पर भी कार्यवाही की गई थी वह भी संसद से निलंबित है. राघव चड्ढा पर पांच राज्यसभा सांसदों ने विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की थी. राघव पर आरोप था कि दिल्ली सेवा विधेयक पर प्रस्तावित चयन समिति में उनके फर्जी हस्ताक्षर शामिल किए गए हैं.

अपने निलंबन पर आप सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि उनके खिलाफ झूठा प्रचार किया गया है. अमूमन यह देखा जाता है कि जब किसी सदस्य के खिलाफ विशेषाधिकार समिति कोई कार्यवाही शुरू करती है तो वह सदस्य उस पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं देता. लेकिन उन्हें मजबूरन बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए सामने आना पड़ा है. राघव ने रूल बुक का हवाला देते हुए कहा कि रूल बुक के अनुसार राज्यसभा संचालित होती है. रूल बुक में लिखा है कि किसी भी चयन समिति के गठन के लिए कोई भी सांसद नाम प्रस्तावित कर सकता है. जिस सदस्य का नाम प्रस्तावित किया जाना है उसके हस्ताक्षर या लिखित सहमति की जरूरत नहीं होती है.

उन्होंने कहा कि रूल बुक में कहीं पर भी नहीं लिखा है कि चयन समिति में प्रस्ताव किसी सदस्य का नाम देने के लिए लिखित हस्ताक्षर या सहमति चाहिए. इसके बावजूद भाजपा द्वारा झूठा प्रचार फैलाया गया और उन्हें संसद से निलंबित कर दिया गया. बता दें कि आम आदमी पार्टी के दोनों सांसद संजय सिंह व राघव चड्ढा तब तक निलंबित रहेंगे, जब तक उन पर लगे आरोपों की जांच विशेषाधिकार समिति कर नहीं लेती. समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे.

ये भी पढ़ें : Parliament Monsoon Session: आप नेता राघव चड्ढा और संजय सिंह राज्यसभा से निलंबित

ये भी पढ़ें : Monsoon Session: संजय सिंह के निलंबन पर आप हमलावर, सौरभ भारद्वाज बोले- बीजेपी की चले तो वह जेल में डाल देती

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.