नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते 3 महीने तक लगे लॉकडाउन में जहां हर कोई अपने घर में रहकर लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहा था. वहीं कुछ आर्टिस्ट और कलाकार उस समय का सदुपयोग करते हुए अपनी कला को एक नई दिशा देने की कोशिश में लगे थे. ललित कला अकादेमी में पिछले कई सालों से अपने हुनर की बानगी दे रहे आर्टिस्ट अमिताभ भौमिक ने लॉकडाउन पीरियड पर अलग-अलग शानदार पेंटिंग तैयार की हैं, जिसमें वो लॉकडाउन की स्थिति लोगों के सामने रख रहे हैं.
बंद तालों पर बनाई तस्वीरें
अमिताभ भौमिक ने ईटीवी भारत को बताया कि ललित कला अकैडमी के गढ़ी केंद्र में वह 1981 से काम कर रहे हैं. वे यहां पर अलग-अलग स्कल्पचर, पेंटिंग आदि बना रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के दौरान वह घर पर थे. ऐसे में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जो चीजें घटित हुई, उन्ही चीजों के ऊपर अलग-अलग पेंटिंग तैयार की है. जिसमें मंदिर में ताला लगा हुआ है, और मंदिर के बाहर पंडित, फूल वाला, तोते वाला बैठकर लोगों का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा जो लोग घर में हैं, वह यह सोच रहे हैं कि आखिर घर की घंटी कब बजेगी और कोई घर पर कब आएगा. क्योंकि मौजूदा हालात के चलते घर पर मेहमानों का आना-जाना बहुत कम हो रहा है.
कोरोना और लॉकडाउन से जुड़ी चित्रकारी
कलाकार अमिताभ भौमिक ने कहा की एक आर्टिस्ट कभी भी सोचना समझना बंद नहीं करता. कोरोनावायरस ने अधिकतर लोगों के जीवन पर एक ब्रेक लगा दी, लेकिन एक सच्चा आर्टिस्ट वही है, जो हर परिस्थिति में बेहतर से बेहतर आर्ट सामने ला सके. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कोरोना और लॉकडाउन से जुड़ी यह चित्रकारी की है. क्योंकि एक आर्टिस्ट की जिंदगी में कभी लॉकडाउन नहीं लगता, वह कभी पेंटिंग करना या कलाकारी करना नहीं छोड़ता.