नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में नगर निगम के प्रमुख चुनावों को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है. इलेक्शन कमीशन की बैठक में नगर निगम के चुनाव के मद्देनजर तारीखों की घोषणा न होने के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी के द्वारा बीजेपी के ऊपर गंभीर आरोप लगाए जाने के साथ चुनावों से डर कर भाग जाने का आरोप भी लगाया है, जिसके बाद दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने मीडिया के सामने आकर पूरे मामले पर अपनी बात रखी.
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा नियम और कानूनों का उल्लंघन करती आई है और वही पार्टी आज इनके पालन की शिक्षा दे रही है. दिल्ली की सरकार के द्वारा जिस तरह से चुनाव आयोग के विषय पर टिप्पणी कि गयी है उसे देखकर लगता है कि शायद वह न तो वह संवैधानिक पद की गरिमा को पहचानते हैं और न ही उनकी कार्यशैली को जानते हैं. जो जानकारी केंद्र के द्वारा चुनाव आयोग को दी गई उसके बाद चुनाव आयोग ने निर्णय लिया, इसके ऊपर आम आदमी पार्टी के नेताओं और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के द्वारा जिस तरह से टिप्पणी की है. मनीष सिसोदिया के टिप्पणी को लेकर हम यह कहना चाहते कि बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, जो जब आतंकवादियों से नहीं डरी तो तुम जैसे गुंडों से क्या डरेगी. जिस तरह की हरकत आप ने की है वह अभद्र है, दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को बहुमत मूलभूत सुविधाएं भली-भांति तरीके से पहुंचानें के लिए दिया था. लेकिन जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने सभी नियमों को ताक पर रखकर उल्लंघन करते हुए हर एक वार्ड में 4-4 शराब की दुकानें खोली है.
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मीनाक्षी लेखी ने अपनी बात रखते हुए एक्साइज विभाग का एक नोटिस भी दिखाया. जिसमें चार कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है और इन्हीं चारों कंपनियों को दिल्ली सरकार के द्वारा राजधानी में शराब की बिक्री के लाइसेंस दिए गए हैं. यह चारों कंपनियां कार्ट कंपनियां है जो शराब बनाती हैं लेकिन नियमों के अनुसार इन कंपनियों को बिक्री के मद्देनजर लाइसेंस नहीं दिया जा सकता क्योंकि इतने बड़े स्तर का भ्रष्टाचार हुआ और यह कंपनी ब्लैक लिस्टेड भी हैं.
मीनाक्षी लेखी ने आगे से अरविंद केजरीवाल के ऊपर सवाल उठाते हुए कहा कि मुंसिपल कॉरपोरेशन उसका अगर रीक्रिएशन होता है और उससे आर्थिक स्थिति बेहतर होती है तो क्या इसके पक्ष में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है या नहीं. निगमों को उनके हक का फंड दिए जाने वाला टैक्स का पैसा जिस तरह से दिल्ली सरकार ने रोका है. केजरीवाल बताएं क्या नगर निगम को खत्म करके कोई शहर चल सकता है. बीजेपी नगर निगम चुनावों के लिए हर समय तैयार है. चाहे चुनाव कभी भी हो, बीजेपी आज की पार्टी नहीं है. बीजेपी तब की पार्टी है जब नगर निगम एक हुआ करती थी. कमिश्नर भी एक हुआ करता था. शराब नीति को लेकर जिस तरह से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार का विरोध हो रहा है उस पूरे मामले पर जनता को गुमराह करने को लेकर पूरे मामले को तूल दिया जा रहा है.
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वहीं दिल्ली बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पूरे मामले पर कहा कि राजधानी में नागरिक इकाइयों के चुनाव को लेकर चुनाव आयोग द्वारा लिए गए निर्णय पर जिस तरह से उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अराजकतावादी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. वह वास्तव में उनकी सोच दिखाती है कि किस तरह से वह संविधान की अवमानना करते हैं. अरविंद केजरीवाल द्वारा संविधान की अवमानना किए जाने का यह कोई पहला अवसर नहीं है. इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है. अपने 7 साल के कार्यकाल में अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं तोड़ दी है. जल बोर्ड में हुए घोटाले को लेकर सीएजी द्वारा लिखे गए एक भी पत्रकार अरविंद केजरीवाल ने आज तक नहीं दिया जवाब, शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है दिल्ली सरकार, दिल्ली सरकार के विभागों में हजारों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हो रहा है. नगर निगम को एक करके यदि उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सकता है तो इससे दिल्ली के मुख्यमंत्री को क्या परेशानी है. यदि निगमों के एकीकरण से सुधार हो सकता है तो अरविंद केजरीवाल इसके पक्ष में है या विपक्ष में है. दिल्ली की तीनों नगर दिन में अगर एक हो जाती है तो उससे बेहतर दिल्ली बनेगी जिससे अरविंद केजरीवाल को डर लगता है.
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