ETV Bharat / state

HC में सुनवाई के दौरान एमजे अकबर: यौन शोषण से निपटने के लिए कानून पहले से मौजूद - एमजे अकबर प्रिया रमानी न्यूज अपडेट

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान एमजे अकबर ने कहा कि जब यौन प्रताड़ना से जुड़ा कानून नहीं था, उस समय भी विशाखा दिशानिर्देश जैसे निवारक कानून थे. मामले पर अगली सुनवाई 14 जनवरी को होगी.

MJ akbar said that acts are already there to deal with sexual abuse
HC में सुनवाई के दौरान एमजे अकबर
author img

By

Published : Jan 12, 2021, 8:33 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से कहा गया कि जब यौन प्रताड़ना से जुड़ा कानून नहीं था, उस समय भी विशाखा दिशानिर्देश जैसे निवारक कानून थे. एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा कि प्रिया रमानी ने जिस समय के यौन प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं, उस समय भी भारतीय दंड संहिता और राष्ट्रीय महिला आयोग थी. मामले पर अगली सुनवाई 14 जनवरी को होगी.

'आरोप लगाने से प्रिया रमानी निर्दोष नहीं हो सकती'

लूथरा ने एमजे अकबर की ओर से पेश गवाहों के क्रास-एग्जामिनेशन को पढ़ते हुए कहा कि प्रिया रमानी को अपने को निर्दोष साबित करना है न कि एमजे अकबर को. एमजे अकबर पर आरोप लगा देने से प्रिया रमानी निर्दोष नहीं हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि प्रिया रमानी की ओर से वोग मैगजीन में लिखे आलेख केवल आरोप थे, उन्हें प्रमाणित नहीं किया गया. लूथरा ने कहा कि पूरा आलेख एमजे अकबर पर था.

'एमजे अकबर को किया गया टारगेट'

लूथरा ने कहा कि प्रिया रमानी ने एमजे अकबर को टारगेट किया. एमजे अकबर ने कभी भी प्रिया रमानी को टारगेट नहीं किया. प्रिया रमानी या किसी दूसरे व्यक्ति ने एमजे अकबर के खिलाफ शिकायत नहीं की है. उन्होंने रमानी पर एक के बाद एक झूठ बोलने का आरोप लगाया. लूथरा ने कहा कि प्रिया रमानी का यह कहना ठीक नहीं है कि आरोप लगाने वाले दूसरे लोगों के खिलाफ क्यों नहीं केस किया गया. ये हमारा अधिकार है कि हम किसके खिलाफ केस करें.

'प्रिया रमानी के पहले किसी ने कुछ नहीं कहा'

पिछले 7 जनवरी को सुनवाई के दौरान एमजे अकबर ने कहा था कि प्रिया रमानी पहली व्यक्ति थीं जिन्होंने उनके खिलाफ आरोप लगाया. सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर की छवि काफी अच्छी है और प्रिया रमानी के आरोपों के पहले किसी ने कुछ नहीं कहा. लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर अपने सार्वजनिक जीवन में राज्यसभा के सदस्य रहे और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे. प्रिया रमानी ने एमजे अकबर की छवि पर धब्बा लगाने की कोशिश की.

'छवि बनाने में समय लगता है और एक सेकंड में बर्बाद हो सकती है'

लूथरा ने कहा था कि रमानी के ट्वीट के आधार पर दूसरे आलेख लिखे गए. रमानी के झूठे और अपमानजनक बयानों को मीडिया में दोहराया गया. उन्होंने कहा था कि छवि बनाने में समय लगता है और उसे बर्बाद करने में एक सेकंड लगता है. एमजे अकबर ने अपनी छवि 50 सालों में बनाई. इस दौरान किसी ने ऊंगली नहीं उठाई. अकबर के अधीन दस से बीस हजार कर्मचारी काम करते होंगे.

ये भी पढ़ें:-ICU बेड मामला: केजरीवाल सरकार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई

2018 में दायर किया था मामला

एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था. 25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से कहा गया कि जब यौन प्रताड़ना से जुड़ा कानून नहीं था, उस समय भी विशाखा दिशानिर्देश जैसे निवारक कानून थे. एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा कि प्रिया रमानी ने जिस समय के यौन प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं, उस समय भी भारतीय दंड संहिता और राष्ट्रीय महिला आयोग थी. मामले पर अगली सुनवाई 14 जनवरी को होगी.

'आरोप लगाने से प्रिया रमानी निर्दोष नहीं हो सकती'

लूथरा ने एमजे अकबर की ओर से पेश गवाहों के क्रास-एग्जामिनेशन को पढ़ते हुए कहा कि प्रिया रमानी को अपने को निर्दोष साबित करना है न कि एमजे अकबर को. एमजे अकबर पर आरोप लगा देने से प्रिया रमानी निर्दोष नहीं हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि प्रिया रमानी की ओर से वोग मैगजीन में लिखे आलेख केवल आरोप थे, उन्हें प्रमाणित नहीं किया गया. लूथरा ने कहा कि पूरा आलेख एमजे अकबर पर था.

'एमजे अकबर को किया गया टारगेट'

लूथरा ने कहा कि प्रिया रमानी ने एमजे अकबर को टारगेट किया. एमजे अकबर ने कभी भी प्रिया रमानी को टारगेट नहीं किया. प्रिया रमानी या किसी दूसरे व्यक्ति ने एमजे अकबर के खिलाफ शिकायत नहीं की है. उन्होंने रमानी पर एक के बाद एक झूठ बोलने का आरोप लगाया. लूथरा ने कहा कि प्रिया रमानी का यह कहना ठीक नहीं है कि आरोप लगाने वाले दूसरे लोगों के खिलाफ क्यों नहीं केस किया गया. ये हमारा अधिकार है कि हम किसके खिलाफ केस करें.

'प्रिया रमानी के पहले किसी ने कुछ नहीं कहा'

पिछले 7 जनवरी को सुनवाई के दौरान एमजे अकबर ने कहा था कि प्रिया रमानी पहली व्यक्ति थीं जिन्होंने उनके खिलाफ आरोप लगाया. सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर की छवि काफी अच्छी है और प्रिया रमानी के आरोपों के पहले किसी ने कुछ नहीं कहा. लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर अपने सार्वजनिक जीवन में राज्यसभा के सदस्य रहे और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे. प्रिया रमानी ने एमजे अकबर की छवि पर धब्बा लगाने की कोशिश की.

'छवि बनाने में समय लगता है और एक सेकंड में बर्बाद हो सकती है'

लूथरा ने कहा था कि रमानी के ट्वीट के आधार पर दूसरे आलेख लिखे गए. रमानी के झूठे और अपमानजनक बयानों को मीडिया में दोहराया गया. उन्होंने कहा था कि छवि बनाने में समय लगता है और उसे बर्बाद करने में एक सेकंड लगता है. एमजे अकबर ने अपनी छवि 50 सालों में बनाई. इस दौरान किसी ने ऊंगली नहीं उठाई. अकबर के अधीन दस से बीस हजार कर्मचारी काम करते होंगे.

ये भी पढ़ें:-ICU बेड मामला: केजरीवाल सरकार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई

2018 में दायर किया था मामला

एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था. 25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.