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Journey of Manish Sisodia: ऐसा रहा मनीष सिसोदिया का पत्रकार से CBI रिमांड तक का सफर... - सीबीआई

शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया कैसे पत्रकार से नेता बने और फिर आम आदमी पार्टी के दूसरे नबंर के सबसे ताकतवर नेता, आइए जानते हैं...

Manish Sisodia journey from journalist to jail
Manish Sisodia journey from journalist to jail
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Published : Mar 1, 2023, 2:28 PM IST

मनीष सिसोदिया का पत्रकार से जेल तक का सफर

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में जन्मे 51 वर्षीय मनीष सिसोदिया शुरुआती दौर में पत्रकार थे. वे प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक में काम किए हैं. सिसोदिया ने 1996 से 2005 तक एक निजी न्यूज चैनल में काम करने के बाद 2006 में पत्रकारिता को छोड़ दिया.

सिसोदिया 1999 में अरविंद केजरीवाल के संपर्क में आए और गैर सरकारी संस्थान 'परिवर्तन' से जुड़े. यहीं से दोनों के बीच दोस्ती शुरू हुई जो अब तक जारी है. बाद में दोनों ने कई सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर काम किया.

सिसोदिया 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में जनलोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे के नेतृत्व में हो रहे आंदोलन में काफी सक्रिय रहे. इसके बाद 2012 में अन्ना हजारे से अलग होकर केजरीवाल ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान किया, तो सिसोदिया उनके साथ थे और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने. 2013 में पार्टी की टिकट पर उन्होंने पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा से चुनाव लड़ा. जीते और पहली बार विधायक बने. उसके बाद 2015 और 2020 में लगातार जीते और उपमुख्यमंत्री रहे.

मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम होने के साथ-साथ 18 विभागों की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त, शहरी विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, गृह विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग को शामिल हैं.

साल 2021 में केजरीवाल सरकार द्वारा लागू नई आबकारी नीति के सवालों के घेरे में आने के बाद सीबीआई मनीष सिसोदिया के खिलाफ 17 अगस्त 2022 को मुकदमा दर्ज किया और उसके बाद उनके घर और बैंक लॉकर की छानबीन की. फिलहाल सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई की रिमांड पर भेजा है, जिसके बाद 28 फरवरी 2023 (मंगलवार) को अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके इस्तीफे को मंजूरी दे दी है.

ये भी पढ़ें: केजरीवाल को सिसोदिया की भावुक चिट्ठी, कहा- मैं या मेरा भगवान जानता है 8 साल ईमानदारी से किया काम

मनीष सिसोदिया का पत्रकार से जेल तक का सफर

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में जन्मे 51 वर्षीय मनीष सिसोदिया शुरुआती दौर में पत्रकार थे. वे प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक में काम किए हैं. सिसोदिया ने 1996 से 2005 तक एक निजी न्यूज चैनल में काम करने के बाद 2006 में पत्रकारिता को छोड़ दिया.

सिसोदिया 1999 में अरविंद केजरीवाल के संपर्क में आए और गैर सरकारी संस्थान 'परिवर्तन' से जुड़े. यहीं से दोनों के बीच दोस्ती शुरू हुई जो अब तक जारी है. बाद में दोनों ने कई सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर काम किया.

सिसोदिया 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में जनलोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे के नेतृत्व में हो रहे आंदोलन में काफी सक्रिय रहे. इसके बाद 2012 में अन्ना हजारे से अलग होकर केजरीवाल ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान किया, तो सिसोदिया उनके साथ थे और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने. 2013 में पार्टी की टिकट पर उन्होंने पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा से चुनाव लड़ा. जीते और पहली बार विधायक बने. उसके बाद 2015 और 2020 में लगातार जीते और उपमुख्यमंत्री रहे.

मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम होने के साथ-साथ 18 विभागों की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त, शहरी विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, गृह विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग को शामिल हैं.

साल 2021 में केजरीवाल सरकार द्वारा लागू नई आबकारी नीति के सवालों के घेरे में आने के बाद सीबीआई मनीष सिसोदिया के खिलाफ 17 अगस्त 2022 को मुकदमा दर्ज किया और उसके बाद उनके घर और बैंक लॉकर की छानबीन की. फिलहाल सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई की रिमांड पर भेजा है, जिसके बाद 28 फरवरी 2023 (मंगलवार) को अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके इस्तीफे को मंजूरी दे दी है.

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