नई दिल्लीः आम बजट को लेकर दिल्ली की राजनीति गर्मा गई है. दरअसल, बजट पेश होने के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ दिए जाने का आरोप लगाया. इस पर बीजेपी ने आप पर पलटवार किया. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूरी ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया परहमला बोलते हुए कहा कि दोनों को झूठ बोलने से बाज आना चाहिए. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री स्तर के संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को इस तरह सफेद झूठ बोलकर पद की गरिमा कम नहीं करनी चाहिए.
इससे पहले सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली को केंद्रीय बजट से टैक्स के हिस्से के रूप में सिर्फ 325 करोड़ रुपए मिले हैं. जबकि, सच्चाई यह है कि दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ रुपये टैक्स के रूप में दिए. उसके बदले महज 325 करोड़ रुपए देना सौतेला व्यवहार करना है. बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल और सिसोदिया ने बुधवार को दावा किया था कि दिल्ली को इस बार भी केवल 325 करोड़ रुपए टैक्स में से हिस्से के रूप में दिए गए हैं. इस साल यह राशि 325 करोड़ नहीं बल्कि 951 करोड़ रुपए है. पिछले साल संशोधित राशि 977 करोड़ रुपए हो गई थी. 951 करोड़ रुपए के अतिरिक्त दिल्ली को 200 करोड़ रुपए चंद्रावल वाटर वर्क्स के लिए, 15 करोड़ रुपए आपदा नियंत्रण के लिए और दो करोड़ रुपए 1984 के दंगा पीड़ितों की मदद के लिए दिए गए हैं. यह कुल राशि 1168 करोड़ रुपए हो जाती है.
बिधूड़ी ने कहा कि केंद्र पर दोषारोपण से पहले केजरीवाल सरकार को याद रखना चाहिए कि वास्तव में दिल्ली को यही 1168 करोड़ रुपए ही नहीं मिले बल्कि दिल्ली पुलिस, मेट्रो, दिल्ली के बड़े अस्पताल, डीयू, जेएनयू, इग्नू जैसे दिल्ली के केंद्रीय विश्वविद्यालय, डीडीए, एनडीएमसी, नेशनल हाईवे और अन्य प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ही खर्च देती है. अगर यह राशि जोड़ ली जाए तो डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक बैठती है.
बिधूड़ी ने कहा कि 2023-24 के बजट में ही रैपिड ट्रांसपोर्ट के लिए 3596 करोड़, मेट्रो के लिए अनुमानित 3500 करोड़, दिल्ली पुलिस के लिए 11 हजार 662 करोड़, एम्स के लिए 4134 करोड़, सफदरजंग, लोहिया और अन्य बड़े अस्पतालो के लिए 4062 करोड़, इग्नू के लिए 105 करोड़, दिल्ली स्कूल ऑफ आर्किटेक्स के लिए 175 करोड़, देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिये 11528 करोड़ जिसमें डीयू का बड़ा हिस्सा है, बजट में प्रावधान किया गया है.
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिल्ली में 20 हजार करोड़ रुपए का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट बनकर तैयार है. अभी हाल ही में प्रगति मैदान टनल खुली है, जिस पर केंद्र ने ही 920 करोड़ रुपए का खर्चा किया है. बदरपुर में विश्व का सबसे बड़ा इको पार्क और द्वारका में सबसे बड़ा कनवेंशन सेंटर केंद्र सरकार ही बना रही है. पेरिफेरियल रोड, रेपिड ट्रांसपोर्ट, तीसरा रिंग रोड, वसंत कुंज के निकट बनने वाली टनल, दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-देहरादून और दिल्ली-हरिद्वार एक्सप्रेस वे भी केंद्र सरकार के खर्चे से ही बन रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में बुरी तरह फिसड्डी साबित हुई है और केंद्र ही अरबों खर्च करके दिल्ली का विकास कर रहा है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनके साथी केंद्र सरकार पर हमेशा दोषारोपण की नीति पर ही चलते हैं, लेकिन वे भूल जाते हैं कि जनता बहुत जागरूक है और उनके झूठ की पोल तुरंत ही खुल जाती है.
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