नई दिल्ली: एम्स अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों(resident doctors of delhi aiims) ने रविवार को मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में कैंडल मार्च(candle march) निकाला. मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. कोरोना वायरस(corona virus) के बीच पिछले 7 दिनों से मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर अपनी मांगो के लेकर हड़ताल पर हैं.
मध्य प्रदेश के डॉक्टरों को समर्थन इससे पहले गुरुवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट(Madhya Pradesh High Court) ने जूनियर डॉक्टरों को फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर 24 घंटे के अंदर काम पर लौटें. इसके कुछ घंटों बाद ही 3 हजार जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया था. मध्यप्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (Madhya Pradesh Junior Doctors Association)(जूडा) के अध्यक्ष अरविंद मीणा ने कहा था कि प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों के करीब 3,000 जूनियर डॉक्टरों ने अपने-अपने मेडिकल कॉलेजों के डीन को सामूहिक इस्तीफा दे दिया है.
ये भी पढ़ें:-MP के जूनियर डॉक्टर्स के समर्थन में दिल्ली के डॉक्टर्स, निकाला कैंडल मार्चइस कड़ी में एम्स अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने मध्य प्रदेश के 3000 जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में मध्य प्रदेश सरकार(Government of Madhya Pradesh) के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला. साथ ही कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार को होश में आना चाहिए, जिस तरह से कोरोना काल में डॉक्टरों ने मदद की है, उसे और कोई नहीं कर सकता.
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डॉक्टरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाई है. कई डॉक्टरों की इस कोरोना काल में जान भी चली गई, इसके अलावा उन्होंने बताया कि शिवराज सिंह चौहान को होश में आना चाहिए और डॉक्टरों को की तरफ देखना चाहिए कि डॉक्टर किस तरह से इस महामारी में लोगों की मदद कर रहे हैं. जबकि उनका परिवार भी है, उनके बच्चे भी हैं. अगर इस तरह के तानाशाही फैसले सरकार लेगी, तो आखिर डॉक्टर कहां जाएंगे.