नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पद्म अवार्ड्स के लिए डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता देने की बात कही है. केजरीवाल ने अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि दिल्ली देश की इकलौती सरकार है, जिसने फ्रंटलाइन वर्कर्स को मुआवजा दिया है. हालांकि RTI में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली में अब तक महज 10 फीसदी वारियर्स को ही मुआवजा मिल पाया है.
एक आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि 1 अप्रैल 2020 से अब तक दिल्ली में कुल 170 फ्रंटलाइन वर्कर्स में से सिर्फ 17 लोगों को ही मुआवजा दिया है. आखिरी मुआवजा 6 जून को कोरोना के चलते जान गंवाने वाले एक लैब टेक्नीशियन को दिया गया था. वहीं इन 17 लोगों में सिर्फ डॉक्टर नहीं बल्कि अन्य फ्रंटलाइन वर्कर भी शामिल हैं.
दिल्ली के 170 फ्रंटलाइन वर्कर्स में से सिर्फ 17 को मिला मुआवजा ! बीजेपी ने केजरीवाल को घेरा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली देश की इकलौती सरकार है, जिसने फ्रंटलाइन वर्कर्स को मुआवजा दिया है. लेकिन एक RTI में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली में अब तक महज 10 फीसदी वारियर्स को ही मुआवजा मिल पाया है. इसको लेकर बीजेपी ने केजरीवाल पर निशाना साधा है.
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पद्म अवार्ड्स के लिए डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता देने की बात कही है. केजरीवाल ने अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि दिल्ली देश की इकलौती सरकार है, जिसने फ्रंटलाइन वर्कर्स को मुआवजा दिया है. हालांकि RTI में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली में अब तक महज 10 फीसदी वारियर्स को ही मुआवजा मिल पाया है.
एक आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि 1 अप्रैल 2020 से अब तक दिल्ली में कुल 170 फ्रंटलाइन वर्कर्स में से सिर्फ 17 लोगों को ही मुआवजा दिया है. आखिरी मुआवजा 6 जून को कोरोना के चलते जान गंवाने वाले एक लैब टेक्नीशियन को दिया गया था. वहीं इन 17 लोगों में सिर्फ डॉक्टर नहीं बल्कि अन्य फ्रंटलाइन वर्कर भी शामिल हैं.