नई दिल्ली : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) ने मंगलवार को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinay Kumar Saxena) को पत्र लिखकर दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (Delhi Electricity Regulatory Commission) के नए अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस राजीव श्रीवास्तव की नियुक्ति को तत्काल मंजूरी देने का अनुरोध किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि आज से पद रिक्त खाली हो गया है.
साथ ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्र लिखकर यह भी आग्रह किया है कि यह फाइल सीधे अधिकारियों को न भेजें, (जैसा कि उन्होंने पिछले सप्ताह 3 मामलों में किया है) क्योंकि यह संविधान और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों के खिलाफ है. गत चार जनवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डीईआरसी के नए अध्यक्ष पद के लिए रिटायर्ड जस्टिस राजीव श्रीवास्तव की नियुक्ति की थी और इसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल को भेज दिया था.
उपराज्यपाल कार्यालय से अभी तक फाइल की मंजूरी नहीं मिली है. फाइल की मंजूरी मिलने के बाद राजीव कुमार श्रीवास्तव डीईआरसी के वर्तमान अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश शबिहुल हसनैन की जगह लेंगे और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद डीईआरसी के अध्यक्ष का पद ग्रहण करेंगे. पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल डीईआरसी के पिछले दो अध्यक्षों की नियुक्ति में सरकार के फैसलों पर सहमत थे और उन्होंने सरकार के फैसलों से असहमति नहीं जताई थीे.
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बता दें, दिल्ली विद्युत अधिनियम 2003 के तहत आयोग का अध्यक्ष और सदस्य 5 साल की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक पद पर रह सकता है. आयोग में अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होते हैं. अब नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद 2023-24 के लिए बिजली की दरों की घोषणा होने की संभावना जताई जा रही है.
नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही डीईआरसी बिजली की नई दरें घोषित कर सकता है. अमूमन अप्रैल में नई दरें घोषित हो जाती है. मार्च में इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है. बिजली वितरण कंपनियां घाटे का हवाला देकर बिजली की दरें बढ़ाने की मांग कर रही है. वहीं, राजनीतिक पार्टियां, व्यापारी और अन्य उपभोक्ता बिजली बिल का बोझ कम करने की मांग कर रहे हैं.
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