ETV Bharat / state

Padma Awards: पद्म पुरस्कार विजेता दाजी को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया सम्मानित

हार्टफुलनेस ध्यान के आध्यात्मिक मार्गदर्शक और हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक दाजी को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सम्मानित किया. दरअसल, उन्हें हाल ही में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Mar 29, 2023, 5:58 PM IST

नई दिल्लीः भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हार्टफुलनेस ध्यान के आध्यात्मिक मार्गदर्शक और हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक दाजी को पद्म भूषण से सम्मानित होने के उपलक्ष्य में सम्मानित किया. दाजी को अध्यात्म के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार मिला है.

कृषि मंत्री ने कहा कि आज हार्टफुलनेस न केवल आध्यात्मिकता का केंद्र है, बल्कि एक ऐसा स्थान भी है जो हमें बेहतर इंसान बनने और समग्र चेतना के साथ सामूहिक रूप से विकसित होने और अपने भीतर और बाहर की दुनिया में संतुलन और ध्यान केंद्रित करने के महत्व को सिखाता है. हार्टफुलनेस दुनिया भर में कई पहल और मिशन स्थापित कर रहा है, जो दाजी के गहन मार्गदर्शन में दुनिया की बेहतरी की दिशा में काम कर रहा है. किसी ऐसे व्यक्ति के लिए, जिसका न्यूयॉर्क शहर में फलता-फूलता फार्मेसी व्यवसाय था, 'लोक कल्याण' का मार्ग चुनना आसान नहीं है. यह दर्शाता है कि श्रद्धेय दाजी ने कितना निःस्वार्थ भाव से कार्य किया है. उन्होंने दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरित किया है. उन्होंने छात्रों से लेकर डॉक्टर, उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारियों से लेकर मशहूर हस्तियों तक, हम सबको यह समझने के लिए एक साथ लाया है कि हम सभी एक हैं. हमें भीतर की दिव्य ऊर्जा को पहचानना चाहिए और एक साथ मिलकर काम करना चाहिए.

दाजी ने कहा कि मुझे मिले सम्मान से मैं अभिभूत हूं. वास्तव में मुझे लगता है कि यह दुनिया भर के सैकड़ों हजारों स्वयंसेवकों के बिना नहीं हो सकता था, जो समाज में बदलाव लाने में मेरे साथ शामिल हो रहे हैं. हमारे काम के साथ उनका जुड़ाव मानव जाति और इस पृथ्वी ग्रह की सेवा के प्रति समर्पण में बदल गया है. यह सिर्फ अध्यात्म की बात नहीं है, यह उससे आगे जा रहा है. यह हमारे आंतरिक स्व को उच्चतर आयामों के लायक बना रहा है. मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य ईश्वर से एकाकार होना है, लेकिन आप भौतिक संसार से पीछा छुड़ाकर उस मोक्ष को प्राप्त नहीं कर सकते. हमें इसे संतुलित करने की जरूरत है.

ये भी पढ़ेंः क्या मोहम्मद फैजल की तरह राहुल गांधी की भी सदस्यता बहाल हो जाएगी ?

उन्होंने कहा कि "मैं बहुत आभारी हूं कि आईसीएआर ने हाल ही में हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के साथ साझेदारी करने पर सहमति व्यक्त की है और यह कृषि में शिक्षा के परिदृश्य को बदलने और अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने जा रहा है." पिछले साल दाजी ने हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बीच समझौता ज्ञापन द्वारा एक विशेष पहल की तथा आईसीएआर के अधीन सभी विश्वविद्यालयों को हार्टफुल कैंपस की पेशकश की. श्रद्धेय दाजी इस दृष्टि को कृषि विशेषज्ञों के साथ भी साझा करना चाहते हैं.

ये भी पढ़ेंः Delhi Assembly में गूंजा आईपी कॉलेज का मुद्दा, AAP विधायकों ने LG का इस्तीफा मांगा

नई दिल्लीः भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हार्टफुलनेस ध्यान के आध्यात्मिक मार्गदर्शक और हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक दाजी को पद्म भूषण से सम्मानित होने के उपलक्ष्य में सम्मानित किया. दाजी को अध्यात्म के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार मिला है.

कृषि मंत्री ने कहा कि आज हार्टफुलनेस न केवल आध्यात्मिकता का केंद्र है, बल्कि एक ऐसा स्थान भी है जो हमें बेहतर इंसान बनने और समग्र चेतना के साथ सामूहिक रूप से विकसित होने और अपने भीतर और बाहर की दुनिया में संतुलन और ध्यान केंद्रित करने के महत्व को सिखाता है. हार्टफुलनेस दुनिया भर में कई पहल और मिशन स्थापित कर रहा है, जो दाजी के गहन मार्गदर्शन में दुनिया की बेहतरी की दिशा में काम कर रहा है. किसी ऐसे व्यक्ति के लिए, जिसका न्यूयॉर्क शहर में फलता-फूलता फार्मेसी व्यवसाय था, 'लोक कल्याण' का मार्ग चुनना आसान नहीं है. यह दर्शाता है कि श्रद्धेय दाजी ने कितना निःस्वार्थ भाव से कार्य किया है. उन्होंने दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरित किया है. उन्होंने छात्रों से लेकर डॉक्टर, उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारियों से लेकर मशहूर हस्तियों तक, हम सबको यह समझने के लिए एक साथ लाया है कि हम सभी एक हैं. हमें भीतर की दिव्य ऊर्जा को पहचानना चाहिए और एक साथ मिलकर काम करना चाहिए.

दाजी ने कहा कि मुझे मिले सम्मान से मैं अभिभूत हूं. वास्तव में मुझे लगता है कि यह दुनिया भर के सैकड़ों हजारों स्वयंसेवकों के बिना नहीं हो सकता था, जो समाज में बदलाव लाने में मेरे साथ शामिल हो रहे हैं. हमारे काम के साथ उनका जुड़ाव मानव जाति और इस पृथ्वी ग्रह की सेवा के प्रति समर्पण में बदल गया है. यह सिर्फ अध्यात्म की बात नहीं है, यह उससे आगे जा रहा है. यह हमारे आंतरिक स्व को उच्चतर आयामों के लायक बना रहा है. मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य ईश्वर से एकाकार होना है, लेकिन आप भौतिक संसार से पीछा छुड़ाकर उस मोक्ष को प्राप्त नहीं कर सकते. हमें इसे संतुलित करने की जरूरत है.

ये भी पढ़ेंः क्या मोहम्मद फैजल की तरह राहुल गांधी की भी सदस्यता बहाल हो जाएगी ?

उन्होंने कहा कि "मैं बहुत आभारी हूं कि आईसीएआर ने हाल ही में हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के साथ साझेदारी करने पर सहमति व्यक्त की है और यह कृषि में शिक्षा के परिदृश्य को बदलने और अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने जा रहा है." पिछले साल दाजी ने हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बीच समझौता ज्ञापन द्वारा एक विशेष पहल की तथा आईसीएआर के अधीन सभी विश्वविद्यालयों को हार्टफुल कैंपस की पेशकश की. श्रद्धेय दाजी इस दृष्टि को कृषि विशेषज्ञों के साथ भी साझा करना चाहते हैं.

ये भी पढ़ेंः Delhi Assembly में गूंजा आईपी कॉलेज का मुद्दा, AAP विधायकों ने LG का इस्तीफा मांगा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.