नई दिल्ली: रेलवे क्रॉसिंग्स पर लगातार हो रहे हादसों को देखते हुए रेलवे अपनी व्यवस्था को सुधारने जा रही है. इसी क्रम में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स उन तमाम योजनाओं पर काम कर रही है जिनके जरिए मौजूदा हालातों में सुधार किए जा सकते हैं. इसमें रेलवे क्रॉसिंग्स पर सीसीटीवी कैमरा लगाना, डिवाइडर बनाना, समय-समय पर रिव्यू मीटिंग लेना, प्राइवेट गार्ड आदि योजनाओं पर काम किया जा रहा है.
237 लोग गिरफ्तार
दरअसल, रेलवे में जिन जगहों पर नियमों का सबसे ज्यादा उल्लंघन होता है उनमें रेलवे क्रॉसिंग्स भी होती हैं. यहां लोग गलत तरीके से ट्रैक पार तो करते ही हैं, साथ ही कई बार गलत तरीकों को अपनाकर रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं और अपने जैसे हजारों यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं. अकेले गेट डैशिंग के मामलों में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने जनवरी से अगस्त 2019 तक 316 केस रजिस्टर किए जिसमें 237 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई. गलत तरीके से ट्रैक पार किए जाने के चक्कर में तो ना जाने कितने लोगों पर रोजाना कार्रवाई होती है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले दिनों यात्री सुरक्षा को लेकर जरूरी मीटिंग की, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई थी. आरपीएफ को रेलवे क्रॉसिंग्स पर होने वाले हादसों को रोकने की जिम्मेदारी दी गई है.
मसौदे पर काम शुरू
आरपीएफ डीजी अरुण कुमार के आदेश के बाद दिल्ली मंडल ने इसको लेकर मसौदा बनाना शुरू कर दिया है. दिल्ली मंडल के अधीन आने वाली तीन रेलवे क्रॉसिंग पर पिछले दिनों गार्ड्स के तैनाती की गई है. इस तैनाती के बाद अब यहां अगला पड़ाव क्रॉसिंग्स को चिन्हित करना है जहां पर ट्रैफिक की समस्या बहुत ज्यादा है. अधिकारियों के मुताबिक, इन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने है जिसके लिए बाकायदा एक सेंट्रल कंट्रोल कमांड सेन्टर भी बनाया जाएगा.
अनाधिकृत तरीके से क्रॉसिंग्स पार करने वाले लोगों को अक्सर अपनी जान की ही परवाह नहीं रहती. समय से गेट बंद नहीं होने के चलते गाड़ियों को पीछे ही रोक दिया जाता है और ऐसे में समयपालन में बाधा आती है. लिहाजा, यहां पर अतिरिक्त पुलिस व आरपीएफ स्टाफ तैनात किए जाने की भी बात हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में लोगों को जागरूक करने के लिए भी बेहतर कदम उठाए जाएंगे.