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एमसीडी देगी सीमेंट इंडस्ट्रीज को आरडीएफ, लैंडफिल साइट्स पर उत्पन्न आरडीएफ है ईंधन कोयले का विकल्प - MCD will give RDF to cement industries

दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के ट्विटर हैंडल राज निवास दिल्ली की तरफ से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई है कि दिल्ली नगर निगम की तरफ से Refuse derived fuel यानी आरडीएफ को अब सीमेंट इंडस्ट्रीज को कोयले के बदले एक अल्टरनेटिव फ्यूल के रूप में दिए जाने के सुविधा शुरू हो चुकी है. इससे एमसीडी को वित्तीय फायदा होगा.

एमसीडी
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Published : Oct 21, 2022, 12:57 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कूड़े के पहाड़ को जल्द समाप्त करने के लिए प्रशासनिक इकाइयां लगातार कार्यरत हैं. जानकारी के मुताबिक दिल्ली के लैंडफिल साइटों पर उत्पन्न आरडीएफ को सीमेंट इंडस्ट्रीज को दिया जाएगा. बता दें कि आरडीएफ एक प्रकार से कोयले का विकल्प है. इससे एमसीडी को वित्तीय बचत होने के साथ ही फायदा भी होगा. साथ ही इस पूरी एक्सरसाइज से एमसीडी को दिल्ली के कूड़े के तीनों पहाड़ों को खत्म करने में आने वाले खर्चे में भी फायदा होगा. यह प्रक्रिया उपराज्यपाल द्वारा शुरू की गई गार्बेज मेनेस का एक हिस्सा है.

ये भी पढ़ें : दिसंबर मध्य में हो सकता है दिल्ली नगर निगम का चुनाव

दिल्ली के माननीय उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के ट्विटर हैंडल राज निवास दिल्ली की तरफ से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई है कि दिल्ली नगर निगम की तरफ से refuse derived fuel यानी आरडीएफ को अब सीमेंट इंडस्ट्रीज को कोयले के बदले एक अल्टरनेटिव फ्यूल के रूप में दिए जाने के सुविधा शुरू हो चुकी है. इससे एमसीडी को वित्तीय फायदा होगा. साथ ही दिल्ली में एमसीडी को कूड़े के मैनेजमेंट में भी आसानी भी होगी. एमसीडी की लैंडफिल साइट्स पर टोटल वेस्ट का लगभग 20% हिस्सा आरडीएफ के रूप में आता है. एलजी ने एमसीडी को पहले ही लैंडफिल साइट पर आरडीएफ टेस्टिंग के निर्देश दे दिए हैं.

आरडीएफ एक ऐसा पदार्थ है जिसे इंडस्ट्री द्वारा कोयले के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनियों में शुमार जेके सीमेंट जल्द ही दिल्ली की तीनो लैंडफिल साइट्स से आरडीएफ कलेक्ट करना शुरू कर देगी. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में एमसीडी की लैंडफिल साइट से अब कोई भी व्यक्ति या इंडस्ट्री आरडीएफ ले सकती है. लेकिन उसे आरडीएफ कलेक्ट करने का खर्च खुद वहन करना पड़ेगा.

इस नई योजना की सहायता से एमसीडी को कूड़े के निस्तारण में बड़ी बचत हुई है. एमसीडी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार लगभग 8,422 मीट्रिक टन के निस्तारण पर आरडीएफ जनरेट होने पर निगम को 42.11 लाख की बचत होगी. एमसीडी के अधिकारियों द्वारा दी गई अनुमानित तौर पर दी गई जानकारी के मुताबिक लगभग पचास हजार मैट्रिक टन आरडीएफ लिफ्ट किए जाने पर निगम को लगभग 6.73 करोड़ का वित्तीय फायदा होगा. एमसीडी की लैंडफिल साइट पर शुरू हो रही इस एक्सरसाइज को एक सस्टेनेबल सॉल्यूशन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे कि कूड़े का मैनेजमेंट एमसीडी के लिए आसान हो जाएगा.

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कूड़े के पहाड़ को जल्द समाप्त करने के लिए प्रशासनिक इकाइयां लगातार कार्यरत हैं. जानकारी के मुताबिक दिल्ली के लैंडफिल साइटों पर उत्पन्न आरडीएफ को सीमेंट इंडस्ट्रीज को दिया जाएगा. बता दें कि आरडीएफ एक प्रकार से कोयले का विकल्प है. इससे एमसीडी को वित्तीय बचत होने के साथ ही फायदा भी होगा. साथ ही इस पूरी एक्सरसाइज से एमसीडी को दिल्ली के कूड़े के तीनों पहाड़ों को खत्म करने में आने वाले खर्चे में भी फायदा होगा. यह प्रक्रिया उपराज्यपाल द्वारा शुरू की गई गार्बेज मेनेस का एक हिस्सा है.

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दिल्ली के माननीय उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के ट्विटर हैंडल राज निवास दिल्ली की तरफ से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई है कि दिल्ली नगर निगम की तरफ से refuse derived fuel यानी आरडीएफ को अब सीमेंट इंडस्ट्रीज को कोयले के बदले एक अल्टरनेटिव फ्यूल के रूप में दिए जाने के सुविधा शुरू हो चुकी है. इससे एमसीडी को वित्तीय फायदा होगा. साथ ही दिल्ली में एमसीडी को कूड़े के मैनेजमेंट में भी आसानी भी होगी. एमसीडी की लैंडफिल साइट्स पर टोटल वेस्ट का लगभग 20% हिस्सा आरडीएफ के रूप में आता है. एलजी ने एमसीडी को पहले ही लैंडफिल साइट पर आरडीएफ टेस्टिंग के निर्देश दे दिए हैं.

आरडीएफ एक ऐसा पदार्थ है जिसे इंडस्ट्री द्वारा कोयले के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनियों में शुमार जेके सीमेंट जल्द ही दिल्ली की तीनो लैंडफिल साइट्स से आरडीएफ कलेक्ट करना शुरू कर देगी. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में एमसीडी की लैंडफिल साइट से अब कोई भी व्यक्ति या इंडस्ट्री आरडीएफ ले सकती है. लेकिन उसे आरडीएफ कलेक्ट करने का खर्च खुद वहन करना पड़ेगा.

इस नई योजना की सहायता से एमसीडी को कूड़े के निस्तारण में बड़ी बचत हुई है. एमसीडी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार लगभग 8,422 मीट्रिक टन के निस्तारण पर आरडीएफ जनरेट होने पर निगम को 42.11 लाख की बचत होगी. एमसीडी के अधिकारियों द्वारा दी गई अनुमानित तौर पर दी गई जानकारी के मुताबिक लगभग पचास हजार मैट्रिक टन आरडीएफ लिफ्ट किए जाने पर निगम को लगभग 6.73 करोड़ का वित्तीय फायदा होगा. एमसीडी की लैंडफिल साइट पर शुरू हो रही इस एक्सरसाइज को एक सस्टेनेबल सॉल्यूशन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे कि कूड़े का मैनेजमेंट एमसीडी के लिए आसान हो जाएगा.

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