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दौड़ने लगी देश की पहली चालक रहित मेट्रो, पीएम ने दिखाई हरी झंडी

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Published : Dec 28, 2020, 12:13 PM IST

Updated : Dec 28, 2020, 1:24 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पहली चालक रहित मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. अभी तक दुनिया के केवल 7 शहरों में ही चालक रहित मेट्रो सेवा है जिसमें दिल्ली मेट्रो भी शामिल हो गया है.

inauguration of driverless metro
देश की पहली चालक रहित मेट्रो

नई दिल्ली: देश की पहली चालक रहित मेट्रो मैजेंटा लाइन पर सोमवार से दौड़ने लगी है. सोमवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पहली चालक रहित मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके साथ ही यह सफर यात्रियों के लिए भी शुरू हो गया है.

दौड़ने लगी देश की पहली चालक रहित मेट्रो

37 किलोमीटर लंबी मैजेंटा लाइन पर से शुरू होने वाली यह सुविधा धीरे-धीरे मेट्रो के पूरे तीसरे फेज की सभी लाइन पर चलने लगेगी. मैजेंटा लाइन के बाद 57 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन पर इसकी शुरुआत की जाएगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चालक रहित मेट्रो का उद्घाटन करते हुए कहा कि 3 साल पहले मैजेंटा लाइन का उद्घाटन उन्होंने किया था. आज चालक रहित मेट्रो सेवा की शुरुआत हुई है, जो बताता है कि देश किस तरह तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. देश में तेजी से मेट्रो लाइन का निर्माण हो रहा है. ऐसे में देश में चालक रहित मेट्रो सेवा का शुरू होना गर्व की बात है.

अभी तक दुनिया के केवल 7 शहरों में ही चालक रहित मेट्रो सेवा है जिसमें दिल्ली मेट्रो भी शामिल हो गया है. भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब उनकी सरकार आई तो केवल 5 शहरों में मेट्रो थी जो अभी के समय में 18 शहरों में है. 2014 में जहां 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन थी तो वहीं अभी 700 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो लाइन बन चुकी है.

लास्ट माइल कनेक्टिविटी पर काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अलग-अलग शहरों में जनता को ध्यान में रखते हुए वहां उसी तरह की मेट्रो बनाई जा रही है. जहां कम भीड़ वाले क्षेत्र हैं, वहां पर मेट्रो लाइट का निर्माण किया जा रहा है जो सामान्य मेट्रो से 40 फीसदी कम लागत में तैयार हो रही है. इससे भी कम भीड़ वाले क्षेत्र में मेट्रो नियो का निर्माण हो रहा है जो सामान्य मेट्रो की 25 फीसदी लागत में बनकर तैयार होगी.

इसके अलावा वाटर मेट्रो का कार्य उन क्षेत्रों में चल रहा है जहां वाटर बॉडी है. मेट्रो आज केवल एक ट्रांसपोर्ट नहीं बल्कि प्रदूषण कम करने का जरिया है. मेट्रो के चलते सड़क से वाहनों का दबाव कम होता है जिससे प्रदूषण एवं जाम से राहत मिलती है. उन्होंने कहा कि आज मेट्रो के विस्तार के लिए मेक इन इंडिया के तहत काम किया जा रहा है. पहले जहां मेट्रो कोच की लागत 12 करोड़ रुपये थी तो वह घटकर 8 करोड़ रह गई है. इसके साथ ही देश के लोगों को इससे रोजगार भी मिल रहा है.

कैसे चलेगी बिना चालक के मेट्रो ?

जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो के तीसरे फेज में बनी मैजेंटा एवं पिंक लाइन मेट्रो में सीबीटीसी सिस्टम लगा हुआ है. यह सिस्टम एक वाई-फाई की तरह काम करता है. यह मेट्रो को सिग्नल देता है जिससे वह चलती है. मेट्रो ट्रेन में लगे रिसीवर सिग्नल मिलने पर मेट्रो को आगे बढ़ाते हैं. विदेश की कई मेट्रो में इस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है.

यह सिस्टम इतना सुरक्षित है कि अगर कभी दो मेट्रो आमने सामने एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं तो एक निश्चित दूरी पर वह अपने आप ही रुक जाएगी. डीएमआरसी सूत्रों की माने तो चालक रहित इस मेट्रो में कुछ समय तक एक ड्राइवर को बिठाया जाएगा, लेकिन बाद में उसे हटा लिया जाएगा.

पहले से ज्यादा बेहतर होगा सफर

डीएमआरसी सूत्रों के अनुसार चालक रहित यह मेट्रो पहले से ज्यादा बेहतर सफर का अनुभव यात्रियों को देगी. आमतौर पर मेट्रो सफर के दौरान कई बार झटके जैसा जो अनुभव होता है, वह इस सफर में नहीं होगा. मेट्रो में चढ़ने-उतरने के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी यात्रियों को नहीं होगी. इस सेवा के शुरू होने से मानवीय भूल की संभावना भी खत्म हो जाएगी.

फिलहाल मैजेंटा लाइन पर 25 से 30 चालक रहित मेट्रो डीएमआरसी चलाने जा रही है. यह लाइन जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन के बीच चलती है. बताया जाता है कि मेट्रो के चौथे फेज की सभी लाइन पर भी चालक रहित मेट्रो चलाने की सुविधा होगी.

ये भी पढ़ें- देश में पहली बिना ड्राइवर वाली मेट्रो शुरू, पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

2022 तक एक करोड़ यात्री करेंगे मेट्रो से सफर

डीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल के अनुसार वर्ष 2014 तक जहां देश के 5 शहरों में केवल 248 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क था तो वहीं अभी के समय में 18 शहरों में 702 किलोमीटर मेट्रो लाइन बन चुकी है. आने वाले कुछ ही समय में लगभग 27 शहरों में कुल 1000 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क तैयार हो जाएगा. 2022 में जब भारत की आजादी को 75 साल पूरे होंगे उस समय 1000 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क पर रोजाना लगभग एक करोड़ यात्री सफर कर सकेंगे.

फिलहाल दिल्ली एनसीआर में लगभग 390 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क पर परिचालन चल रहा है जिसमें 11 कोरिडोर शामिल हैं . इन पर 285 स्टेशन बने हुए हैं और औसतन लगभग 60 लाख यात्राएं इस नेटवर्क पर की जा रही हैं.

ये भी पढ़ें- दिल्‍ली में चलेगी बिना ड्राइवर वाली ये मेट्रो, जानें खासियत

नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की शुरुआत

एयरपोर्ट मेट्रो पर पूरी तरह संचालित होने वाले नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को किया गया. यह सुविधा भी देश की किसी मेट्रो में पहली बार हुआ है. पिछले डेढ़ वर्षो के दौरान 23 बैंकों द्वारा जारी रुपे डेबिट कार्ड धारक कोई भी व्यक्ति उस कार्ड के इस्तेमाल से एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर यात्रा कर सकेगा. यह सुविधा वर्ष 2022 तक पूरे दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर उपलब्ध हो सकेगी. इसके बाद स्मार्ट कार्ड के साथ ही डेबिट कार्ड से भी यात्री मेट्रो में सफर कर सकेंगे.

नई दिल्ली: देश की पहली चालक रहित मेट्रो मैजेंटा लाइन पर सोमवार से दौड़ने लगी है. सोमवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पहली चालक रहित मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके साथ ही यह सफर यात्रियों के लिए भी शुरू हो गया है.

दौड़ने लगी देश की पहली चालक रहित मेट्रो

37 किलोमीटर लंबी मैजेंटा लाइन पर से शुरू होने वाली यह सुविधा धीरे-धीरे मेट्रो के पूरे तीसरे फेज की सभी लाइन पर चलने लगेगी. मैजेंटा लाइन के बाद 57 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन पर इसकी शुरुआत की जाएगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चालक रहित मेट्रो का उद्घाटन करते हुए कहा कि 3 साल पहले मैजेंटा लाइन का उद्घाटन उन्होंने किया था. आज चालक रहित मेट्रो सेवा की शुरुआत हुई है, जो बताता है कि देश किस तरह तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. देश में तेजी से मेट्रो लाइन का निर्माण हो रहा है. ऐसे में देश में चालक रहित मेट्रो सेवा का शुरू होना गर्व की बात है.

अभी तक दुनिया के केवल 7 शहरों में ही चालक रहित मेट्रो सेवा है जिसमें दिल्ली मेट्रो भी शामिल हो गया है. भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब उनकी सरकार आई तो केवल 5 शहरों में मेट्रो थी जो अभी के समय में 18 शहरों में है. 2014 में जहां 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन थी तो वहीं अभी 700 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो लाइन बन चुकी है.

लास्ट माइल कनेक्टिविटी पर काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अलग-अलग शहरों में जनता को ध्यान में रखते हुए वहां उसी तरह की मेट्रो बनाई जा रही है. जहां कम भीड़ वाले क्षेत्र हैं, वहां पर मेट्रो लाइट का निर्माण किया जा रहा है जो सामान्य मेट्रो से 40 फीसदी कम लागत में तैयार हो रही है. इससे भी कम भीड़ वाले क्षेत्र में मेट्रो नियो का निर्माण हो रहा है जो सामान्य मेट्रो की 25 फीसदी लागत में बनकर तैयार होगी.

इसके अलावा वाटर मेट्रो का कार्य उन क्षेत्रों में चल रहा है जहां वाटर बॉडी है. मेट्रो आज केवल एक ट्रांसपोर्ट नहीं बल्कि प्रदूषण कम करने का जरिया है. मेट्रो के चलते सड़क से वाहनों का दबाव कम होता है जिससे प्रदूषण एवं जाम से राहत मिलती है. उन्होंने कहा कि आज मेट्रो के विस्तार के लिए मेक इन इंडिया के तहत काम किया जा रहा है. पहले जहां मेट्रो कोच की लागत 12 करोड़ रुपये थी तो वह घटकर 8 करोड़ रह गई है. इसके साथ ही देश के लोगों को इससे रोजगार भी मिल रहा है.

कैसे चलेगी बिना चालक के मेट्रो ?

जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो के तीसरे फेज में बनी मैजेंटा एवं पिंक लाइन मेट्रो में सीबीटीसी सिस्टम लगा हुआ है. यह सिस्टम एक वाई-फाई की तरह काम करता है. यह मेट्रो को सिग्नल देता है जिससे वह चलती है. मेट्रो ट्रेन में लगे रिसीवर सिग्नल मिलने पर मेट्रो को आगे बढ़ाते हैं. विदेश की कई मेट्रो में इस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है.

यह सिस्टम इतना सुरक्षित है कि अगर कभी दो मेट्रो आमने सामने एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं तो एक निश्चित दूरी पर वह अपने आप ही रुक जाएगी. डीएमआरसी सूत्रों की माने तो चालक रहित इस मेट्रो में कुछ समय तक एक ड्राइवर को बिठाया जाएगा, लेकिन बाद में उसे हटा लिया जाएगा.

पहले से ज्यादा बेहतर होगा सफर

डीएमआरसी सूत्रों के अनुसार चालक रहित यह मेट्रो पहले से ज्यादा बेहतर सफर का अनुभव यात्रियों को देगी. आमतौर पर मेट्रो सफर के दौरान कई बार झटके जैसा जो अनुभव होता है, वह इस सफर में नहीं होगा. मेट्रो में चढ़ने-उतरने के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी यात्रियों को नहीं होगी. इस सेवा के शुरू होने से मानवीय भूल की संभावना भी खत्म हो जाएगी.

फिलहाल मैजेंटा लाइन पर 25 से 30 चालक रहित मेट्रो डीएमआरसी चलाने जा रही है. यह लाइन जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन के बीच चलती है. बताया जाता है कि मेट्रो के चौथे फेज की सभी लाइन पर भी चालक रहित मेट्रो चलाने की सुविधा होगी.

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2022 तक एक करोड़ यात्री करेंगे मेट्रो से सफर

डीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल के अनुसार वर्ष 2014 तक जहां देश के 5 शहरों में केवल 248 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क था तो वहीं अभी के समय में 18 शहरों में 702 किलोमीटर मेट्रो लाइन बन चुकी है. आने वाले कुछ ही समय में लगभग 27 शहरों में कुल 1000 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क तैयार हो जाएगा. 2022 में जब भारत की आजादी को 75 साल पूरे होंगे उस समय 1000 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क पर रोजाना लगभग एक करोड़ यात्री सफर कर सकेंगे.

फिलहाल दिल्ली एनसीआर में लगभग 390 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क पर परिचालन चल रहा है जिसमें 11 कोरिडोर शामिल हैं . इन पर 285 स्टेशन बने हुए हैं और औसतन लगभग 60 लाख यात्राएं इस नेटवर्क पर की जा रही हैं.

ये भी पढ़ें- दिल्‍ली में चलेगी बिना ड्राइवर वाली ये मेट्रो, जानें खासियत

नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की शुरुआत

एयरपोर्ट मेट्रो पर पूरी तरह संचालित होने वाले नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को किया गया. यह सुविधा भी देश की किसी मेट्रो में पहली बार हुआ है. पिछले डेढ़ वर्षो के दौरान 23 बैंकों द्वारा जारी रुपे डेबिट कार्ड धारक कोई भी व्यक्ति उस कार्ड के इस्तेमाल से एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर यात्रा कर सकेगा. यह सुविधा वर्ष 2022 तक पूरे दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर उपलब्ध हो सकेगी. इसके बाद स्मार्ट कार्ड के साथ ही डेबिट कार्ड से भी यात्री मेट्रो में सफर कर सकेंगे.

Last Updated : Dec 28, 2020, 1:24 PM IST
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