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विधानसभा चुनाव में BJP की हार से मुस्तफा भाई परेशान, नहीं बिक रहे कपड़े

मुस्तफा भाई पिछले 20-25 सालों से कपड़ों की 15-20 थान लेकर सुबह से लेकर शाम 6 बजे तक बैठे रहते हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे से भी आहत मुस्तफा कहते हैं नासमझ लोगों की यह हरकत है. मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना.

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Published : Mar 1, 2020, 11:41 AM IST

Updated : Mar 1, 2020, 1:07 PM IST

Mustafa Bhai's work reduced due to BJP's defeat
बीजेपी की हार से कम हुआ मुस्तफा भाई का काम

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार से मुस्तफा भाई भी खासे परेशान हैं. निजामुद्दीन इलाके में रहने वाले मुस्तफा भाई पिछले दो दशक से भी लंबे समय से बीजेपी कार्यालय के बाहर कपड़ों के कुछ थाने रखकर बेचा करते हैं. चुनाव के दौरान जिस तरह कार्यालय में नेताओं, कार्यकर्ताओं का आना-जाना लगा रहता था, उनकी बिक्री भी खूब हो रही थी.

BJP की हार से कम हुआ काम

चुनावी नतीजे उम्मीदों के विपरीत रहे, तो मानो पार्टी के नेता- कार्यकर्ताओं से अधिक सदमा मुस्तफा भाई को लगा हो. वे पूरे दिन खाली बैठ बिता रहे हैं.

पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुस्तफा पिछले 20-25 वर्षों से कपड़ों की 15-20 थान लेकर सुबह से लेकर शाम 6 बजे तक बैठे रहते हैं. इस उम्मीद के साथ की पार्टी के नेता कार्यकर्ता आएंगे. वे उनके कपड़े खरीदेंगे.

बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन की थी उम्मीद

इस बार जिस तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने की उम्मीद लगाए पार्टी के वरिष्ठ नेता से लेकर कार्यकर्ता मैदान में उतरे थे, मुस्तफा भाई भी काफी खुश थे कि बीजेपी की सरकार बनी तो उनकी कपड़ों की भी बिक्री खूब होगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, वे हर दिन हजार-पांच सौ के कपड़े अनुभवी नेताओं से लेकर नेता बनने की चाहत रखने वाले को बेच ही देते थे.

बीजेपी दफ्तर में अभी तक हार-जीत की समीक्षा चल रही है लेकिन लगता है हार की पहली गाज मुस्तफा भाई पर ही गिरी हो. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे से भी आहत मुस्तफा भाई कहते हैं नासमझ लोगों की यह हरकत है. मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार से मुस्तफा भाई भी खासे परेशान हैं. निजामुद्दीन इलाके में रहने वाले मुस्तफा भाई पिछले दो दशक से भी लंबे समय से बीजेपी कार्यालय के बाहर कपड़ों के कुछ थाने रखकर बेचा करते हैं. चुनाव के दौरान जिस तरह कार्यालय में नेताओं, कार्यकर्ताओं का आना-जाना लगा रहता था, उनकी बिक्री भी खूब हो रही थी.

BJP की हार से कम हुआ काम

चुनावी नतीजे उम्मीदों के विपरीत रहे, तो मानो पार्टी के नेता- कार्यकर्ताओं से अधिक सदमा मुस्तफा भाई को लगा हो. वे पूरे दिन खाली बैठ बिता रहे हैं.

पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुस्तफा पिछले 20-25 वर्षों से कपड़ों की 15-20 थान लेकर सुबह से लेकर शाम 6 बजे तक बैठे रहते हैं. इस उम्मीद के साथ की पार्टी के नेता कार्यकर्ता आएंगे. वे उनके कपड़े खरीदेंगे.

बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन की थी उम्मीद

इस बार जिस तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने की उम्मीद लगाए पार्टी के वरिष्ठ नेता से लेकर कार्यकर्ता मैदान में उतरे थे, मुस्तफा भाई भी काफी खुश थे कि बीजेपी की सरकार बनी तो उनकी कपड़ों की भी बिक्री खूब होगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, वे हर दिन हजार-पांच सौ के कपड़े अनुभवी नेताओं से लेकर नेता बनने की चाहत रखने वाले को बेच ही देते थे.

बीजेपी दफ्तर में अभी तक हार-जीत की समीक्षा चल रही है लेकिन लगता है हार की पहली गाज मुस्तफा भाई पर ही गिरी हो. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे से भी आहत मुस्तफा भाई कहते हैं नासमझ लोगों की यह हरकत है. मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना.

Last Updated : Mar 1, 2020, 1:07 PM IST
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