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किसान आंदोलन में बैठे उपद्रवियों को हटाने की मांग, हाई कोर्ट में याचिका दायर - Petition filed for violence in tractor parade on 26 January

किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में वकील धनंजय सिंह ने याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि पिछले 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर रैली के दौरान उपद्रवियों को नियंत्रित करने में दिल्ली पुलिस और सरकार पूरे तरीके से विफल रही है. इसलिए दिल्ली में पर्याप्त संख्या में अर्द्ध सैन्य बलों की तैनाती की मांग की गई है.

Delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Jan 27, 2021, 10:09 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर किसानों के आंदोलन की आड़ में बैठे लोगों को हटाने और पर्याप्त संख्या में अर्द्ध सैन्य बलों की तैनाती की मांग की गई है. याचिका में दिल्ली पुलिस के वर्तमान कमिश्नर को हटाने और अपने कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों को सजा देने की मांग की गई है.


उपद्रवियों को नियंत्रित करने में सरकार और पुलिस रही नाकाम

वकील धनंजय जैन ने याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि पिछले 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर रैली के दौरान उपद्रवियों को नियंत्रित करने में दिल्ली पुलिस और सरकार पूरे तरीके से विफल रही है. याचिका में कहा गया है कि जब पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था तो आंदोलनकारी किसान ट्रैक्टर पर बैठकर निकल गए. पुलिस से जिन रूटों पर जाने की सहमति बनी थी. उसका उल्लंघन किया गया और दूसरे रुटों पर चले गए. आंदोलनकारियों ने न केवल सामान्य जीवन को प्रभावित किया बल्कि पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया. कुछ आंदोलनकारियों ने तो ट्रैक्टर के नीचे पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की.


दिल्ली पुलिस के लिए शर्म की बात
याचिका में कहा गया है कि कुछ आंदोलनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर लाल किले के अंदर भी चले गए. वे वहां तक चले गए जहां से हमारे प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं. इस दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया और उन्हें गड्ढे में धकेल दिया गया. न्यूज चैनल्स में जो खबरें दिखाई गई उसके मुताबिक पूरे तरीके से अराजकता हावी हो गई. यह दिल्ली पुलिस के लिए शर्म की बात है कि आंदोलनकारी पूरे तरीके से हावी हो गए. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने समय पर फैसला नहीं लिया जिसकी वजह से लाल किले से पुलिस को खदेड़ दिया गया.



सेना को तैनात करने की जरूरत
याचिका में कहा गया है कि कोई भी विरोध प्रदर्शन को जनतांत्रिक और सभ्य तरीके से किया जाना चाहिए. विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा की अनुमति नहीं दी जा सकती है वो भी गणतंत्र दिवस के दिन जो हमारे गर्व का दिवस होता है. गणतंत्र दिवस के दिन ऐसा कर हमारे राष्ट्रीय गर्व को शर्म में बदलने की कोशिश की गई है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस सीधे सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आता है. लेकिन 26 जनवरी के दिन दोनों ही असफल साबित हुए. ऐसे में स्थिति पर नियंत्रण के लिए सेना को बुलाने की जरूरत है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर किसानों के आंदोलन की आड़ में बैठे लोगों को हटाने और पर्याप्त संख्या में अर्द्ध सैन्य बलों की तैनाती की मांग की गई है. याचिका में दिल्ली पुलिस के वर्तमान कमिश्नर को हटाने और अपने कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों को सजा देने की मांग की गई है.


उपद्रवियों को नियंत्रित करने में सरकार और पुलिस रही नाकाम

वकील धनंजय जैन ने याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि पिछले 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर रैली के दौरान उपद्रवियों को नियंत्रित करने में दिल्ली पुलिस और सरकार पूरे तरीके से विफल रही है. याचिका में कहा गया है कि जब पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था तो आंदोलनकारी किसान ट्रैक्टर पर बैठकर निकल गए. पुलिस से जिन रूटों पर जाने की सहमति बनी थी. उसका उल्लंघन किया गया और दूसरे रुटों पर चले गए. आंदोलनकारियों ने न केवल सामान्य जीवन को प्रभावित किया बल्कि पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया. कुछ आंदोलनकारियों ने तो ट्रैक्टर के नीचे पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की.


दिल्ली पुलिस के लिए शर्म की बात
याचिका में कहा गया है कि कुछ आंदोलनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर लाल किले के अंदर भी चले गए. वे वहां तक चले गए जहां से हमारे प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं. इस दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया और उन्हें गड्ढे में धकेल दिया गया. न्यूज चैनल्स में जो खबरें दिखाई गई उसके मुताबिक पूरे तरीके से अराजकता हावी हो गई. यह दिल्ली पुलिस के लिए शर्म की बात है कि आंदोलनकारी पूरे तरीके से हावी हो गए. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने समय पर फैसला नहीं लिया जिसकी वजह से लाल किले से पुलिस को खदेड़ दिया गया.



सेना को तैनात करने की जरूरत
याचिका में कहा गया है कि कोई भी विरोध प्रदर्शन को जनतांत्रिक और सभ्य तरीके से किया जाना चाहिए. विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा की अनुमति नहीं दी जा सकती है वो भी गणतंत्र दिवस के दिन जो हमारे गर्व का दिवस होता है. गणतंत्र दिवस के दिन ऐसा कर हमारे राष्ट्रीय गर्व को शर्म में बदलने की कोशिश की गई है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस सीधे सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आता है. लेकिन 26 जनवरी के दिन दोनों ही असफल साबित हुए. ऐसे में स्थिति पर नियंत्रण के लिए सेना को बुलाने की जरूरत है.

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