नई दिल्लीः संत कबीर दास न सिर्फ एक संत थे, बल्कि वे एक विचारक और समाज सुधारक भी थे. वे हिंदी साहित्य के ऐसे कवि थे, जिन्होंने समाज में फैली भ्रांतियों और बुराइयों पर अपनी लेखनी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया. उन्होंने अपने दोहों के जरिए जीवन जीने की कई सीख दीं. संत कबीर दास जी के दोहों ने लोगों पर व्यापक प्रभाव डाला. एक अच्छा जीवन जीने का रास्ता भी दिखाया. आज भी कई लोग उनके दोहों का इस्तेमाल लोगों को कन्विंस करने के लिए कहते हैं. ये बातें पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता रंजना गौहर ने ETV भारत से दिल्ली में आयोजित प्रोडक्शन म्यूजिकल डांस ड्रामा के दौरान कहीं.
दिल्ली के लोदी रोड स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर के स्टीन ऑडिटोरियम में उत्सव एजुकेशनल एंड कल्चरल सोसाइटी द्वारा दो दिवसीय 'सारे जहां से अच्छा' प्रोडक्शन म्यूजिकल डांस ड्रामा का आयोजन हुआ. बुधवार, 9 अगस्त को आयोजित इस डांस ड्रामा में पद्मश्री रंजना गौहर ने संत कबीर दास की मां की भूमिका में उनके जीवन और दर्शन को ओडिशी और मोहिनीअट्टम नृत्य रूप में प्रस्तुत किया. प्रदर्शन की कोरियोग्राफी और निर्देशन खुद रंजना गौहर ने किया है. इसे सरोज मोहंती द्वारा रचित धुनों से सजाया है. डेढ़ घंटे की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया. इस दौरान और अंत तक पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा.
बता दें कि भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दूसरे दिन यानि आज 10 अगस्त को 'सारे जहां से अच्छा' प्रोडक्शन म्यूजिकल डांस ड्रामा में तीन अलग-अलग प्रस्तुतियां की जाएंगी. इसमें पहली प्रस्तुति में गुरु रंजना गौहर के शिष्य ओडिशी नर्तक विनोद केविन बचन के रूप में तरलता देखने को मिलेगी. रंजना गौहर ने बताया कि इस प्रस्तुति में मां सीता के जीवन को मेल डांसर द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा. वहीं दूसरी प्रस्तुती में मोहिनीअट्टम ग्रुप डांस प्रस्तुति है. अंत में अहंकार टॉपिक के ऊपर सामूहिक ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा. अगर, आप इस प्रस्तुति का आनंद उठाना चाहते हैं, तो शाम 7 बजे इंडिया हैबिटेट सेंटर जा सकते हैं.
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