नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के आनंद विहार, सराय काले खां, द्वारका और नरेला बस टर्मिनल को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किए जाने का प्रस्ताव सालों से लंबित पड़ा है. अभी तक इन बस अड्डों का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तक तैयार नहीं हुआ है. डीपीआर बनाने का काम दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) को दिया गया है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर इन बस अड्डों को बनाया जाना है.
आनंद विहार, सराय काले खां, द्वारका और नरेला बस टर्मिनल को मल्टीलेवल बनाया जाना है. पीपीपी मॉडल पर बनने वाले इन बस टर्मिनल पर लोगों को एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं देने का प्रस्ताव है. सूत्रों के मुताबिक, बस अड्डों पर एयरपोर्ट की तरह बेहतरीन सुविधा वाला वेटिंग रूम, रेस्टोरेंट, बैंक, पार्किंग आदि की सुविधाएं मिलेगी. सभी बस टर्मिनल से इंटरस्टेट बसों के साथ दिल्ली की लोकल बसें और मेट्रो की भी सुविधा है. बता दें कि दिल्ली के इन टर्मिनल से रोजाना चार हजार से अधिक बसें देश के विभिन्न राज्यों के लिए चलती है.
चारों बस टर्मिनल को पीपीपी मॉडल पर मल्टीलेवल बनाने के लिए दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीटीआईडीसी) की ओर से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम डीएमआरसी को दिया गया है. डीपीआर बनने के बाद इसपर काम शुरू होगा. ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 5 साल से अधिक समय से बस टर्मिनल को एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाने का प्रस्ताव चल रहा है, लेकिन अभी तक डीपीआर नहीं बन सकी है. दिल्ली परिवहन विभाग के पास फंड का भी आभाव है. कब तक डीपीआर बनेगी और कब काम पूरा होगा यह निर्धारित नहीं है.
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दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में सिविल मैनेजर डीपी द्विवेदी का इस संबंध में कहना है कि डीपीआर डीएमआरसी को बनाना है. डीपीआर बनाने के बाद इसे मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. फिर फंड मिलने के बाद इसपर काम शुरू होगा.