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फर्जीवाड़ा करने के लिए अथॉरिटी को थमाया कोर्ट का फर्जी आदेश, पकड़ा गया - delhi news

नोएडा प्राधिकरण में हाईकोर्ट का फर्जी आदेश दिखा कर एक बिल्डर ने फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की. बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है. बिल्डर 'मैसर्स सिटी इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड' का निदेशक हैं.

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Published : Aug 21, 2019, 3:34 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक बिल्डर ने फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की. बिल्डर ने नोएडा प्राधिकरण में हाईकोर्ट का फर्जी आदेश दिखाकर 26.8 करोड़ रुपये का घोटाला करने की कोशिश कर रहा था. जब अथॉरिटी ने हाईकोर्ट के आदेश के बारे में पता किया तो आदेश फर्जी निकला.

अथॉरिटी को थमाया फर्जी हाईकोर्ट का आदेश, फर्जीवाड़ा करने की साजिश नाकाम

जिसके बाद नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है. धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज

नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 16 के सी-1 प्लॉट को 'मैसर्स सिटी इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड' को कमर्शियल गतिविधि के लिए दिया था. कमर्शियल भूखंड के ब्याज और लीज रेंट के लिए कंपनी पर 26 करोड़ 80 लाख 92 हजार रुपए बकाया है.

कंपनी के निदेशक सुशांत कुमार अग्रवाल ने 20 जुलाई को नोएडा प्राधिकरण में हाईकोर्ट के एक आदेश की कॉपी दी थी. जिसमें14 मार्च 2019 को प्राधिकरण को ब्याज और जुर्माने की राशि वसूलने का निर्देश दिया गया था.

जिस पर प्राधिकरण ने अपने नामित अधिवक्ता से पता किया तो पता चला कि इस प्रकार का कोई भी आदेश नहीं निकला हैं. ऐसे में अथॉरिटी की CEO रितु माहेश्वरी ने कार्रवाई करते हुए बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक बिल्डर ने फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की. बिल्डर ने नोएडा प्राधिकरण में हाईकोर्ट का फर्जी आदेश दिखाकर 26.8 करोड़ रुपये का घोटाला करने की कोशिश कर रहा था. जब अथॉरिटी ने हाईकोर्ट के आदेश के बारे में पता किया तो आदेश फर्जी निकला.

अथॉरिटी को थमाया फर्जी हाईकोर्ट का आदेश, फर्जीवाड़ा करने की साजिश नाकाम

जिसके बाद नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है. धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज

नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 16 के सी-1 प्लॉट को 'मैसर्स सिटी इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड' को कमर्शियल गतिविधि के लिए दिया था. कमर्शियल भूखंड के ब्याज और लीज रेंट के लिए कंपनी पर 26 करोड़ 80 लाख 92 हजार रुपए बकाया है.

कंपनी के निदेशक सुशांत कुमार अग्रवाल ने 20 जुलाई को नोएडा प्राधिकरण में हाईकोर्ट के एक आदेश की कॉपी दी थी. जिसमें14 मार्च 2019 को प्राधिकरण को ब्याज और जुर्माने की राशि वसूलने का निर्देश दिया गया था.

जिस पर प्राधिकरण ने अपने नामित अधिवक्ता से पता किया तो पता चला कि इस प्रकार का कोई भी आदेश नहीं निकला हैं. ऐसे में अथॉरिटी की CEO रितु माहेश्वरी ने कार्रवाई करते हुए बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

Intro:नोएडा प्राधिकरण में हाईकोर्ट का फर्जी आदेश दिखा कर एक बिल्डर ने 26.8 करोड़ रुपए की चपत लगाने की फिराक में था जिसे अथॉरिटी ने हाई कोर्ट क्या देश के बारे में पता किया तो आदेश फर्जी निकला। नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।


Body:बता दे प्राधिकरण ने सेक्टर 16 के सी-1 प्लॉट को मैसूर सिटी इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को वाणिज्य गतिविधि के लिए दिया था यह एक बिल्डर कंपनी है। कमर्शियल भूखंड के ब्याज और लीज रेंट के लिए कंपनी को 26 करोड़ 80 लाख 92 हजार रुपए बकाया है।

कंपनी के निदेशक सुशांत कुमार अग्रवाल ने 20 जुलाई को नोएडा प्राधिकरण में हाईकोर्ट के एक आदेश की कॉपी दी की 14 मार्च 2019 को इस आदेश में प्राधिकरण को ब्याज और जुर्माने की राशि वसूलने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद प्राधिकरण अपने नामित अधिवक्ता से इस बाबत पता किया। जिसपर मालूम पड़ा कि इस प्रकार का कोई आदेश नहीं निकला ही नहीं है। ऐसे में अथॉरिटी के सीईओ रितु माहेश्वरी ने कार्रवाई करते हुए बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।


Conclusion:सर्किल ऑफिसर-1 श्वेताभ पांडे ने बताया कि मैसर्स ईटी इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने हाईकोर्ट के एक आदेश के साथ छेड़खानी कर नोएडा अथॉरिटी को पेश किया गया था। अथॉरिटी के वाणिज्य विभाग की तरफ से तहरीर देकर जिसके बाद मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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