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DU में अगले सत्र से छात्रावास आवेदन के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था करने की तैयारी, होगा ये फायदा - दिल्ली विश्वविद्यालय

Hostels in DU: डीयू में छात्रों की छात्रावास के आवंटन संबंधित शिकायतों के मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावास आवेदन के लिए व्यवस्था को केंद्रीकृत करने की तैयारी कर रही है. वर्तमान में हर डॉस्टल की अलग वेबसाइट है, जिससे छात्रों को अप्लाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.

दिल्ली विश्वविद्यालय
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 5, 2024, 9:41 AM IST

Updated : Jan 5, 2024, 9:50 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया, छात्रों के लिए प्रवेश से भी मुश्किल बन गई है. दरअसल उन्हें छात्रावास आवंटन के लिए एक से दूसरे छात्रावास भटकना पड़ता है, जिसे लेकर वे कई बार आपत्ति दर्ज करा चुके है. इसे देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रावास आवेदन के लिए एक केंद्रीकृत व्यवस्था करने की तैयारी कर रहा है, जिससे छात्र एक ही स्थान से सभी छात्रावासों के लिए आवेदन कर सके.

हालांकि छात्रावास आवंटन में अभी समस्याएं बहुत हैं. इस सत्र में कई छात्रों को सीटें खाली होने के बावजूद छात्रावास का आवंटन नहीं हुआ है. डीयू में जुबली हॉल, ग्वैर हॉल, पीजी मेंस, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स, वीके राव लड़कों के छात्रावास हैं, जबकि मेघदूत, विमन्स हॉस्टल, एनबीबीएम लड़कियों के छात्रावास हैं. इसके अलावा कालेजों के अपने छात्रावास हैं. सबसे बड़ी समस्या इनके लिए आवेदन करने की है. हर छात्रावास की अपनी वेबसाइट है, जहां छात्रों को हर वक्त अलर्ट होकर देखना होता है. एक बार आवेदन की तिथि निकलने पर उन्हें फिर मौका नहीं मिलता.

छात्रों का आरोप है कि छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया ही गड़बड़ है. वर्तमान में छात्रावासों में सीटें खाली हैं, लेकिन आवेदन करने वाले छात्रों को आवंटन नहीं किया जा रहा है. एक छात्र ने बताया कि डीयू के ही दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के लिए दो सीटें ग्वैर हॉल छात्रावास में थीं, लेकिन इनमें एक ही आवंटित की गई है. दूसरी सीट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. छात्र ने कहा कि कमोबेश यही स्थिति दूसरे छात्रावासों की भी है. अंतरराष्ट्रीय छात्रों के छात्रावासों और जुबली हॉल छात्रावास में मरम्मत कार्य चल रहा है, इसलिए वहां पूरी सीटों का आवंटन नहीं किया गया है. लेकिन मरम्मत कार्य चलते हुए काफी दिन हो गए हैं. इसे जल्द पूरा करना चाहिए, क्योंकि छात्रों को महंगे दामों पर बाहर रूम लेना पड़ रहा है. उसने आरोप लगाया कि जिन छात्रों की ऊंची पहचान होती है, उन्हें जल्द छात्रावास आवंटित हो जाता है.

यह भी पढ़ें-प्रोफेशन से संबंधित क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने के लिए डीयू में मौका, देखें आवेदन की अंतिम तिथि

उधर डीयू प्रशासन का कहना है कि छात्रावासों की संख्या छात्रों की तुलना में कम है, जिससे सबको छात्रावास मिलना संभव नहीं है. अभी मुखर्जी नगर के नजदीक ढाका में दो छात्रावास का निर्माण शुरू होने वाला है. इससे काफी समस्या हल होगी. डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि छात्र संगठनों ने भी छात्रावास की समस्या को लेकर मुझसे शिकायत की है. हम सभी शिकायतों पर गौर कर रहे हैं और प्रवेश प्रक्रिया को केंद्रीकृत किया जा रहा है. कोशिश की जाएगी कि अगले सत्र से छात्रावासों के लिए आवेदन प्रक्रिया भी केंद्रीकृत कर दी जाए. कई छात्रावासों में मरम्मत कार्य चल रहे हैं, जहां-जहां कार्य पूरा हो रहा है, वहां आवंटन दिया जा रहा है. अब 100 साल पुराना विश्वविद्यालय मरम्मत तो मांगता ही है.

यह भी पढ़ें-नए साल में डीयू को मिलेगी बड़ी सौगात, सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर का निर्माण कार्य होगा शुरू

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया, छात्रों के लिए प्रवेश से भी मुश्किल बन गई है. दरअसल उन्हें छात्रावास आवंटन के लिए एक से दूसरे छात्रावास भटकना पड़ता है, जिसे लेकर वे कई बार आपत्ति दर्ज करा चुके है. इसे देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रावास आवेदन के लिए एक केंद्रीकृत व्यवस्था करने की तैयारी कर रहा है, जिससे छात्र एक ही स्थान से सभी छात्रावासों के लिए आवेदन कर सके.

हालांकि छात्रावास आवंटन में अभी समस्याएं बहुत हैं. इस सत्र में कई छात्रों को सीटें खाली होने के बावजूद छात्रावास का आवंटन नहीं हुआ है. डीयू में जुबली हॉल, ग्वैर हॉल, पीजी मेंस, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स, वीके राव लड़कों के छात्रावास हैं, जबकि मेघदूत, विमन्स हॉस्टल, एनबीबीएम लड़कियों के छात्रावास हैं. इसके अलावा कालेजों के अपने छात्रावास हैं. सबसे बड़ी समस्या इनके लिए आवेदन करने की है. हर छात्रावास की अपनी वेबसाइट है, जहां छात्रों को हर वक्त अलर्ट होकर देखना होता है. एक बार आवेदन की तिथि निकलने पर उन्हें फिर मौका नहीं मिलता.

छात्रों का आरोप है कि छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया ही गड़बड़ है. वर्तमान में छात्रावासों में सीटें खाली हैं, लेकिन आवेदन करने वाले छात्रों को आवंटन नहीं किया जा रहा है. एक छात्र ने बताया कि डीयू के ही दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के लिए दो सीटें ग्वैर हॉल छात्रावास में थीं, लेकिन इनमें एक ही आवंटित की गई है. दूसरी सीट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. छात्र ने कहा कि कमोबेश यही स्थिति दूसरे छात्रावासों की भी है. अंतरराष्ट्रीय छात्रों के छात्रावासों और जुबली हॉल छात्रावास में मरम्मत कार्य चल रहा है, इसलिए वहां पूरी सीटों का आवंटन नहीं किया गया है. लेकिन मरम्मत कार्य चलते हुए काफी दिन हो गए हैं. इसे जल्द पूरा करना चाहिए, क्योंकि छात्रों को महंगे दामों पर बाहर रूम लेना पड़ रहा है. उसने आरोप लगाया कि जिन छात्रों की ऊंची पहचान होती है, उन्हें जल्द छात्रावास आवंटित हो जाता है.

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उधर डीयू प्रशासन का कहना है कि छात्रावासों की संख्या छात्रों की तुलना में कम है, जिससे सबको छात्रावास मिलना संभव नहीं है. अभी मुखर्जी नगर के नजदीक ढाका में दो छात्रावास का निर्माण शुरू होने वाला है. इससे काफी समस्या हल होगी. डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि छात्र संगठनों ने भी छात्रावास की समस्या को लेकर मुझसे शिकायत की है. हम सभी शिकायतों पर गौर कर रहे हैं और प्रवेश प्रक्रिया को केंद्रीकृत किया जा रहा है. कोशिश की जाएगी कि अगले सत्र से छात्रावासों के लिए आवेदन प्रक्रिया भी केंद्रीकृत कर दी जाए. कई छात्रावासों में मरम्मत कार्य चल रहे हैं, जहां-जहां कार्य पूरा हो रहा है, वहां आवंटन दिया जा रहा है. अब 100 साल पुराना विश्वविद्यालय मरम्मत तो मांगता ही है.

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Last Updated : Jan 5, 2024, 9:50 AM IST
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