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बुक फेयर: साहित्य अकादमी ने लगाई 24 भाषाओं की पुस्तकों से सजी स्टॉल

प्रगति मैदान में लगे पुस्तक मेले में समेत कई विषयों की किताबों की प्रदर्शनी लगाई गई है. साहित्य अकैडमी ने भी 24 भाषाओं में अपने प्रकाशन को इस पुस्तक मेले में प्रदर्शित किया है. इस पुस्तक भंडार में हिंदी के लेखक भगवानदास भी अपनी पसंदीदा बुक ढूंढते हुए नजर आए.

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Published : Jan 10, 2020, 8:07 AM IST

pragati maidan book fair
साहित्य अकादमी की स्टॉल

नई दिल्ली: प्रगति मैदान में लगे पुस्तक मेले में सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, खेलकूद, हास्य, चुटकुले, प्रेम कहानियां, तकनीक, विज्ञान समेत कई विषयों की किताबों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस पुस्तक भंडार में हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू आदि समेत कई भाषाओं की पुस्तके हैं. इसी के साथ साहित्य अकैडमी ने भी 24 भाषाओं में अपने प्रकाशन को इस पुस्तक मेले में प्रदर्शित किया है.

साहित्य अकादमी की स्टॉल पर दिखी लोगों की भीड़

पुस्तक खरीदने के लिए पहुंच रहे लोग
साहित्य अकादेमी की पुस्तकों के स्टॉल पर पुस्तक प्रेमियों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है. नौजवान से लेकर बुजुर्ग तक साहित्य अकादेमी की पुस्तकों को खरीदने के लिए आ रहे हैं.

प्रयागराज से आए युवक का कहना था कि उन्हें हर साल पुस्तक मेले का इंतजार रहता है. क्योंकि यहां पर हर एक रचनाकार की पुस्तक मिल जाती है. खासतौर पर साहित्य अकादेमी की ओर से चुने गए महान साहित्यकारों की पुस्तकों को प्रदर्शित किया जाता है.

अपनी पसंदीदा किताब ढूंढ रहें हैं पुस्तक प्रेमी
इसके साथ ही हिंदी के लेखक भगवानदास भी साहित्य अकादेमी के स्टॉल पर अपनी पसंदीदा बुक ढूंढते हुए नजर आए. उनका कहना था कि वो अब्दुल रहीम खाना खाने की पुस्तक ढूंढ रहे हैं. क्योंकि ये पुस्तक आसानी से कहीं मिलती नहीं है. लेकिन साहित्य अकादेमी में ये पुस्तक जरूर मिल जाती है. इसलिए वो यहां बुक फेयर में आए हैं.

24 भाषाओं की पुस्तकें की गई प्रदर्शित
साहित्य अकादेमी कि स्टॉल पर मौजूद बिक्री सहायक ने बताया कि साहित्य अकादेमी की तरफ से 24 भाषाओं के प्रकाशन के पुरस्कार की भी घोषणा की गई है. इसी कड़ी में साहित्य अकैडमी में उन सभी 24 भाषाओं के प्रकाशन की पुस्तकें लाई गई हैं. जिन्हें पुस्तक प्रेमी बहुत पसंद कर रहे हैं.

नई दिल्ली: प्रगति मैदान में लगे पुस्तक मेले में सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, खेलकूद, हास्य, चुटकुले, प्रेम कहानियां, तकनीक, विज्ञान समेत कई विषयों की किताबों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस पुस्तक भंडार में हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू आदि समेत कई भाषाओं की पुस्तके हैं. इसी के साथ साहित्य अकैडमी ने भी 24 भाषाओं में अपने प्रकाशन को इस पुस्तक मेले में प्रदर्शित किया है.

साहित्य अकादमी की स्टॉल पर दिखी लोगों की भीड़

पुस्तक खरीदने के लिए पहुंच रहे लोग
साहित्य अकादेमी की पुस्तकों के स्टॉल पर पुस्तक प्रेमियों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है. नौजवान से लेकर बुजुर्ग तक साहित्य अकादेमी की पुस्तकों को खरीदने के लिए आ रहे हैं.

प्रयागराज से आए युवक का कहना था कि उन्हें हर साल पुस्तक मेले का इंतजार रहता है. क्योंकि यहां पर हर एक रचनाकार की पुस्तक मिल जाती है. खासतौर पर साहित्य अकादेमी की ओर से चुने गए महान साहित्यकारों की पुस्तकों को प्रदर्शित किया जाता है.

अपनी पसंदीदा किताब ढूंढ रहें हैं पुस्तक प्रेमी
इसके साथ ही हिंदी के लेखक भगवानदास भी साहित्य अकादेमी के स्टॉल पर अपनी पसंदीदा बुक ढूंढते हुए नजर आए. उनका कहना था कि वो अब्दुल रहीम खाना खाने की पुस्तक ढूंढ रहे हैं. क्योंकि ये पुस्तक आसानी से कहीं मिलती नहीं है. लेकिन साहित्य अकादेमी में ये पुस्तक जरूर मिल जाती है. इसलिए वो यहां बुक फेयर में आए हैं.

24 भाषाओं की पुस्तकें की गई प्रदर्शित
साहित्य अकादेमी कि स्टॉल पर मौजूद बिक्री सहायक ने बताया कि साहित्य अकादेमी की तरफ से 24 भाषाओं के प्रकाशन के पुरस्कार की भी घोषणा की गई है. इसी कड़ी में साहित्य अकैडमी में उन सभी 24 भाषाओं के प्रकाशन की पुस्तकें लाई गई हैं. जिन्हें पुस्तक प्रेमी बहुत पसंद कर रहे हैं.

Intro:प्रगति मैदान में लगे पुस्तक मेले में सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, खेलकूद, हास्य, चुटकुले, प्रेम कहानियां, तकनीक, विज्ञान आदि समेत कई विषयों की किताबों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस पुस्तक भंडार में हिंदी,अंग्रेजी, उर्दू आदि समेत कई भाषाओं की पुस्तके हैं. इसी के साथ साहित्य अकैडमी ने भी 24 भाषाओं में अपने प्रकाशन को इस पुस्तक मेले में प्रदर्शित किया है.


Body:पुस्तक खरीदने के लिए पहुंच रहे तमाम लोग
साहित्य अकादेमी की पुस्तकों के स्टॉल पर पुस्तक प्रेमियों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है, नौजवान से लेकर बुजुर्ग तक साहित्य अकादेमी की पुस्तकों को खरीदने के लिए आ रहे हैं. प्रयागराज से आए युवक का कहना था कि उन्हें हर वर्ष पुस्तक मेले का इंतजार रहता है, क्योंकि यहां पर हर एक रचनाकार की पुस्तक मिल जाती है खासतौर पर साहित्य अकादेमी द्वारा चुने गए महान साहित्यकारों की पुस्तकों को प्रदर्शित किया जाता है.

अपनी पसंदीदा किताब ढूंढ रहे पुस्तक प्रेमी
इसके साथ ही हिंदी के लेखक भगवानदास भी साहित्य अकादेमी के स्टॉल पर अपनी पसंदीदा बुक ढूंढते हुए नजर आए, उनका कहना था कि वह अब्दुल रहीम खाना खाने की पुस्तक ढूंढ रहे हैं, क्योंकि ये पुस्तक आसानी से कहीं मिलती नहीं है. लेकिन साहित्य अकादेमी में यह पुस्तक जरूर मिल जाती है, इसलिए वह यहां पहुंचे हैं.


Conclusion:24 भाषाओं की पुस्तकें की गई प्रदर्शित
साहित्य अकादेमी कि इस स्टॉल पर मौजूद बिक्री सहायक ने बताया कि साहित्य अकादेमी की तरफ से 24 भाषाओं के प्रकाशन के पुरस्कार की भी घोषणा की गई है, इसी कड़ी में साहित्य अकैडमी में उन सभी 24 भाषाओं के प्रकाशन की पुस्तकें लाई गई हैं, जिन्हें पुस्तक प्रेमी बहुत पसंद कर रहे हैं.
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