नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को संसद सुरक्षा चूक मामले की आरोपी नीलम के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने यह आदेश दिया. इससे पहले नीलम के वकील ने कहा था कि हमारा कानूनी अधिकार है कि वकील और परिवार को उससे मिलने दिया जाए. परिवार को यह जानने का अधिकार है कि उसके खिलाफ आरोप क्या दर्ज है. इसके लिए एफआईआर की प्रति जरूरी है.
कोर्ट ने कहा कि जब तक आरोपी पुलिस हिरासत में हैं, वे कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं. कोर्ट ने आरोपी नीलम को परिजनों और वकील से हर दूसरे दिन 15 मिनट के लिए मुलाकात की अनुमति दी. मुलाकात के दौरान जांच अधिकारी मौजूद रहेंगे लेकिन बात न सुनाई देने की उचित दूरी पर रहेंगे. कोर्ट ने 18 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
नीलम के वकील ने कहा था कि जांच अधिकरी से एफआईआर की प्रति मांगी थी तब अधिकारी ने अदालत में अर्जी दाखिल करने के लिए कहा था. कानून भी आरोपी को अधिकार देता है कि परिवार उससे मिल सके. परिवार वालों को यह जानने का अधिकार है कि नीलम के ऊपर क्या आरोप लगा है. इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मामला संवेदनशील है और आतंकवाद से जुड़ा है, इसलिए गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है.
कोर्ट ने 16 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. नीलम को संसद के बाहर नारा लगाते हुए गिरफ्तार किया गया था. 13 दिसंबर को चार आरोपियों के साथ उनको गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने नीलम समेत चार आरोपियों को 14 दिसंबर को पुलिस हिरासत में भेजा था. आज कोर्ट ने सभी आरोपियों की पुलिस हिरासत 15 दिनों के लिए और बढ़ा दिया है. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज किया है.
यह है पूरा मामला: 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूद गए थे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई थी. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. वहीं, संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.