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Bank Fraud: फर्जी दस्तावेज पर इंश्योरेंस कंपनी से 37 पॉलिसी के 2.38 करोड़ के क्लेम लेने वाले पांच गिरफ्तार

इंश्योरेंस पॉलिसी का पैसा फर्जी तरीके से निकालकर बीमा कंपनी को चूना लगाने का मामला सामने आया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ऐसे गिरोह को अरेस्ट किया है जो अब तक 22 लोगों की 37 पॉलिसी के 2.38 करोड़ रुपए फर्जी तरीके से निकाल चुका है. जानिए कैसे करते थे ठगी...

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Published : Apr 26, 2023, 6:41 PM IST

Updated : Apr 27, 2023, 4:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जीवन बीमा पॉलिसी का पैसा फर्जी तरीके से निकालकर मैक्स लाइफ बीमा कंपनी को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने 22 लोगों की 37 जीवन बीमा पॉलिसी के करीब तीन करोड़ 38 लाख रुपए फर्जी तरीके से निकाल लिए. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की ओर से शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और इन सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने इनसे 39 मोबाइल, 55 पैन कार्ड, 33 आधार कार्ड, 32 वोटर कार्ड, 46 डेबिट कार्ड और 73 चेक बुक व पासबुक बरामद किए हैं. जांच में पता चला है कि आधार कार्ड में व्यक्तिगत जानकारी को अपडेट कराने की आसान प्रक्रिया का बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. आरोपियों की पहचान वेस्ट संत नगर निवासी प्रेम प्रकाश, रोहिणी निवासी चंदन जैन, ककरोला निवासी सुजीत कुमार मिश्रा, विजय नगर निवासी विकास और ग्रेटर नोएडा निवासी रोहित कुमार अग्रवाल के रूप में हुई है.

मृत व्यक्ति का ले लिया क्लेमः स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट के डीसीपी प्रशांत पी गौतम ने बताया कि मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की ओर से 28 मार्च को शिकायत दी गई थी. उनके एक पॉलिसी होल्डर अब्दुल चौधरी की मौत हो गई थी. उनका 51 लाख रुपए का क्लेम फर्जी तरीके से किसी ने ले लिया है. कंपनी ने जांच में पाया था कि अब्दुल के घर से किसी ने बीमा राशि का दावा नहीं किया था, बल्कि किसी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर क्लेम ले लिया. कंपनी की ओर से छानबीन की गई तो पता चला कि आरोपियों ने 22 लोगों की 37 पॉलिसी के 2.38 करोड़ रुपए के क्लेम फर्जी तरीके से ले लिए हैं. इस पर उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई.

यह भी पढ़ेंः Online Fraud Case:बैंक और बीमा कर्मचारियों की मिलीभगत से ठगे जा रहे लोग, जानें कैसे

ट्रांजेक्शन को ट्रेस कर सरगना तक पहुंची पुलिसः एफएसओ स्पेशल सेल द्वारका के इंस्पेक्टर अरुण कुमार त्यागी के नेतृत्व और एसीपी सुनील कुमार पांचाल की देखरेख में इंस्पेक्टर देवेंद्र दहिया, हेडकांस्टेबल रणदीप सिंह, विक्रांत, राहुल और मनोज ने मामले की जांच शुरू की. जिन बैंकों में ट्रांजेक्शन हुआ था उन बैंकों को ट्रेस करते हुए जांच टीम ने काफी दस्तावेज हासिल कर लिए.

जांच टीम को पता चला कि इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बंधन बैंक, यस बैंक, आईडीबीआई बैंक और जना स्मॉल फाइनेंस बैंक में पॉलिसी होल्डर्स के नाम पर फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर अकाउंट खुलवाये गए थे. सभी अकाउंट खुलवाने के लिए ई आधार ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया था. इन सभी अकाउंट में आया सारा पैसा रिंकू सेल्स नाम के एक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया, जिसका प्रोपराइटर प्रेम प्रकाश था. इसके बाद पुलिस ने प्रेम प्रकाश को चंदन विहार से गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ के आधार पर चार और लोगों को पुलिस ने दबोचा.

यह भी पढ़ेंः गौर सिटी सोसाइटी में लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी

ऐसे करते थे ठगीः रोहित कुमार अग्रवाल और सुजीत कुमार मिश्रा मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में सीनियर एक्सक्यूटिव थे. उनके पास सभी पॉलिसी होल्डर्स का डाटा एक्सेस था. दोनों ने उन पॉलिसी होल्डर्स की डिटेल जिनकी पॉलिसी मैच्योर हो चुकी थी और उसने क्लेम नहीं किया था, या पॉलिसी होल्डर की मौत हो चुकी थी और नॉमिनी को अभी तक पैसे का भुगतान नहीं हुआ था, सारा डाटा चंदन जैन को दे दिया.

फिर चंदन जैन और प्रेम प्रकाश ने कुछ गरीब लोगों को थोड़े पैसे का लालच देकर उनका पैन कार्ड, आधार कार्ड पॉलिसी होल्डरों के नाम पर बनवाकर बैंक में फर्जी अकाउंट खुलवा लिया. इसके बाद रोहित और सुजीत की मदद से सभी पॉलिसियों के लिए क्लेम का आवेदन किया गया. सभी अकाउंट में क्लेम का पैसा पहुंचने के बाद इन लोगों ने पैसे आपस में बांट लिए. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर जिन बैंकों में अकाउंट खुलवाया गए क्या उन बैंकों के कर्मचारियों की भी इस मामले में कोई मिलीभगत थी.

बीमा कंपनी ने जारी किया बयानः इस पूरे प्रकरण पर मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने बयान जारी कर कहा है कि हम नैतिकता और सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों के साथ व्यापार करने में विश्वास करते हैं. हमारे ग्राहकों के हितों से समझौता करने वाले और मैक्स लाइफ की प्रतिष्ठा को खतरे में डालने वाले किसी भी अनैतिक और कपटपूर्ण व्यवहार के प्रति हम कोई सहनशीलता नहीं रखते हैं. अपनी आंतरिक जांच के दौरान हमने पाया कि संलिप्त व्यक्ति अनैतिक कार्यों में लिप्त था.

हमने इसमें शामिल कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी और तत्काल प्रभाव से उसकी नौकरी समाप्त कर दी थी. मैक्स लाइफ की शिकायत पर ही एफआईआर दर्ज की गई थी. हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए चल रही जांच में सहायता के लिए आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं. हम आवश्यक धोखाधड़ी नियंत्रण उपायों के साथ सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसकी हमारे ग्राहक हमसे अपेक्षा करते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जीवन बीमा पॉलिसी का पैसा फर्जी तरीके से निकालकर मैक्स लाइफ बीमा कंपनी को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने 22 लोगों की 37 जीवन बीमा पॉलिसी के करीब तीन करोड़ 38 लाख रुपए फर्जी तरीके से निकाल लिए. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की ओर से शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और इन सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने इनसे 39 मोबाइल, 55 पैन कार्ड, 33 आधार कार्ड, 32 वोटर कार्ड, 46 डेबिट कार्ड और 73 चेक बुक व पासबुक बरामद किए हैं. जांच में पता चला है कि आधार कार्ड में व्यक्तिगत जानकारी को अपडेट कराने की आसान प्रक्रिया का बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. आरोपियों की पहचान वेस्ट संत नगर निवासी प्रेम प्रकाश, रोहिणी निवासी चंदन जैन, ककरोला निवासी सुजीत कुमार मिश्रा, विजय नगर निवासी विकास और ग्रेटर नोएडा निवासी रोहित कुमार अग्रवाल के रूप में हुई है.

मृत व्यक्ति का ले लिया क्लेमः स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट के डीसीपी प्रशांत पी गौतम ने बताया कि मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की ओर से 28 मार्च को शिकायत दी गई थी. उनके एक पॉलिसी होल्डर अब्दुल चौधरी की मौत हो गई थी. उनका 51 लाख रुपए का क्लेम फर्जी तरीके से किसी ने ले लिया है. कंपनी ने जांच में पाया था कि अब्दुल के घर से किसी ने बीमा राशि का दावा नहीं किया था, बल्कि किसी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर क्लेम ले लिया. कंपनी की ओर से छानबीन की गई तो पता चला कि आरोपियों ने 22 लोगों की 37 पॉलिसी के 2.38 करोड़ रुपए के क्लेम फर्जी तरीके से ले लिए हैं. इस पर उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई.

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ट्रांजेक्शन को ट्रेस कर सरगना तक पहुंची पुलिसः एफएसओ स्पेशल सेल द्वारका के इंस्पेक्टर अरुण कुमार त्यागी के नेतृत्व और एसीपी सुनील कुमार पांचाल की देखरेख में इंस्पेक्टर देवेंद्र दहिया, हेडकांस्टेबल रणदीप सिंह, विक्रांत, राहुल और मनोज ने मामले की जांच शुरू की. जिन बैंकों में ट्रांजेक्शन हुआ था उन बैंकों को ट्रेस करते हुए जांच टीम ने काफी दस्तावेज हासिल कर लिए.

जांच टीम को पता चला कि इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बंधन बैंक, यस बैंक, आईडीबीआई बैंक और जना स्मॉल फाइनेंस बैंक में पॉलिसी होल्डर्स के नाम पर फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर अकाउंट खुलवाये गए थे. सभी अकाउंट खुलवाने के लिए ई आधार ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया था. इन सभी अकाउंट में आया सारा पैसा रिंकू सेल्स नाम के एक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया, जिसका प्रोपराइटर प्रेम प्रकाश था. इसके बाद पुलिस ने प्रेम प्रकाश को चंदन विहार से गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ के आधार पर चार और लोगों को पुलिस ने दबोचा.

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ऐसे करते थे ठगीः रोहित कुमार अग्रवाल और सुजीत कुमार मिश्रा मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में सीनियर एक्सक्यूटिव थे. उनके पास सभी पॉलिसी होल्डर्स का डाटा एक्सेस था. दोनों ने उन पॉलिसी होल्डर्स की डिटेल जिनकी पॉलिसी मैच्योर हो चुकी थी और उसने क्लेम नहीं किया था, या पॉलिसी होल्डर की मौत हो चुकी थी और नॉमिनी को अभी तक पैसे का भुगतान नहीं हुआ था, सारा डाटा चंदन जैन को दे दिया.

फिर चंदन जैन और प्रेम प्रकाश ने कुछ गरीब लोगों को थोड़े पैसे का लालच देकर उनका पैन कार्ड, आधार कार्ड पॉलिसी होल्डरों के नाम पर बनवाकर बैंक में फर्जी अकाउंट खुलवा लिया. इसके बाद रोहित और सुजीत की मदद से सभी पॉलिसियों के लिए क्लेम का आवेदन किया गया. सभी अकाउंट में क्लेम का पैसा पहुंचने के बाद इन लोगों ने पैसे आपस में बांट लिए. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर जिन बैंकों में अकाउंट खुलवाया गए क्या उन बैंकों के कर्मचारियों की भी इस मामले में कोई मिलीभगत थी.

बीमा कंपनी ने जारी किया बयानः इस पूरे प्रकरण पर मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने बयान जारी कर कहा है कि हम नैतिकता और सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों के साथ व्यापार करने में विश्वास करते हैं. हमारे ग्राहकों के हितों से समझौता करने वाले और मैक्स लाइफ की प्रतिष्ठा को खतरे में डालने वाले किसी भी अनैतिक और कपटपूर्ण व्यवहार के प्रति हम कोई सहनशीलता नहीं रखते हैं. अपनी आंतरिक जांच के दौरान हमने पाया कि संलिप्त व्यक्ति अनैतिक कार्यों में लिप्त था.

हमने इसमें शामिल कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी और तत्काल प्रभाव से उसकी नौकरी समाप्त कर दी थी. मैक्स लाइफ की शिकायत पर ही एफआईआर दर्ज की गई थी. हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए चल रही जांच में सहायता के लिए आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं. हम आवश्यक धोखाधड़ी नियंत्रण उपायों के साथ सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसकी हमारे ग्राहक हमसे अपेक्षा करते हैं.

Last Updated : Apr 27, 2023, 4:47 PM IST
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