नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के खिलाफ रविवार को जंतर-मंतर पर ओबीसी संघर्ष संयुक्त समिति के तत्वाधान में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में दिल्ली में रहने वाले ओबीसी समाज के लोग पहुंचे थे. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद और बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण ने कहा कि देश के शोषित, वंचित व पिछड़ा वर्ग के कल्याण और उत्थान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार समर्पित होकर कार्य कर रही है. लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ओबीसी समाज को ठग रही है. यह नहीं चलेगा. यहां मौजूद सभी ओबीसी समाज के लोगों को अब एकजुट होना होगा.
प्रवासी समाज को अधिकार देना होगा: ओबीसी संघर्ष संयुक्त समिति के संयोजक सुनील यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि, दिल्ली का प्रवासी ओबीसी समाज जिस तरह से यहां भारी संख्या में एकत्रित होकर अपनी ताकत का परिचय दिया है, यह साबित करता है कि 1993 अधिवास की बाध्यता को केजरीवाल सरकार को खत्म करना होगा और प्रवासी समाज को अधिकार देना होगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रदेश की सरकारी नौकरियों की परीक्षा लेने वाली संस्था दिल्ली अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा दिल्ली की सरकारी नौकरियों का लाभ केवल उन परिवारों के बच्चों को दिया जा रहा है जो 1993 से पहले के मूल निवासी हैं.
8 साल से सिर्फ झूठ बोल रही सरकार: सुनील यादव ने कहा कि केजरीवाल सरकार पिछले आठ सालों से लगातार ओबीसी समाज को अपने झूठे वादों का शिकार बना रही है. ओबीसी समाज को केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं से भी वंचित रखा जा रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण है कि दिल्ली सरकार ओबीसी सर्टिफिकेट नहीं बनाने दे रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में लिखा था कि जब उनकी सरकार बनेगी तब वो दिल्ली में रह रहे ओबीसी समाज के लिये इस 1993 के पहले के प्रमाण पत्र की बाध्यता (शर्त) को खत्म करेंगे और ओबीसी प्रमाण पत्र का सरलीकरण करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है. हम चाहते हैं कि जो उन्होंने वायदा किया था उसे पूरा करें.
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