नई दिल्ली: भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी तकरार जारी है. मंगलवार को केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को लेकर निशाना साधा. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने पर कहा था कि वह शक्तिशाली व्यक्ति हैं. अगर उन्हें जमानत मिलती है, तो वह गवाहों को प्रभावित करेंगे.
सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक कहावत है कि अगर बाढ़ ही खेत को खाने लगे तो खेत क्या करेगा. कुछ ऐसी ही कहानी दिल्ली के अंदर पिछले कुछ समय से चली आ रही है. जिनके ऊपर भ्रष्टाचार को रोकने की जिम्मेदारी थी. वहीं, लोग भ्रष्टाचार को लगातार अंजाम देते रहे. उसी का परिणाम है कि सिसोदिया की याचिका बार-बार खारिज हो रही है.
लेखी ने कहा कि 27 मई को एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई. उसमें कहा गया कि जांच में ऐसी बातें सामने आई है कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर ने होलसेलर्स के 12 फीसदी कमीशन बढ़ाने की कोई डिटेल जानकारी नहीं दी है. जबकि इसकी फाइनल रिपोर्ट आबकारी विभाग से मांगनी थी, उसे भी नहीं मांगा गया.
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कंप्यूटर हार्ड डिस्क से हुए कई खुलासे: केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि 5 मार्च 2021 को अरवा गोपी कृष्ण एक्साइज कमिश्नर बने थे, उन्हें भी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की मीटिंग में नहीं बुलाया गया. जांच के दौरान जब्त किए गए कंप्यूटर से हार्ड डिस्क ली गई, जिसमें कई खुलासे हुए. लेखी ने कहा कि अरविंद और सुनील सिंघल ने अपने बयान में कहा कि 5 फीसदी से 12 फीसदी तक होलसेलर्स को लाभ मार्जिन बढ़ाया गया. साथ ही एल वन लाइसेंस का टर्नओवर 100 करोड़ से 500 करोड़ अगले पांच सालों तक के लिए बढ़ा दिया गया.
उन्होंने कहा कि 20 मई और 21 मई 2021 को गौरी अपार्टमेंट में एक मीटिंग हुई, जिसमें विजय नायर, अमनदीप सिंह ढल और अर्जुन पांडेय मौजूद थे. उसमें शराब नीति में फायदा उठाने की शर्तों और उसके उपायों पर चर्चा हुई. इसके बाद सिसोदिया के कहने पर इंडोस्पिरिट कंपनी को लाइसेंस दिया गया. जिसे अरवा गोपी कृष्ण ने अपने दिए बयान में स्वीकार किया है.
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