नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) की 250 सीटों पर चुनाव के लिए आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो (mcd elections enrollment process starts from today) गई है. सुबह 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार, अपने क्षेत्र में रिटर्निंग ऑफिसर के पास नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं. वहीं नामांकन की अंतिम तारीख 14 नवंबर है. हालांकि अभी बीजेपी, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने किसी भी सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति नगर निगम चुनाव लड़ना चाहता है तो उसकी पात्रता क्या है, आइए जानते हैं..
एमसीडी चुनाव लड़ने की पात्रता: वह व्यक्ति जिसकी उम्र 21 वर्ष है और उसका नाम एक वार्ड के मतदाता सूची में मतदाता के रूप में पंजीकृत है, योग्य है और डीएमसी अधिनियम 1957 के खंड 9 के तहत एमसीडी के पार्षद के रूप में सदस्यता के लिए अयोग्य नहीं है, वह इस चुनाव में प्रत्याशी बनने के लिए नामांकन दाखिल कर सकता है.
एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार के लिए आवश्यकताएं: दिल्ली के पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राज्य राजनीतिक दल का उम्मीदवार, जिसे वह प्रस्तावित करता है, वह व्यक्ति उसी वार्ड में मतदाता होना चाहिए, जिसका वह प्रस्ताव कर रहा है. स्वतंत्र और अन्य उम्मीदवारों के मामले में, प्रत्येक उम्मीदवार को 10 प्रस्तावों द्वारा प्रस्तावित किया जाना चाहिए, जो उसी वार्ड में मतदाता होना चाहिए, जहां से वह प्रस्ताव कर रहा है.
यदि कोई उम्मीदवार अपने होम वार्ड के अलावा किसी अन्य वार्ड से चुनाव लड़ रहा है, तो उसे मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति दाखिल करनी होगी, जिसमें उसका नाम मतदाता के रूप में पंजीकृत हो. प्रत्येक उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के समय हलफनामा भी दाखिल करना होगा ताकि आपराधिक मामले / मामलों में उसकी भागीदारी, यदि कोई हो, उसकी संपत्ति और देनदारियों और निर्धारित प्रारूप में उसकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में पूर्ण जानकारी हो. नामांकन पत्र के साथ इस तरह के हलफनामे को दाखिल न करना या गलत जानकारी देना, पर्याप्त कार्य के चरित्र और चूक के रूप में माना जाएगा और ऐसे उम्मीदवार के नामांकन को अस्वीकार कर दिया जाएगा.
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राष्ट्रीय व राज्य राजनीतिक दलों द्वारा उम्मीदवारों को प्रायोजित करने की प्रक्रिया: इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रक्रिया निर्धारित है. दरअसल केंद्रीय स्तर पर पार्टी के अध्यक्ष या सचिव, राज्य स्तर पर एक पदाधिकारी के नाम को प्रायोजित करते हैं. इसकी प्रति को चुनाव आयोग और संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर को भेजा जाता है.
चुनाव की अवधि के दौरान किसी भी विवाद की यहां दी जा सकती है शिकायत: चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद और चुनाव की अवधि के दौरान उत्पन्न होने वाले विवाद को केवल जिला न्यायाधीश दिल्ली की अदालत में शिकायत कर सकते हैं. साथ ही चुनाव के परिणाम की घोषणा की तारीख से 15 दिनों के भीतर चुनाव याचिका दायर करने के माध्यम से चुनौती दी जा सकती है.
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