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लोकसभा चुनाव 2019: थोड़ी सी चूक पर रद्द हो सकता है नामांकन, जानें कारण

फॉर्म में गलत जानकारी या जानकारी नहीं देने की सूरत में रिटर्निंग ऑफिसर को फॉर्म रद्द करने तक का अधिकार हासिल है.

लोकसभा चुनाव 2019: थोड़ी सी चूक पर रद्द हो सकता है नामांकन
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Published : Apr 16, 2019, 9:08 PM IST

Updated : Apr 16, 2019, 11:14 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आगामी 12 मई को होने वाले मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरु हो गई है. पहले दिन सातों सीट पर कुल 12 आवेदनों से इसकी अच्छी शुरुआत हुई है. हालांकि इस बार ये पूरी प्रक्रिया थोड़ी चुनौतीपूर्ण रह सकती है जिसमें थोड़ी चूक होने पर नामांकन रद्द तक हो सकता है.

इस साल चुनाव आयोग ने नामांकन से जुड़े पत्रों में कुछ अतिरिक्त कॉलम जोड़े हैं. इसमें उम्मीदवारों की संपत्ति से लेकर पति/पत्नी और आश्रितों की चल-अचल संपत्ति से लेकर चल रहे लंबित, दोषी करार या बरी किए गए कुल मामलों की संख्या की जानकारी भी शामिल है. फॉर्म में गलत जानकारी या जानकारी नहीं देने की सूरत में रिटर्निंग ऑफिसर को फॉर्म रद्द करने तक का अधिकार हासिल है.

लोकसभा चुनाव 2019: थोड़ी सी चूक पर रद्द हो सकता है नामांकन, जानें कारण

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि फॉर्म रिजेक्ट करने के कई कारण हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि फॉर्म में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी गलत होने या नहीं होने की सूरत में अमूमन फॉर्म रद्द कर दिया जाता है. कई बार न्यूनतम प्रस्तावों की संख्या के चलते तो रिज़र्व सीट में प्रूफ नहीं देने पर भी ये फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि नामांकन की तारीख खत्म होने के बाद आए आवेदनों की स्क्रुटनी होती है और इसी में नामांकन भरने वाले व्यक्ति को लेकर फैसला भी किया जाता है.

बता दें कि पहले चरण के मतदान से पहले भी कई उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए गए थे. दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में भी ऐसे उदाहरण देखने को मिले थे. राजधानी दिल्ली में 23 अप्रैल को नामांकन का आखिरी दिन है और 24 को नामांकनों की स्क्रूटनी होगी. ऐसे में जनता के बीच जाने से पहले 24 अप्रैल को चुनाव लड़ने की मंजूरी उम्मीदवारों के लिए जीत की ओर पहला कदम भी होगा.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आगामी 12 मई को होने वाले मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरु हो गई है. पहले दिन सातों सीट पर कुल 12 आवेदनों से इसकी अच्छी शुरुआत हुई है. हालांकि इस बार ये पूरी प्रक्रिया थोड़ी चुनौतीपूर्ण रह सकती है जिसमें थोड़ी चूक होने पर नामांकन रद्द तक हो सकता है.

इस साल चुनाव आयोग ने नामांकन से जुड़े पत्रों में कुछ अतिरिक्त कॉलम जोड़े हैं. इसमें उम्मीदवारों की संपत्ति से लेकर पति/पत्नी और आश्रितों की चल-अचल संपत्ति से लेकर चल रहे लंबित, दोषी करार या बरी किए गए कुल मामलों की संख्या की जानकारी भी शामिल है. फॉर्म में गलत जानकारी या जानकारी नहीं देने की सूरत में रिटर्निंग ऑफिसर को फॉर्म रद्द करने तक का अधिकार हासिल है.

लोकसभा चुनाव 2019: थोड़ी सी चूक पर रद्द हो सकता है नामांकन, जानें कारण

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि फॉर्म रिजेक्ट करने के कई कारण हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि फॉर्म में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी गलत होने या नहीं होने की सूरत में अमूमन फॉर्म रद्द कर दिया जाता है. कई बार न्यूनतम प्रस्तावों की संख्या के चलते तो रिज़र्व सीट में प्रूफ नहीं देने पर भी ये फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि नामांकन की तारीख खत्म होने के बाद आए आवेदनों की स्क्रुटनी होती है और इसी में नामांकन भरने वाले व्यक्ति को लेकर फैसला भी किया जाता है.

बता दें कि पहले चरण के मतदान से पहले भी कई उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए गए थे. दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में भी ऐसे उदाहरण देखने को मिले थे. राजधानी दिल्ली में 23 अप्रैल को नामांकन का आखिरी दिन है और 24 को नामांकनों की स्क्रूटनी होगी. ऐसे में जनता के बीच जाने से पहले 24 अप्रैल को चुनाव लड़ने की मंजूरी उम्मीदवारों के लिए जीत की ओर पहला कदम भी होगा.

Intro:नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में आगामी 12 मई को होने वाले मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरु हो गई है. पहले दिन सातों सीट पर कुल 12 आवेदनों से इसकी अच्छी शुरुआत हुई है. हालांकि इस बार ये पूरी प्रक्रिया थोड़ी चुनौतीपूर्ण रह सकती है जिसमें थोड़ी चूक होने पर नामांकन रद्द तक हो सकता है.


Body:इस साल चुनाव आयोग ने नामांकन से जुड़े पत्रों में कुछ अतिरिक्त कॉलम जोड़े हैं. इसमें उम्मीदवारों की संपत्ति से लेकर पति/पत्नी और आश्रितों की चल-अचल संपत्ति से लेकर चल रहे लंबित, दोषी करार या बरी किए गए कुल मामलों की संख्या की जानकारी भी शामिल है. फॉर्म में गलत जानकारी या जानकारी नहीं देने की सूरत में रिटर्निंग ऑफिसर को फॉर्म रद्द करने तक का अधिकार हांसिल है.

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि फॉर्म रिजेक्ट करने के कई कारण हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि फॉर्म में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी गलत होने या नहीं होने की सूरत में अमूमन फॉर्म रद्द कर दिया जाता है. कई बार न्यूनतम प्रस्तावों की संख्या के चलते तो रिज़र्व सीट में प्रूफ नहीं देने पर भी ये फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि नामांकन की तारीख खत्म होने के बाद आए आवेदनों की स्क्रुटनी होती है और इसी में नामांकन भरने वाले व्यक्ति को लेकर फैसला भी किया जाता है.

बता दें कि पहले चरण के मतदान से पहले भी कई उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए गए थे. दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में भी ऐसे उदाहरण देखने को मिले थे. राजधानी दिल्ली में 23 अप्रैल को नामांकन का आखिरी दिन है और 24 को नामांकनों की स्क्रूटनी होगी. ऐसे में जनता के बीच जाने से पहले 24 अप्रैल को चुनाव लड़ने की मंजूरी उम्मीदवारों के लिए जीत की ओर पहला कदम भी होगा.


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Last Updated : Apr 16, 2019, 11:14 PM IST
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