नई दिल्ली: बीजेपी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने शुक्रवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने केजरीवाल सरकार पर यमुना को जान बूझकर जहरीला बनाने का आरोप लगाया है. एनजीटी का हवाला देते हुए बीजेपी नेताओं ने कहा कि हरियाणा से यमुना जल मानको के अनुसार साफ पानी आता है, लेकिन केजरीवाल सरकार की लापरवाही की वजह से इसका पानी जहरीला हो रहा है.
प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि राजधानी में बढ़ते वायु व जल प्रदूषण के साथ ही कूड़ा प्रबंधन पर केजरीवाल सरकार से संवैधानिक ट्रिब्यूनल तक तंग आ चुके हैं और एनजीटी की टिपण्णी इसका सबूत है. उनका कहना है कि जलबोर्ड के 35 में से 23 एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) मानकों पर फेल साबित हुए हैं, जिसका नतीजा है कि यमुना में जहरीलाल सीवर मल गिर रहा है.
AAP पर NGT ने लगाया 6100 करोड़ का जुर्माना: एनजीटी ने साफ तौर पर बताया कि उसने अक्टूबर 2022 में दिल्ली सरकार पर कूड़ा प्रबंधन में असहयोग करने और विफलता की वजह से 910 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था. इसके बावजूद केजरीवाल सरकार ने ना तो कूड़ा प्रबंधन पर कोई ठोस योजना बना कर काम शुरू किया और ना ही जुर्माना भरा है. ऐसे में अब एनजीटी दिल्ली सरकार को इस लापरवाही का जिम्मेदार मानते हुए उस पर 6100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है.
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दिल्ली के अंदर इमरजेंसी जैसी स्थिति: वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सीवर प्रदूषण एवं कूड़ा प्रबंधन मामले में दिल्ली के अंदर इमरजेंसी जैसी स्थिति हो गई है. एक तरफ दिल्ली की जनता जहरीली हवा और पानी पीने को मजबूर है. वहीं, दूसरी तरफ केजरीवाल सरकार की लापरवाही की वजह से जुर्माना भी भरें. आखिर केजरीवाल संवैधानिक संस्थाओं से टकराना और अराजकता का माहौल बनाना कब बंद करेंगे.
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने यमुना के साफ-सफाई के हजारों करोड़ रुपए अपने प्रचार और चेहरे को चमकाने में लुटा दिए. वहीं, अब यह करोड़ों का जुर्माना दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही होती तो शायद इतनी बदतर स्थिति में नहीं पहुंचती.
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