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नई दिल्ली से वाराणसी तक तैयार होगा रेल कॉरिडोर - भारतीय रेल

भारतीय रेल अब दिल्ली से वाराणसी के लिए जल्द ही हाई स्पीड रेल कॉरिडोर विकसित करने की तैयारी में है. इसके लिए सर्वे के का काम शुरू हो चुका है. बताया जाता है कि संभवतः चार महीने में सर्वे रिपोर्ट पूरी हो जाएगी.

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नई दिल्ली से वाराणसी तक तैयार होगा रेल कॉरिडोर
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Published : Dec 15, 2020, 4:08 AM IST

नई दिल्ली/वाराणसी: बदलते वक्त के साथ भारतीय रेल भी बदल रहा है. एक तरफ जहां स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बदल रही है, तो वहीं हाई स्पीड ट्रेन चलाकर लोगों को बड़ी राहत देने की तैयारी की जा रही है. अब दिल्ली से वाराणसी के लिए जल्द ही हाई स्पीड रेल कॉरिडोर विकसित करने की तैयारी की गई है. जिसका एरियल लिडार सर्वे का काम रविवार 14 दिसंबर से शुरू हुआ है. इस नए प्लान के तहत वाराणसी से दिल्ली की राह न सिर्फ आसान होगी बल्कि एक नया रेल कॉरिडोर विकसित कर, इस पर इस हाई स्पीड ट्रेन को चलाया जाएगा.

नई दिल्ली से वाराणसी तक तैयार होगा रेल कॉरिडोर

4 महीने में तैयार होगी सर्वे रिपोर्ट

दरअसल लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग लिडार तकनीक से दिल्ली से वाराणसी के बीच हेलीकॉप्टर के जरिए इस सर्वे को किया जाना है. रविवार को मौसम खराब होने की वजह से यह सर्वे पूरी तरह से तो नहीं शुरु पाया, लेकिन इसकी तैयारियां मुकम्मल तौर पर शुरू हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि लगभग 4 महीने में नई दिल्ली से वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की भूमि के सर्वेक्षण का काम इस सर्वे के जरिए पूरा कर लिया जाएगा. इसके पूरा होने के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी. हेलीकॉप्टर पर लगे उपकरण के सहारे सटीक सर्वेक्षण का आंकड़ा, लेजर आंकड़ा, जीपीएस उड़ान और तस्वीरों को इकट्ठा करने के बाद यह रिपोर्ट सेंट्रल गवर्नमेंट को सौंपी जाएगी.

इस बारे में लोकल लेवल पर तो कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन उनका यह जरूर कहना है कि यह रियल लीडर में 2 तरीके से काम होता है. एक जो मैदान का विवरण देता है और दूसरा डाटा की प्रोसेसिंग ड्राइंग और एलाइनमेंट करता है. नई दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर क्षेत्र में काम शुरू हुआ है और इस क्षेत्र में कुल 9 पॉइंट हैं. इसका इस्तेमाल करते हुए 86 पॉइंट से 350 पॉइंट लगाए जाएंगे और हेलीकॉप्टर के जरिए लेजर तकनीक के द्वारा इन आंकड़ों को जुटाया जाएगा.

800 किमी का होगा कॉरिडोर
अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर अलग-अलग तरह के लैंड पैटर्न और टेरेन से होकर गुजरेगा. जिसमें घनी आबादी वाले शहरी और ग्रामीण क्षेत्र होंगे हाईवे, सड़क, नदी, घाट, मैदान आदि भी रास्ते में पड़ेंगे. जिन्हें कॉरिडोर के ट्रैक को पार करना होगा. इसलिए सर्वेक्षण के इस काम में कई तरह की चुनौतियां भी है. लगभग 800 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में बनने वाले स्टेशनों का भी निर्धारण नहीं हुआ है, लेकिन यह कॉरिडोर दिल्ली-अयोध्या से होते हुए वाराणसी को जोड़ेगा जो अपने आप में देश का सबसे अनोखा और शानदार रेल कॉरिडोर होगा.

नई दिल्ली/वाराणसी: बदलते वक्त के साथ भारतीय रेल भी बदल रहा है. एक तरफ जहां स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बदल रही है, तो वहीं हाई स्पीड ट्रेन चलाकर लोगों को बड़ी राहत देने की तैयारी की जा रही है. अब दिल्ली से वाराणसी के लिए जल्द ही हाई स्पीड रेल कॉरिडोर विकसित करने की तैयारी की गई है. जिसका एरियल लिडार सर्वे का काम रविवार 14 दिसंबर से शुरू हुआ है. इस नए प्लान के तहत वाराणसी से दिल्ली की राह न सिर्फ आसान होगी बल्कि एक नया रेल कॉरिडोर विकसित कर, इस पर इस हाई स्पीड ट्रेन को चलाया जाएगा.

नई दिल्ली से वाराणसी तक तैयार होगा रेल कॉरिडोर

4 महीने में तैयार होगी सर्वे रिपोर्ट

दरअसल लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग लिडार तकनीक से दिल्ली से वाराणसी के बीच हेलीकॉप्टर के जरिए इस सर्वे को किया जाना है. रविवार को मौसम खराब होने की वजह से यह सर्वे पूरी तरह से तो नहीं शुरु पाया, लेकिन इसकी तैयारियां मुकम्मल तौर पर शुरू हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि लगभग 4 महीने में नई दिल्ली से वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की भूमि के सर्वेक्षण का काम इस सर्वे के जरिए पूरा कर लिया जाएगा. इसके पूरा होने के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी. हेलीकॉप्टर पर लगे उपकरण के सहारे सटीक सर्वेक्षण का आंकड़ा, लेजर आंकड़ा, जीपीएस उड़ान और तस्वीरों को इकट्ठा करने के बाद यह रिपोर्ट सेंट्रल गवर्नमेंट को सौंपी जाएगी.

इस बारे में लोकल लेवल पर तो कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन उनका यह जरूर कहना है कि यह रियल लीडर में 2 तरीके से काम होता है. एक जो मैदान का विवरण देता है और दूसरा डाटा की प्रोसेसिंग ड्राइंग और एलाइनमेंट करता है. नई दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर क्षेत्र में काम शुरू हुआ है और इस क्षेत्र में कुल 9 पॉइंट हैं. इसका इस्तेमाल करते हुए 86 पॉइंट से 350 पॉइंट लगाए जाएंगे और हेलीकॉप्टर के जरिए लेजर तकनीक के द्वारा इन आंकड़ों को जुटाया जाएगा.

800 किमी का होगा कॉरिडोर
अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर अलग-अलग तरह के लैंड पैटर्न और टेरेन से होकर गुजरेगा. जिसमें घनी आबादी वाले शहरी और ग्रामीण क्षेत्र होंगे हाईवे, सड़क, नदी, घाट, मैदान आदि भी रास्ते में पड़ेंगे. जिन्हें कॉरिडोर के ट्रैक को पार करना होगा. इसलिए सर्वेक्षण के इस काम में कई तरह की चुनौतियां भी है. लगभग 800 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में बनने वाले स्टेशनों का भी निर्धारण नहीं हुआ है, लेकिन यह कॉरिडोर दिल्ली-अयोध्या से होते हुए वाराणसी को जोड़ेगा जो अपने आप में देश का सबसे अनोखा और शानदार रेल कॉरिडोर होगा.

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