सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मिशेल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कोर्ट सीबीआई और ईडी दोनों के चार्जशीट पर संज्ञान ले चुकी है इसलिए आरोपी डिफॉल्ट जमानत का दावा नहीं कर सकता है. मिशेल ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि उसके खिलाफ 60 दिनों की तय समय-सीमा में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई थी. मिशेल ने कहा था कि जांच पूरी हो चुकी है.
'मिशेल की सुरक्षा सुनिश्चित करें'
पिछले 5 जनवरी को कोर्ट ने मिशेल को 26 फरवरी तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि इटली की कोर्ट में जो भी दस्तावेज पेश किए गए हैं वे झूठे हैं. इसका उनके पास साक्ष्य मौजूद हैं. ईडी ने कहा था कि हमारी जांच संतोषजनक थी और हमने ये जांच की कि विभिन्न बैंक खातों के जरिए हवाला की कितनी रकम जमा हुई है.
22 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और ईडी की रिमांड पर भेज दिया था. पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जब मिशेल से जेल की स्थिति के बारे में पूछताछ की थी तो मिशेल ने कहा था कि मैं जेल में ठीक हूं क्योंकि मैं प्राईवेट सेल में चला गया हूं. उसके बाद कोर्ट ने जेल अधिकारियों से कहा कि प्राईवेट सेल में मिशेल की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
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न्यायिक हिरासत में भेज दिया
मिशेल ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जेल के अन्य कैदी उनसे इस मामले की जांच के बारे में पूछते हैं. इसलिए उसे स्पेशल सेल में रखा जाए. आपको बता दें कि पिछले 19 दिसंबर को मिशेल को 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
11 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने मिशेल के हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग के सैंपल लेने की अनुमति दी थी. कोर्ट ने मिशेल को अपने परिवार के सदस्यों में से अपने भाई के अलावा सभी लोगों से बात करने की अनुमति दी थी. मिशेल को प्रत्यर्पण से लाने के बाद 4 दिसंबर की रात में ही सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई ने कहा था कि अगस्ता घोटाले की करीब 3 हजार करोड़ रुपये की रकम दुबई के दो खातों में ट्रांसफर किए गए.