नई दिल्ली: खराब ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर (Oxygen Concentrator) के मामले में कोर्ट Court) ने एक आरोपी को अशोक विहार (Ashok Vihar) में रहने वाले एक शख्स ने कोविड पीक के दौरान ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर (Oxygen Concentrator) बेचा, जो खराब निकला. पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की तो उसने शिकायतकर्ता के रुपये लौटा दिए, लेकिन इस मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अदालत ने इस मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे 50 हजार रुपये की ज़मानत राशि पर जमानत दे दी है.
जानकारी के अनुसार, कालकाजी में रहने वाले भारत जुनेजा की मां एवं पत्नी कोरोना से संक्रमित हुई थी. उनके लिए ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर (Oxygen Concentrator) की आवश्यकता थी. उन्हें एक परिचित से अभिषेक कालरा का नंबर मिला जो 1.65 लाख रुपये में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर (Oxygen Concentrator) देने को तैयार हो गया. 20 हजार रुपये एडवांस लेने के बाद उसने भारत को कहा कि वह अशोक विहार निवासी अनुज मिंडा को बकाया राशि देकर अशोक विहार से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर ले जाये. भारत बकाया रकम देकर मशीन ले गया लेकिन वह खराब निकली. उसने मामले की शिकायत अशोक विहार पुलिस से की तो अनुज ने मशीन वापस लेकर रुपये भारत को लौटा दिए, लेकिन इस मामले में एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था.
आरोपी ने केवल मदद करने में भूमिका निभाई
आरोपी की जमानत याचिका दायर करते हुए अधिवक्ता रवि दराल ने अदालत को बताया कि इस मामले में अनुज ने केवल अपने दोस्त अभिषेक के कहने पर मदद की. अभिषेक ने उसे अपने एक परिचित को मुसीबत में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर (Oxygen Concentrator) देने के लिए कहा था. वह ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का कारोबार नहीं करता. शिकायतकर्ता से ली गई 1.45 लाख की राशि शिकायतकर्ता ने आपत्ति जताने पर पीड़ित को लौटा दी थी. इस मामले की जांच में वह पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हैं. उधर दिल्ली पुलिस की तरफ से अधिवक्ता ने बताया कि मुख्य आरोपी गुरमीत ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का कारोबार करता है. गुरमीत के कहने पर उसने अभिषेक के लिए इस ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर (Oxygen Concentrator) का बंदोबस्त किया था.
अदालत ने ज़मानत मंजूर की
इस मामले में एडिशनल सेशन जज प्रीति अग्रवाल गुप्ता की अदालत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के समय में आवश्यक मेडिकल वस्तुओं की कालाबाजारी रोकना आवश्यक है. इस मामले में आरोपी अनुज ने गुरमीत से खरीदा गया एक ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर (Oxygen Concentrator) अभिषेक के कहने पर दिया था. जिसके खिलाफ इसका कारोबार करने के आरोप नहीं हैं. कंसेंट्रेटर खराब निकलने पर उसने पूरी रकम भी शिकायतकर्ता को लौटा दी. ऐसे में अनुज को न्यायिक हिरासत में रखने का कोई लाभ नहीं है. इसलिए अनुज को 50 हजार रुपये की ज़मानत राशि पर जमानत मंजूर करने के आदेश अदालत द्वारा दिये गए हैं.