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3 वर्ष के रुद्राक्ष की जान बचाने के लिए खड़े हुए कई हाथ - रुद्राक्ष की मदद

3 वर्ष के रुद्राक्ष स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप-2 बीमारी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. बच्चे का जीवन बचाने के लिए उसे 18 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगना है. परिवार बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए सभी के सामने मदद की गुहार लगा रहा है. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से चलाया था, जिसके बाद खबर का असर होता दिखाई दे रहा है. जगह-जगह से लोग रुद्राक्ष के लिए मदद कर रहे हैं व दूसरों से भी अपील कर रहे हैं.

रुद्राक्ष की मदद को आगे आए लोग
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Published : Apr 12, 2021, 5:27 PM IST

नई दिल्ली. नोएडा के सेक्टर 49 बरौला गांव के रहने वाले 3 वर्ष के रुद्राक्ष स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप-2 बीमारी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. बच्चे को 18 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगना है. बच्चे की जान बचाने के लिए परिवार हर मुमकिन प्रयास कर रहा है. इस खबर को ईटीवी भारत ने बड़ी प्रमुखता से चलाया. जिसके बाद खबर का असर होता दिखाई दे रहा है. जगह-जगह से लोग मदद कर रहे हैं व दूसरों से भी मदद के लिए अपील कर रहे हैं.

रुद्राक्ष की मदद को आगे आए लोग

यह भी पढ़ेंः-नोएडा में तीन साल के बेटे की जिंदगी के लिए मां ने सरकार से लगाई गुहार

लोगों ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ

ईटीवी भारत में खबर चलने के बाद से ही बच्चे की मदद के लिए देश भर से लोगों ने हाथ बढ़ाया है. दिल्ली के छतरपुर, आयानगर, फतेहपुर, जौनापुर से लोग रुद्राक्ष की मदद कर रहे हैं. यहां तक कि मशहूर यूट्यूबर अमित भड़ाना भी लोगों से मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाने के लिए अपील कर रहे हैं. बच्चे की जान बचाने के लिए 18 करोड़ का इंजेक्शन लगना है.

क्या है स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप-2 बीमारी

स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी बच्चों में जन्म से होती है. SMN जीन-1 बच्चों में नहीं होता है, जिसकी वजह से बीमारी होती है. बीमारी के चलते बच्चा खड़ा नहीं हो सकता, सीधा बैठ नहीं सकता, गर्दन में भी झुकाव रहता है. इसके अलावा हाथ-पैर ज्यादा नहीं काम करते हैं. CMS ने बताया कि यह बहुत रेयर बीमारी है. पहले तो इस बीमारी के तहत 25 लाख रुपये की कीमत का एक डोज लगता था, लेकिन यह बहुत कारगर नहीं था. पिछले डेढ़ साल पहले ब्रिटेन ने वैक्सीन इजात की, लेकिन इसकी कीमत बहुत ज्यादा है.

नई दिल्ली. नोएडा के सेक्टर 49 बरौला गांव के रहने वाले 3 वर्ष के रुद्राक्ष स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप-2 बीमारी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. बच्चे को 18 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगना है. बच्चे की जान बचाने के लिए परिवार हर मुमकिन प्रयास कर रहा है. इस खबर को ईटीवी भारत ने बड़ी प्रमुखता से चलाया. जिसके बाद खबर का असर होता दिखाई दे रहा है. जगह-जगह से लोग मदद कर रहे हैं व दूसरों से भी मदद के लिए अपील कर रहे हैं.

रुद्राक्ष की मदद को आगे आए लोग

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लोगों ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ

ईटीवी भारत में खबर चलने के बाद से ही बच्चे की मदद के लिए देश भर से लोगों ने हाथ बढ़ाया है. दिल्ली के छतरपुर, आयानगर, फतेहपुर, जौनापुर से लोग रुद्राक्ष की मदद कर रहे हैं. यहां तक कि मशहूर यूट्यूबर अमित भड़ाना भी लोगों से मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाने के लिए अपील कर रहे हैं. बच्चे की जान बचाने के लिए 18 करोड़ का इंजेक्शन लगना है.

क्या है स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप-2 बीमारी

स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी बच्चों में जन्म से होती है. SMN जीन-1 बच्चों में नहीं होता है, जिसकी वजह से बीमारी होती है. बीमारी के चलते बच्चा खड़ा नहीं हो सकता, सीधा बैठ नहीं सकता, गर्दन में भी झुकाव रहता है. इसके अलावा हाथ-पैर ज्यादा नहीं काम करते हैं. CMS ने बताया कि यह बहुत रेयर बीमारी है. पहले तो इस बीमारी के तहत 25 लाख रुपये की कीमत का एक डोज लगता था, लेकिन यह बहुत कारगर नहीं था. पिछले डेढ़ साल पहले ब्रिटेन ने वैक्सीन इजात की, लेकिन इसकी कीमत बहुत ज्यादा है.

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