नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में छात्र संघ चुनाव को लेकर एबीवीपी, एनएसयूआई, आइसा और एसएफआई प्रचार में जुट गई है. जैसे-जैसे वोटिंग का दिन नजदीक आ रहा है. सभी संगठनों ने प्रचार तेज कर दिया है. एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार तुषार डेढ़ा सहित अन्य उम्मीदवार डीयू के कॉलेज में पहुंचकर वोट मांग रहे हैं. वहीं, एनएसयूआई के उम्मीदवार भी कॉलेज पहुंचकर अपने समर्थन में वोट मांग रहे हैं. आइसा और एसएफआई सोशल मीडिया के साथ ऑफलाइन मोड में प्रचार कर रहे हैं. तीन साल बाद होने वाले छात्र संघ चुनाव में वोटिंग 22 सितंबर को होगी. इसके बाद परिणाम जारी किया जाएगा.
1.5 लाख वोटर तय करेंगे किस्मतः दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में 52 कॉलेज हिस्सा लेंगे. इस बार 1.5 लाख वोटर चुनाव में वोट देंगे. इन वोटर के कीमती वोट से तय होगा कि डूसू चुनाव में किस छात्र संगठन का डंका बजेगा. इसी के साथ ही साथ इस चुनाव में यह दूसरी बार हो रहा है जब 90 फीसदी वोटर फर्स्ट टाइम वोट करेंगे. वोटिंग कॉलेज में दो पाली सुबह और शाम कराई जाएगी.
2019 में एबीवीपी को मिला 85 हजार वोटः पिछले चुनाव यानी 2019 में एबीवीपी ने डूसू चुनाव में तीन सीट जीती थी. अक्षित दहिया अध्यक्ष बने थे. अक्षित ने बताया कि एबीवीपी की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि 2019 में चारों पोस्ट पर 85 हजार से ज्यादा वोट एबीवीपी को मिले थे. यह सबसे बड़ा मैंडेट था. इससे पहले किसी छात्र संघ को इतना ज्यादा मैंडेट नहीं मिला था.
वोट करने के लिए आईडी कार्ड जरूरीः डूसू मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. चन्द्रशेखर ने बताया है कि डूसू चुनाव 2023-24 की चुनाव समिति के विचार-विमर्श के अनुसार, यह कहा जाना चाहिए कि भाग लेने वाले कॉलेजों/संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी पात्र छात्रों को पहचान पत्र जारी किया जाए. वे सभी पात्र छात्र, जिन्हें पहचान पत्र जारी नहीं किए गए हैं, उन्हें मतदान करने की अनुमति दी जाएगी. यदि वे निम्नलिखित आईडी में से किसी एक के साथ विधिवत सत्यापित शुल्क रसीद प्रस्तुत करते हैं. जैसे मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस. चुनाव के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ से संबद्ध कॉलेजों/विभागों/संस्थानों में अध्ययन के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने वाले सभी छात्र शामिल होंगे.
डीयू में गुर्जर vs जाटः दिल्ली यूनिवर्सिटी में एबीवीपी ने अध्यक्ष पद के लिए गुर्जर बिरादरी से तुषार डेढ़ा को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है. वहीं एनएसयूआई ने जाट बिरादरी से हितेश गुलिया को अपना उम्मीदवार बनाया है. दोनों छात्र संगठन ने यह दांव इसलिए भी खेला है क्योंकि गत कुछ वर्षों में जाट और गुर्जर समाज से डूसू में अध्यक्ष बने हैं. कहा जाता है कि छात्र यहां कथित तौर पर जाति देखकर वोट करते हैं. हालांकि, वोट प्रतिशत 50 फीसदी के बीच ही रहता है. इसके साथ ही साथ एबीवीपी, एनएसयूआई, आइसा और एसएफआई ने सचिव पद के लिए अपना उम्मीदवार महिला को बनाया है.
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