नई दिल्ली: मणिपुर में बीते 50 दिनों से अधिक हो रही हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. पुलिस, असम राइफल्स एवं सुरक्षा एजेंसियों की तमाम कोशिशों के बावजूद मैतेई-कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस हिंसा के लिए शांति की अपील को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन किया जा चुका है.
जंतर-मंतर पर कभी मेइती हिंदू समुदाय के लोग प्रदर्शन करते हैं तो कभी कुकी समुदाय के लोग. इसी क्रम में शनिवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर मणिपुर में हो रही हिंसा के विरोध में कुकी समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि सरकार इसपर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है और लोग घरों से बेघर हो गए हैं. हजारों की संख्या में लोग मणिपुर से पलायन भी कर चुके हैं. कुकी समुदाय के लोगों ने सीएम वीरेंद्र सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ एक वर्ग को खुश करने के लिए वहां पर हिंसा हो रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर केवल मैतेई लोगों के लिए काम करने का आरोप लगाया.
लोगों ने कहा कि उन्होंने कहा कि अगर मणिपुर के मुख्यमंत्री सभी के होते तो यह हिंसा रुक चुकी होती. मैतेई समुदाय लोगों ने कुकी समुदाय के लोगों पर हमला किया. मुख्यमंत्री का चेहरा उजागर हो गया है. सेना, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस केवल मैतेई लोगों की सुरक्षा के लिए है. लेकिन हिंदी का विरोध करने वाले देशभक्त कैसे हो सकते हैं. लोगों ने यह भी कहा कि मणिपुर के सीएम कुछ नहीं कर रहे हैं. जब से वह आए हैं कब से मणिपुर में हिंसा लगातार बढ़ रही है. दो समुदाय को आपस में लड़ाया जा रहा है और खास तौर पर मणिपुर में चर्च को निशाना बनाया जा रहा है.
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गौरतलब है कि मणिपुर हिंसा को लेकर शनिवार को गृह मंत्रालय की सर्वदलीय बैठक भी है जो गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होगी. इस बैठक में केंद्र सरकार, हिंसा और उसकी वजहों के बारे में सभी दलों के नेताओं को ब्रीफ करेगी. साथ ही इससे जुड़े मुद्दों पर सरकार का सहयोग करने की भी अपील भी की जा सकती है. हालांकि इतने दिनों बाद हुई इस बैठक को लेकर सभी विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं और उनसे देरी की वजह पूछ रहे हैं.