ETV Bharat / state

आखिर क्यों महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हैं हिंसक घटनाएं, जानिए क्या कहतीं हैं मनोचिकित्सक

दिल्ली में आए दिन महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाली आपराधियों को लेकर ईटीवी भारत ने सर गंगा राम अस्पताल की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अनीता महाजन से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने इस बारे में क्या कहा..

increasing violent incidents against women
increasing violent incidents against women
author img

By

Published : Aug 4, 2023, 5:18 PM IST

डॉ. अनीता महाजन खास बातचीत

नई दिल्ली: राजधानी में गली-चौराहे या नुक्कड़, कहीं भी लड़कियां व महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. श्रद्धा वॉकर की हत्या हो या शाहबाद डेयरी में हुई नाबालिग लड़की की हत्या. सभी ने दिल्लीवासियों को महिला सुरक्षा को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया. वहीं, हाल ही में दिल्ली में तीन अन्य महिलाओं को बेरहमी से मार दिया गया और कुछ महीनों में आधा दर्जन हाई प्रोफाइल मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से पांच मामले प्रेम प्रसंग से जुड़े हैं, जिनमें से कुछ तो बहुत ही बर्बरता से मौत के घाट उतारा गया. इसे लेकर ETV भारत ने सर गंगा राम अस्पताल की मनोचिकित्सक से विशेष बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

सीनियर मनोचिकित्सक डॉ. अनीता महाजन ने बताया कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों की मानसिकता के पीछे कई कारण होते हैं. इसमें सबसे ज्यादा प्रभाव इस बात का होता है कि उनका पालन पोषण किस तरह के माहौल में हुआ है. मुख्य रूप से महिलाओं की हत्या के पीछे एक बड़ा दोष हमारे समाज का भी है. अगर कोई बच्चा बचपन से देखता आया है कि घर और समाज में महिलाओं को कम इज्जत दी जाती है या उसके ऊपर अत्याचार किया जाता है, तो ऐसे ही लोग महिला विरोधी घटनाओं को अंजाम देते हैं. ऐसे लोगों ने अपने माता-पिता के बीच कई हिंसक झगड़े देखे होते हैं या वे अभद्र भाषा या हिंसा का शिकार हुए होते हैं. इन्हीं लोगों का गुस्सा किसी न किसी रूप में बाहर आता है, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी घटनाएं होती हैं.

पुरुषों की गलती को किया जाता है नजरअंदाज: डॉ. अनीता का मानना है कि देश में पितृसत्ता हावी है. अगर किसी भी समाज में पुरुषों को ऊपर माना जाता है और लड़कियों और महिलाओं पर सवाल उठाने के साथ उन्हें नियंत्रित किया जाता है, तो इस तरह की बातें भी लोगों के सही और गलत करने के लिए जिम्मेदार होती हैं. इसके अलावा पुरुषों की गलतियों को नजरअंदाज किया जाना भी एक बड़ा कारण है. कुछ गलती करने पर लड़कों की बजाए उल्टा लड़कियों को गलत समझा जाता है, जिससे ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों का मनोबल बढ़ता है.

मानसिक रोगी नहीं करते ऐसा काम: जब भी कोई ऐसी घटना सामने आती है, तो सबसे पहले हमारे जहन में आता है आरोपी मानसिक रोगी भी हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है. बीते 38 वर्षों से मानसिक रोगियों का इलाज करने वाली डॉ. अनीता ने बताया कि बहुत कम संभावनाएं है कि कोई मानसिक रोगी इस तरह की घटना को अंजाम दे. मुख्य रूप से महिलाओं की हत्या के मामले में आरोपी के जीन्स, अनुभव और ब्रेन डेवलेपमेंट की मुख्य भूमिका होती है.

इलाज है संभव: जो भी आरोपी ऐसी हत्याओं को अंजाम देता है उसका मानसिक इलाज संभव है. डॉ. अनीता ने बताया कि जिस तरह के लोग ऐसे अपराध करते हैं, वे या तो गुस्से में ऐसा करते हैं या आवेग नियंत्रण से बाहर होने पर ऐसा करते हैं. इस पर कई शोध भी हुए हैं. रिपोर्ट में सामने आया है कि हिंसक घटना को अंजाम देने वाले लोगों का इलाज संभव है. ऐसे लोगों को गुस्से पर काबू करना और आवेग नियंत्रण के बारे में बताया जाता है. कई आरोपी ऐसे भी होते हैं, जो हत्या करने के बाद पछताते भी हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अपना आपा खोना है. दरअसल, हिंसक मानसिकता के लोगों के ऐंगर मैनेजमेंट और विचारों पर ध्यान देने की जरूरत होती है. इसके अलावा व्यक्ति के माहौल को स्टडी कर उसका इलाज किया जाता है.

यह भी पढ़ें-Woman Murdered: दिल्ली में लिव इन में रहने वाली महिला की हत्या, बॉयफ्रेंड फरार

हाल में सामने आए मामले: गौरतलब है कि हाल में दिल्ली के मालवीय नगर में अरबिंदो कॉलेज के पास पार्क में एक लड़की की लोहे की रॉड से पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसकी पहचान नरगिस के रूप में हुई थी. पुलिस ने आरोपी इरफान को पकड़ लिया है. बताया गया कि नरगिस, कमला नेहरू कॉलेज की छात्रा थी. इरफान नरगिस से शादी करना चाहता था, लेकिन उसने शादी से इनकार कर दिया था. इसके अलावा दिल्ली के डाबड़ी इलाके में एक शादीशुदा महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी आशीष मौके से फरार हो गया था. पुलिस जब आशीष को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंची तो देखा कि आरोपी आत्महत्या कर चुका था.

यह भी पढ़ें-Delhi stabbing case: दिल्ली में नहीं थम रही 'चाकूबाजी', केवल जून में घटी 8 घटनाएं!

डॉ. अनीता महाजन खास बातचीत

नई दिल्ली: राजधानी में गली-चौराहे या नुक्कड़, कहीं भी लड़कियां व महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. श्रद्धा वॉकर की हत्या हो या शाहबाद डेयरी में हुई नाबालिग लड़की की हत्या. सभी ने दिल्लीवासियों को महिला सुरक्षा को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया. वहीं, हाल ही में दिल्ली में तीन अन्य महिलाओं को बेरहमी से मार दिया गया और कुछ महीनों में आधा दर्जन हाई प्रोफाइल मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से पांच मामले प्रेम प्रसंग से जुड़े हैं, जिनमें से कुछ तो बहुत ही बर्बरता से मौत के घाट उतारा गया. इसे लेकर ETV भारत ने सर गंगा राम अस्पताल की मनोचिकित्सक से विशेष बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

सीनियर मनोचिकित्सक डॉ. अनीता महाजन ने बताया कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों की मानसिकता के पीछे कई कारण होते हैं. इसमें सबसे ज्यादा प्रभाव इस बात का होता है कि उनका पालन पोषण किस तरह के माहौल में हुआ है. मुख्य रूप से महिलाओं की हत्या के पीछे एक बड़ा दोष हमारे समाज का भी है. अगर कोई बच्चा बचपन से देखता आया है कि घर और समाज में महिलाओं को कम इज्जत दी जाती है या उसके ऊपर अत्याचार किया जाता है, तो ऐसे ही लोग महिला विरोधी घटनाओं को अंजाम देते हैं. ऐसे लोगों ने अपने माता-पिता के बीच कई हिंसक झगड़े देखे होते हैं या वे अभद्र भाषा या हिंसा का शिकार हुए होते हैं. इन्हीं लोगों का गुस्सा किसी न किसी रूप में बाहर आता है, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी घटनाएं होती हैं.

पुरुषों की गलती को किया जाता है नजरअंदाज: डॉ. अनीता का मानना है कि देश में पितृसत्ता हावी है. अगर किसी भी समाज में पुरुषों को ऊपर माना जाता है और लड़कियों और महिलाओं पर सवाल उठाने के साथ उन्हें नियंत्रित किया जाता है, तो इस तरह की बातें भी लोगों के सही और गलत करने के लिए जिम्मेदार होती हैं. इसके अलावा पुरुषों की गलतियों को नजरअंदाज किया जाना भी एक बड़ा कारण है. कुछ गलती करने पर लड़कों की बजाए उल्टा लड़कियों को गलत समझा जाता है, जिससे ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों का मनोबल बढ़ता है.

मानसिक रोगी नहीं करते ऐसा काम: जब भी कोई ऐसी घटना सामने आती है, तो सबसे पहले हमारे जहन में आता है आरोपी मानसिक रोगी भी हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है. बीते 38 वर्षों से मानसिक रोगियों का इलाज करने वाली डॉ. अनीता ने बताया कि बहुत कम संभावनाएं है कि कोई मानसिक रोगी इस तरह की घटना को अंजाम दे. मुख्य रूप से महिलाओं की हत्या के मामले में आरोपी के जीन्स, अनुभव और ब्रेन डेवलेपमेंट की मुख्य भूमिका होती है.

इलाज है संभव: जो भी आरोपी ऐसी हत्याओं को अंजाम देता है उसका मानसिक इलाज संभव है. डॉ. अनीता ने बताया कि जिस तरह के लोग ऐसे अपराध करते हैं, वे या तो गुस्से में ऐसा करते हैं या आवेग नियंत्रण से बाहर होने पर ऐसा करते हैं. इस पर कई शोध भी हुए हैं. रिपोर्ट में सामने आया है कि हिंसक घटना को अंजाम देने वाले लोगों का इलाज संभव है. ऐसे लोगों को गुस्से पर काबू करना और आवेग नियंत्रण के बारे में बताया जाता है. कई आरोपी ऐसे भी होते हैं, जो हत्या करने के बाद पछताते भी हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अपना आपा खोना है. दरअसल, हिंसक मानसिकता के लोगों के ऐंगर मैनेजमेंट और विचारों पर ध्यान देने की जरूरत होती है. इसके अलावा व्यक्ति के माहौल को स्टडी कर उसका इलाज किया जाता है.

यह भी पढ़ें-Woman Murdered: दिल्ली में लिव इन में रहने वाली महिला की हत्या, बॉयफ्रेंड फरार

हाल में सामने आए मामले: गौरतलब है कि हाल में दिल्ली के मालवीय नगर में अरबिंदो कॉलेज के पास पार्क में एक लड़की की लोहे की रॉड से पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसकी पहचान नरगिस के रूप में हुई थी. पुलिस ने आरोपी इरफान को पकड़ लिया है. बताया गया कि नरगिस, कमला नेहरू कॉलेज की छात्रा थी. इरफान नरगिस से शादी करना चाहता था, लेकिन उसने शादी से इनकार कर दिया था. इसके अलावा दिल्ली के डाबड़ी इलाके में एक शादीशुदा महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी आशीष मौके से फरार हो गया था. पुलिस जब आशीष को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंची तो देखा कि आरोपी आत्महत्या कर चुका था.

यह भी पढ़ें-Delhi stabbing case: दिल्ली में नहीं थम रही 'चाकूबाजी', केवल जून में घटी 8 घटनाएं!

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.