नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की शिक्षा मॉडल और टीचर ट्रेनिंग से प्रेरणा लेकर पंजाब में भी शिक्षा क्रांति की अलख जगी है. दरअसल जैसे दिल्ली के शिक्षकों और प्रिंसिपलों को विदेश टीचर ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. इसी कड़ी में पंजाब के 36 प्रिंसिपलों को ट्रेनिंग के लिए 2 फरवरी को सिंगापुर भेजा गया था. इन सभी प्रिंसिपलों ने सिंगापुर में मिली ट्रेनिंग के अनुभव दिल्ली के सर्वोदय बाल विद्यालय में साझा किया.
रविवार को सर्वोदय बाल विद्यालय में दिल्ली के शिक्षक जो पहले विदेशों में ट्रेनिंग ले चुके हैं. उनके साथ पंजाब से ट्रेनिंग लेकर आए प्रिंसिपलों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह के सामने अपने अनुभव साझा किए.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कभी पंजाब जो नशे में डूबा रहता था. वह भी अब दिल्ली के शिक्षा मॉडल से प्रेरणा लेकर अपने प्रिंसिपलों को सिंगापुर भेज रहा है. सबसे बड़ी बात सबसे बड़ा संदेश यह है कि 75 साल में कभी भी किसी पंजाब सरकार ने विदेश ट्रेनिंग के लिए शिक्षकों को नहीं भेजा होगा. कभी देश के दूसरे हिस्से में भी नहीं भेजा होगा. हमारे यहां सभी चीजे अच्छी करनी है. भगवंत मान ने टीचरों को विदेश भेजकर यह साबित किया है कि हमारे लिए शिक्षा अहम है, पंजाब के प्रिंसिपल विदेश गए, मुख्यमंत्री नहीं गए. दिल्ली में 1100 से अधिक शिक्षक विदेश ट्रेनिंग लेकर आए. आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा. धीरे-धीरे सभी प्रिंसिपल विदेश ट्रेनिंग लेकर आयेंगे.
उन्होंने कहा कि आज का एक्सपेरिमेंट बहुत ही शानदार रहा है. सरकारी स्कूलों में पहले माहौल बेहतर नहीं था, अब धीरे-धीरे पंजाब में हालत बदलेंगे. दिल्ली में हमारी सरकार बनी, सारे काम ठीक कर दिए, एजुकेशन ठीक करना हमारे लिए बहुत मुश्किल था. सरकारी स्कूल ठीक हुए और आज प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर सरकारी स्कूल में बच्चे दाखिला ले रहे हैं. प्राइवेट सेक्टर वाले भी अपने शिक्षकों को विदेश ट्रेनिंग के नहीं भेजते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस पर आपत्ति उठाते हैं. लेकिन में उनसे कहना चाहता हूं कि हम दुनिया की बेस्ट ट्रेनिंग देंगे. दुनिया के बेस्ट स्कूल बनाने हैं. साथ ही देश को नंबर बनाएंगे, कुछ समय बाद सिंगापुर के लोग आपसे ट्रेनिंग के लिए आयेंगे.
वहीं मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश में यह पहली बार हो रहा है कि जब दो राज्यों के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी शिक्षा पर एक साथ बैठक कर उन मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं. सिसोदिया ने कहा कि साल 2016-17 में हमने अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेजा. आज जिस हॉल में हम बैठे हैं इसकी बिल्डिंग कभी टूटी-फूटी रहती थी. हमने पहले यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया. इसके बाद शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेजा. लेकिन पंजाब सरकार ने तो अपने पहले साल में ही शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेजा.
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह ने कहा कि एक अलग किस्म का कार्यक्रम है. देश में शिक्षा क्रांति, स्वास्थ्य क्रांति करने वाले केजरीवाल सत्ता में होने के बावजूद भी हर पल यहीं सोचते हैं कि कैसे शिक्षा को गरीब तक पहुंचाई जाए. जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी तो दिल्ली के 90 फीसदी स्कूल खराब थे, मनीष सिसोदिया केजरीवाल ने दिल्ली के सकूल एक नंबर बना दिया.
4 बजे का कार्यक्रम 5 बजे आए मेहमान: कार्यक्रम के शुरुआत से पहले सभी 36 प्रिंसिपलों को बताया गया कि कैसे उन्हें सिंगापुर में मिले अनुभव को शेयर करना है. सभी को बताया गया कि ज्यादा से ज्यादा 2 मिनट और कम से कम एक मिनट का स्पीच देना है. मालूम हो कि कुछ दिनों पहले त्यागराज स्टेडियम में दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता के साथ सिंगापुर, फिनलैंड, कैंब्रिज ट्रेनिंग लेकर आ चुके शिक्षकों, प्रिंसिपलों ने अपने अनुभव साझा किए थे. अब इस कड़ी में पंजाब के प्रिंसिपलों ने अपनी बात साझा की.
वहीं कार्यक्रम के दौरान एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि मेरे स्कूल में एक भी पैसा फीस नहीं ली जाती है. मैं ट्रेनिंग के लिए गया तो पूरे गांव में शादी वाला माहौल हो गया है. कार्यक्रम के दौरान हरजोत कुमार जो कि संगरूर के सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल हैं. उन्होंने कहा कि हमें बच्चों में सीखने की आदत में बदलाव लाना है. सिंगापुर में टाइम मैनेजमेंट बहुत अच्छा है. पंजाब के एक अन्य सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल अजय शर्मा ने कहा कि जब हमें पता चला कि सिंगापुर ट्रेनिंग के लिए जाना है तो हम काफी उत्साह से भरे हुए थे. मेरा विजन था कि में वहां से ऐसा क्या सीख कर आए कि बच्चो को पढ़ाया जाए. हमें टीचिंग लर्निंग एक्टिविटी पर ज्यादा जोर होना चाहिए. हमने ट्रेनिंग में सीखा कि हमारा एक विजन होना चाहिए.जैसे पंजाब सरकार का विजन है शिक्षा-स्वास्थ्य में सुधार करना. वहीं अन्य प्रिंसिपल ने कहा कि हम सिंगापुर से सीख कर आए हैं कि कैसे बच्चो को आसान तरीके से उन्हें पढ़ाना है और कैसे उनसे पढ़ाई का बोझ कम करना है.
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