नई दिल्ली: बाटला हाउस एनकाउंटर पर बनी फिल्म पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म के प्रोड्यूसर को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता को फिल्म दिखाएं.
जस्टिस बिहू पाखरू ने फिल्म के प्रोड्यूसर को निर्देश दिया कि वह 5 अगस्त को हाई कोर्ट के परिसर में सूचना तकनीकी विभाग के रजिस्ट्रार सुनील कुकरेजा के सहयोग से यह फिल्म दिखाएं. मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी.
केस के अभियुक्त ने दायर की याचिका
याचिका बाटला हाउस एनकाउंटर के अभियुक्त आरिफ खान और शहजाद अहमद ने दायर की है. शहजाद अहमद को एनकाउंटर के दौरान एक पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया था.
याचिका में कहा गया है कि फिल्म में कानूनी प्रक्रियाओं का ध्यान नहीं रखा गया है और जानबूझकर गलत जानकारियां दी गई है जो उस केस के ट्रायल में बाधा खड़ी कर सकते हैं. यह फिल्म 15 अगस्त को रिलीज होने वाली है.
बाटला हाउस मामला हाईकोर्ट में लंबित
आपको बता दें कि 19 सितंबर 2008 को जामिया नगर के बाटला हाउस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस ने दो संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया था. मामले में तीन अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था.
एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. मामले में आरिफ खान को फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया गया था. शहजाद अहमद ने ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए जाने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है जो अभी लंबित है.
'फिल्म से लंबित केस पर प्रभाव पड़ सकता है'
याचिका में कहा गया है कि फिल्म के पोस्टर और उसके वीडियो को देख कर ऐसा लग रहा है की फिल्म बाटला हाउस एनकाउंटर की सच्ची सूचना पर आधारित है. फिल्म में यह बताने की कोशिश की गई है कि एनकाउंटर वाकई में सही था जो लंबित केस पर प्रभाव डाल सकता है.
'फिल्म में दिल्ली के सीरियल बम ब्लास्ट से जोड़ती एक कड़ी'
याचिका में कहा गया है इस फिल्म में एनकाउंटर और दिल्ली के सीरियल बम ब्लास्ट के बीच एक कड़ी जोड़ने की कोशिश की गई है.
याचिका में कहा गया है कि सीरियल बम ब्लास्ट मामले की सुनवाई अभी पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही है और इस फिल्म से इसके ट्रायल पर काफी असर पड़ेगा. सीरियल बम ब्लास्ट 13 सितंबर 2008 को हुए थे.
इस फिल्म का निर्देशन निखिल आडवाणी ने किया है. फिल्म में जॉन अब्राहम और रवि किशन नजर आएंगे.