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ASI पता लगाएगा दिल्ली में कौन सा समूह सबसे पहले आया था, खुदाई में मिले पेंटेड ग्रे वेयर पर चल रहा अध्ययन - ASI will reopens trenches

ASI will reopens trenches: पुराने किले की खुदाई के दौरान पेंटेड ग्रे वेयर मिले थे, इन्हें हिंदी में चित्रित धूसर मृदभांड कहा जाता है. इनको महाभारत काल से जोड़ा जाता है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यहां और गहराई तक खुदाई करेगी जिससे यह पता लगाया जा सके कि यहां कौन सा समूह सबसे पहले आया था.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 16, 2024, 3:52 PM IST

एएसआई पता लगाएगा दिल्ली में कौन सा समूह सबसे पहले आया था

नई दिल्ली: आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को अब तक पुराने किले की खुदाई में जो कुछ मिला था. उस पर अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करने का काम किया जा रहा है. अब तक खुदाई के दौरान 10 कल्चरल लेवल की वस्तुएं मिली हैं. इनमें से मौर्य काल से भी पहले के प्रमाण मिले हैं. जो करीब 1200 ईसवी के हैं. एएसआई यह पता लगाने के प्रयास में है कि दिल्ली में सबसे पहले कौन समूह आया था. गहराई में दबे अतीत और इतिहास को जानने के लिए फिर से खुदाई भी होगी.

एएसआई के डायरेक्टर (म्यूजियम) वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि सबसे पहले वर्ष 1969-74 में पुराने किले में खुदाई हुई थी. तब आठ काल के अवशेष मिले थे. इसके बाद वर्ष 2013-14, वर्ष 2017-18 में मौर्य काल व उससे पहले के इतिहास का तथ्य मिला था. और वर्ष 2023 में पुराने किले में खुदाई हुई थी. इस दौरान कुषाण काल तक के अवशेष मिले थे. खुदाई में जो भी अवशेष मिले थे उन्हें पुराने किले के म्यूजियम में रखा है. वर्ष 2023 में करीब 200 साल पुराने कुंती मंदिर के सामने खुदाई की गई. इसे स्थान को पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ बताई जाती है.

पुराने किले में खुदाई
पुराने किले में खुदाई

अब तक मिले हैं 10 कल्चरल लेवल: अब तक की खुदाई में प्री मौर्य काल, मौर्य काल, सुंग काल, कुषाण काल, गुप्त काल, उत्तर गुप्त काल, राजपूत काल, सल्तनत काल, मुगल काल और ब्रिटिश काल के प्रमाण मिले हैं. इसमें सबसे पुराना प्री मौर्य काल है. अर्थात मौर्य काल से भी पहले के प्रमाण मिले हैं. जो करीब पांचवीं इसवी के माने जाते हैं. एएसआई के डायरेक्टर म्यूजियम वसंत कुमार स्वर्णकार की निर्देशन में पहले खुदाई हुई हैं. बहुत जल्द दोबारा खुदाई शुरू होगी. कुंती मंदिर से सामने जहां पर खुदाई हुई थी. उसमें और तह तक जाने का काम किया जाएगा.

खुदाई के दौरान मिली मूर्ति
खुदाई के दौरान मिली मूर्ति

प्री मौर्य काल से भी अधिक गहराई तक जाने का उद्देश्य: वसंत कुमार स्वर्णकार के मुताबिक, खुदाई में पेंटेड ग्रे वेयर मिले थे, इन्हें हिंदी में चित्रित धूसर मृदभांड कहा जाता है. इनको महाभारत काल से जोड़ा जाता है. ये करीब 1200 ईसवी पूर्व के हैं. अब इसके आगे की रिसर्च करने की कोशिश की जा रही है. पेंटेड ग्रे वेयर के और प्रमाण खोजने का काम किया जाएगा. जिससे पता लग सके कि दिल्ली मे दिल्ली में कौन सा समूह सबसे पहले आया था.

दिल्ली के सबसे पुराने किलों में से एक पुराना किला
दिल्ली के सबसे पुराने किलों में से एक पुराना किला

वसंत कुमार ने बताया कि खुदाई के दौरान कुछ भी जली हुई चीजें या कार्बन तत्व मिलते हैं तो उनका अध्ययन किया जाता है. कार्बन के क्षय होने की दर से उनकी आय निकाली जाती है. वाटर लेवल ऊपर होने के कारण खोदाई में परेशानी होती है. कार्बन डेटिंग नहीं हो पाती है. खुदाई के कारण जगह सकरी हो जाती है. इससे भी समस्या होती है. पिछली खुदाई में कुषाण काल तक के अवशेष मिले हैं. अब और गहराई तक खुदाई की जाएगी. एएसआई प्री मौर्य काल से भी पहले का इतिहास पता लगाना चाहता है.

एएसआई पता लगाएगा दिल्ली में कौन सा समूह सबसे पहले आया था

नई दिल्ली: आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को अब तक पुराने किले की खुदाई में जो कुछ मिला था. उस पर अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करने का काम किया जा रहा है. अब तक खुदाई के दौरान 10 कल्चरल लेवल की वस्तुएं मिली हैं. इनमें से मौर्य काल से भी पहले के प्रमाण मिले हैं. जो करीब 1200 ईसवी के हैं. एएसआई यह पता लगाने के प्रयास में है कि दिल्ली में सबसे पहले कौन समूह आया था. गहराई में दबे अतीत और इतिहास को जानने के लिए फिर से खुदाई भी होगी.

एएसआई के डायरेक्टर (म्यूजियम) वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि सबसे पहले वर्ष 1969-74 में पुराने किले में खुदाई हुई थी. तब आठ काल के अवशेष मिले थे. इसके बाद वर्ष 2013-14, वर्ष 2017-18 में मौर्य काल व उससे पहले के इतिहास का तथ्य मिला था. और वर्ष 2023 में पुराने किले में खुदाई हुई थी. इस दौरान कुषाण काल तक के अवशेष मिले थे. खुदाई में जो भी अवशेष मिले थे उन्हें पुराने किले के म्यूजियम में रखा है. वर्ष 2023 में करीब 200 साल पुराने कुंती मंदिर के सामने खुदाई की गई. इसे स्थान को पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ बताई जाती है.

पुराने किले में खुदाई
पुराने किले में खुदाई

अब तक मिले हैं 10 कल्चरल लेवल: अब तक की खुदाई में प्री मौर्य काल, मौर्य काल, सुंग काल, कुषाण काल, गुप्त काल, उत्तर गुप्त काल, राजपूत काल, सल्तनत काल, मुगल काल और ब्रिटिश काल के प्रमाण मिले हैं. इसमें सबसे पुराना प्री मौर्य काल है. अर्थात मौर्य काल से भी पहले के प्रमाण मिले हैं. जो करीब पांचवीं इसवी के माने जाते हैं. एएसआई के डायरेक्टर म्यूजियम वसंत कुमार स्वर्णकार की निर्देशन में पहले खुदाई हुई हैं. बहुत जल्द दोबारा खुदाई शुरू होगी. कुंती मंदिर से सामने जहां पर खुदाई हुई थी. उसमें और तह तक जाने का काम किया जाएगा.

खुदाई के दौरान मिली मूर्ति
खुदाई के दौरान मिली मूर्ति

प्री मौर्य काल से भी अधिक गहराई तक जाने का उद्देश्य: वसंत कुमार स्वर्णकार के मुताबिक, खुदाई में पेंटेड ग्रे वेयर मिले थे, इन्हें हिंदी में चित्रित धूसर मृदभांड कहा जाता है. इनको महाभारत काल से जोड़ा जाता है. ये करीब 1200 ईसवी पूर्व के हैं. अब इसके आगे की रिसर्च करने की कोशिश की जा रही है. पेंटेड ग्रे वेयर के और प्रमाण खोजने का काम किया जाएगा. जिससे पता लग सके कि दिल्ली मे दिल्ली में कौन सा समूह सबसे पहले आया था.

दिल्ली के सबसे पुराने किलों में से एक पुराना किला
दिल्ली के सबसे पुराने किलों में से एक पुराना किला

वसंत कुमार ने बताया कि खुदाई के दौरान कुछ भी जली हुई चीजें या कार्बन तत्व मिलते हैं तो उनका अध्ययन किया जाता है. कार्बन के क्षय होने की दर से उनकी आय निकाली जाती है. वाटर लेवल ऊपर होने के कारण खोदाई में परेशानी होती है. कार्बन डेटिंग नहीं हो पाती है. खुदाई के कारण जगह सकरी हो जाती है. इससे भी समस्या होती है. पिछली खुदाई में कुषाण काल तक के अवशेष मिले हैं. अब और गहराई तक खुदाई की जाएगी. एएसआई प्री मौर्य काल से भी पहले का इतिहास पता लगाना चाहता है.

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