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Delhi Excise Policy Scam: राउज एवेन्यू कोर्ट ने दो आरोपियों को सरकारी गवाह बनने की दी इजाजत - युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दो आरोपियों को सरकारी गवाह बनने की इजाजत दे दी है. साथ ही उन्हें मामले में माफी भी दे दी गई है.

Rouse Avenue Court
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 3, 2023, 7:02 PM IST

Updated : Oct 3, 2023, 7:14 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी राघव मगुंटा रेड्डी और दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनने की इजाजत दे दी. साथ ही उनकी सरकारी गवाह बनने की याचिका को स्वीकार करते हुए मामले में उन्हें माफ भी कर दिया. इससे पहले अदालत ने व्यवसायी पी शरत रेड्डी को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी. अब ईडी के मामले में कुल तीन आरोपी सरकारी गवाह बन गए हैं.

सरकारी गवाह घोषित: अरोड़ा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए जा रहे उसी मामले में सरकारी गवाह घोषित किया गया है. इससे पहले अरोड़ा के वकील ने कहा था कि ईडी विभिन्न अभियोजन शिकायतों में उनके बयानों पर भरोसा कर रही है. वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा, अदालत ने जमानत खारिज करते हुए उनके बयान पर भरोसा किया.

कौन है मगुंटा राघव रेड्डी: ईडी के मुताबिक, जेल में बंद आप नेता मनीष सिसोदिया के करीबी माने जाने वाले दिनेश अरोड़ा, इस मामले में गिरफ्तार किए गए 13वें व्यक्ति हैं. मगुंटा राघव रेड्डी को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली एक्साइज घोटाला मामले में 10 फरवरी को गिरफ्तार किया था. वे युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) से सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे हैं.

इससे पहले कोर्ट ने अप्रैल में ट्रायल के दौरान राघव मगुंटा की नियमित याचिका को खारिज कर दिया था. उस समय जज ने कहा था कि अदालत का प्रथम दृष्टया विचार है कि यह निवेश एजेंसी द्वारा आवेदक की सक्रिय भागीदारी को दर्शाने वाला मामला है. मनी लॉन्ड्रिंग के कथित अपराध का कमीशन और उक्त दृष्टिकोण के विपरीत यह अदालत किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने में सक्षम नहीं है.

100 करोड़ के भुगतान का आरोप: इससे पहले ईडी ने अदालत को बताया था कि मगुंटा राघव रेड्डी ने अपने प्रॉक्सी व्यक्ति प्रेम राहुल मंदुरी के माध्यम से मेसर्स इंडो स्पिरिट्स में भी 32.5 प्रतिशत हिस्सेदारी रखी थी, जिसके पास एल1 थोक लाइसेंस था. साउथ ग्रुप का हिस्सा होने के नाते वह उस साजिश का हिस्सा और लाभार्थी था, जिसमें साउथ ग्रुप ने आम आदमी पार्टी को लगभग 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.

खुदरा क्षेत्रों को किया नियंत्रित: साथ ही यह कहा था कि राघव मगुंटा दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 घोटाले में विभिन्न व्यक्तियों के साथ मिलकर रची गई गुटबाजी और रिश्वत की साजिश में प्रमुख लोगों में से एक है. और तो और वह मेसर्स एनरिका एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से शराब निर्माण इकाइयों का मालिक है, जो चेन्नई में स्थित है. राघव ने उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के उल्लंघन में सीधे तौर पर मेसर्स मैगुंटा एग्रो फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर दो खुदरा क्षेत्रों को नियंत्रित किया, जहां एक निर्माता को खुदरा या थोक संचालन करने की अनुमति नहीं थी.

की गई ये अनियमितताएं: पिछले साल सीबीआई और ईडी ने यह आरोप लगाते हुए मामले दर्ज किए थे कि उत्पाद शुल्क को संशोधित करते हुए अनियमितताएं की गईं. साथ ही लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ देने के साथ लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया. इतना ही नहीं, एल-1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना बढ़ाया गया. लाभार्थियों ने अवैध लाभ को आरोपी अधिकारियों तक पहुंचाया और जांच से बचने के लिए बुक्स में गलत एंट्री की.

यह भी पढ़ें-'NewsClick' office sealed: 'न्यूजक्लिक' का दिल्ली ऑफिस सील, 8 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने पत्रकारों को छोड़ा

यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र के नांदेड़ में अब तक 31 मौत, सीएम अरविंद केजरीवाल और स्वाति मालीवाल ने जताई संवेदना

नई दिल्ली: राजधानी में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी राघव मगुंटा रेड्डी और दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनने की इजाजत दे दी. साथ ही उनकी सरकारी गवाह बनने की याचिका को स्वीकार करते हुए मामले में उन्हें माफ भी कर दिया. इससे पहले अदालत ने व्यवसायी पी शरत रेड्डी को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी. अब ईडी के मामले में कुल तीन आरोपी सरकारी गवाह बन गए हैं.

सरकारी गवाह घोषित: अरोड़ा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए जा रहे उसी मामले में सरकारी गवाह घोषित किया गया है. इससे पहले अरोड़ा के वकील ने कहा था कि ईडी विभिन्न अभियोजन शिकायतों में उनके बयानों पर भरोसा कर रही है. वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा, अदालत ने जमानत खारिज करते हुए उनके बयान पर भरोसा किया.

कौन है मगुंटा राघव रेड्डी: ईडी के मुताबिक, जेल में बंद आप नेता मनीष सिसोदिया के करीबी माने जाने वाले दिनेश अरोड़ा, इस मामले में गिरफ्तार किए गए 13वें व्यक्ति हैं. मगुंटा राघव रेड्डी को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली एक्साइज घोटाला मामले में 10 फरवरी को गिरफ्तार किया था. वे युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) से सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे हैं.

इससे पहले कोर्ट ने अप्रैल में ट्रायल के दौरान राघव मगुंटा की नियमित याचिका को खारिज कर दिया था. उस समय जज ने कहा था कि अदालत का प्रथम दृष्टया विचार है कि यह निवेश एजेंसी द्वारा आवेदक की सक्रिय भागीदारी को दर्शाने वाला मामला है. मनी लॉन्ड्रिंग के कथित अपराध का कमीशन और उक्त दृष्टिकोण के विपरीत यह अदालत किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने में सक्षम नहीं है.

100 करोड़ के भुगतान का आरोप: इससे पहले ईडी ने अदालत को बताया था कि मगुंटा राघव रेड्डी ने अपने प्रॉक्सी व्यक्ति प्रेम राहुल मंदुरी के माध्यम से मेसर्स इंडो स्पिरिट्स में भी 32.5 प्रतिशत हिस्सेदारी रखी थी, जिसके पास एल1 थोक लाइसेंस था. साउथ ग्रुप का हिस्सा होने के नाते वह उस साजिश का हिस्सा और लाभार्थी था, जिसमें साउथ ग्रुप ने आम आदमी पार्टी को लगभग 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.

खुदरा क्षेत्रों को किया नियंत्रित: साथ ही यह कहा था कि राघव मगुंटा दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 घोटाले में विभिन्न व्यक्तियों के साथ मिलकर रची गई गुटबाजी और रिश्वत की साजिश में प्रमुख लोगों में से एक है. और तो और वह मेसर्स एनरिका एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से शराब निर्माण इकाइयों का मालिक है, जो चेन्नई में स्थित है. राघव ने उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के उल्लंघन में सीधे तौर पर मेसर्स मैगुंटा एग्रो फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर दो खुदरा क्षेत्रों को नियंत्रित किया, जहां एक निर्माता को खुदरा या थोक संचालन करने की अनुमति नहीं थी.

की गई ये अनियमितताएं: पिछले साल सीबीआई और ईडी ने यह आरोप लगाते हुए मामले दर्ज किए थे कि उत्पाद शुल्क को संशोधित करते हुए अनियमितताएं की गईं. साथ ही लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ देने के साथ लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया. इतना ही नहीं, एल-1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना बढ़ाया गया. लाभार्थियों ने अवैध लाभ को आरोपी अधिकारियों तक पहुंचाया और जांच से बचने के लिए बुक्स में गलत एंट्री की.

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Last Updated : Oct 3, 2023, 7:14 PM IST
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