ETV Bharat / state

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला सुरक्षित

सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

rouse avenue court decision reserved on framing of charges against Shashi Tharoor in Sunanda Pushkar's death case
सुनंदा पुष्कर मौत मामला
author img

By

Published : Apr 12, 2021, 4:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले पर 29 अप्रैल को फैसला सुनाने का आदेश दिया.


उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं

पिछले 26 मार्च को इस मामले के आरोपी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है, तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है. शशि थरूर की ओर से वकील विकास पाहवा ने इस मामले में शशि थरूर को बरी करने की मांग करते हुए कहा था कि शशि थरूर ने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था. उन्होंने कहा था कि सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से ये साफ है कि वह खुदकुशी नहीं कर सकती है. रिश्तेदारों ने शशि थरूर पर कोई आरोप नहीं लगाया है. अभियोजन पक्ष केवल ये कह रहा है कि शशि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे.

ये भी पढ़ें:-राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनंदा पुष्कर मौत मामले की सुनवाई टली


शशि थरूर को बनाया गया है आरोपी

इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है. शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल , 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. 1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले पर 29 अप्रैल को फैसला सुनाने का आदेश दिया.


उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं

पिछले 26 मार्च को इस मामले के आरोपी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है, तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है. शशि थरूर की ओर से वकील विकास पाहवा ने इस मामले में शशि थरूर को बरी करने की मांग करते हुए कहा था कि शशि थरूर ने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था. उन्होंने कहा था कि सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से ये साफ है कि वह खुदकुशी नहीं कर सकती है. रिश्तेदारों ने शशि थरूर पर कोई आरोप नहीं लगाया है. अभियोजन पक्ष केवल ये कह रहा है कि शशि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे.

ये भी पढ़ें:-राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनंदा पुष्कर मौत मामले की सुनवाई टली


शशि थरूर को बनाया गया है आरोपी

इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है. शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल , 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. 1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.