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DISCOM Dispute: LG द्वारा सरकार का फैसला पलटने पर भड़के मनीष सिसोदिया

DISCOM में दिल्ली सरकार के चार साल पहले लिए गए फैसले को पलटने पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर उपराज्यपाल को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के LG को यह फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों और संविधान का पूरी तरह मजाक उड़ाया है.

Deputy Chief Minister Manish Sisodia
DISCOM Dispute
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Published : Feb 11, 2023, 2:21 PM IST

नई दिल्ली: डिस्कॉम में सदस्य के रूप में दिल्ली सरकार द्वारा नामित जैस्मिन शाह और नवीन गुप्ता को हटाए जाने से भड़के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन्हें हटाने का अधिकार उपराज्यपाल को है ही नहीं. अपने निवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार द्वारा लिए गए फैसले की फाइल मंगाकर उस पर "डिफरेंस ऑफ ओपिनियन" लिखकर अपनी राय बताते हैं, यह भी गलत है.

प्रेस वार्ता करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया बोले उपराज्यपाल के पास कोई पावर नहीं है सरकार द्वारा चार साल पुराने फैसले को पलटने का. ऐसे तो 20 साल पहले लिए गए फैसले को भी वे पलट सकते हैं, यह संविधान की अवहेलना है. जैस्मिन शाह और नवीन गुप्ता को डिस्कॉम के बोर्ड से हटाने का उपराज्यपाल का आदेश अवैध और असंवैधानिक है. सिसोदिया बोले एलजी के पास ऐसे आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है. केवल निर्वाचित सरकार के पास बिजली के विषय पर आदेश जारी करने की शक्तियां हैं. एलजी ने सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों और संविधान का पूरी तरह मजाक उड़ाया है. वह खुलेआम कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश उन पर बाध्यकारी नहीं है.

सिसोदिया बोले दिल्ली सरकार ने चार साल पहले बिजली व्यवस्था में सुधार को लेकर फैसले लिए थे, उस पर एलजी ने कहा है कि इसमें आठ हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. यह गलत है. उन्हें अगर कुछ गलत लगता है तो इसकी जांच करा लें. सब घोटाले के लिए ईडी, सीबीआई सबको भेज देते हैं, लेकिन यह पावर कहां से आ गई कि वे सरकार द्वारा लिए गए फैसले को पलट रहे हैं. बिना किसी प्रोसीजर को फॉलो किए हुए उन्होंने इसे पलटा है, यह गलत है. सिसोदिया ने उपराज्यपाल से निवेदन किया है कि वह प्रोसीजर को फॉलो करें और संविधान को मानें.

यह भी पढ़ें: LGs Legal Bet: दिल्ली के LG ने DISCOMS से आम आदमी पार्टी के दो नेताओं को बाहर किया

बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने डिस्कॉम सदस्य के तौर पर दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त सदस्य जैस्मिन शाह व नवीन गुप्ता को हटाए जाने के फैसले से पहले इसे राष्ट्रपति के पास भेजा था. राष्ट्रपति के निर्णय के मुताबिक एलजी ने डिस्कॉम का बोर्ड बदलने के लिए कहा. डिस्कॉम में 49 फीसद हिस्सेदारी रखने वाली दिल्ली सरकार पहले वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को नामित कर दी थी, ताकि डिस्कॉम बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णयों में दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोगों के हितों का ध्यान रखा जा सके, लेकिन आरोप है कि डिस्कॉम में आप नेताओं ने कमीशन लेकर दिल्ली के लोगों के हित की बजाय बिजली विरतण कंपनी बीआरपीएल और बीवाईपीएल के साथ मिलीभगत से काम किया. जिससे दिल्ली सरकार को 8468 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है.

नई दिल्ली: डिस्कॉम में सदस्य के रूप में दिल्ली सरकार द्वारा नामित जैस्मिन शाह और नवीन गुप्ता को हटाए जाने से भड़के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन्हें हटाने का अधिकार उपराज्यपाल को है ही नहीं. अपने निवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार द्वारा लिए गए फैसले की फाइल मंगाकर उस पर "डिफरेंस ऑफ ओपिनियन" लिखकर अपनी राय बताते हैं, यह भी गलत है.

प्रेस वार्ता करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया बोले उपराज्यपाल के पास कोई पावर नहीं है सरकार द्वारा चार साल पुराने फैसले को पलटने का. ऐसे तो 20 साल पहले लिए गए फैसले को भी वे पलट सकते हैं, यह संविधान की अवहेलना है. जैस्मिन शाह और नवीन गुप्ता को डिस्कॉम के बोर्ड से हटाने का उपराज्यपाल का आदेश अवैध और असंवैधानिक है. सिसोदिया बोले एलजी के पास ऐसे आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है. केवल निर्वाचित सरकार के पास बिजली के विषय पर आदेश जारी करने की शक्तियां हैं. एलजी ने सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों और संविधान का पूरी तरह मजाक उड़ाया है. वह खुलेआम कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश उन पर बाध्यकारी नहीं है.

सिसोदिया बोले दिल्ली सरकार ने चार साल पहले बिजली व्यवस्था में सुधार को लेकर फैसले लिए थे, उस पर एलजी ने कहा है कि इसमें आठ हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. यह गलत है. उन्हें अगर कुछ गलत लगता है तो इसकी जांच करा लें. सब घोटाले के लिए ईडी, सीबीआई सबको भेज देते हैं, लेकिन यह पावर कहां से आ गई कि वे सरकार द्वारा लिए गए फैसले को पलट रहे हैं. बिना किसी प्रोसीजर को फॉलो किए हुए उन्होंने इसे पलटा है, यह गलत है. सिसोदिया ने उपराज्यपाल से निवेदन किया है कि वह प्रोसीजर को फॉलो करें और संविधान को मानें.

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बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने डिस्कॉम सदस्य के तौर पर दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त सदस्य जैस्मिन शाह व नवीन गुप्ता को हटाए जाने के फैसले से पहले इसे राष्ट्रपति के पास भेजा था. राष्ट्रपति के निर्णय के मुताबिक एलजी ने डिस्कॉम का बोर्ड बदलने के लिए कहा. डिस्कॉम में 49 फीसद हिस्सेदारी रखने वाली दिल्ली सरकार पहले वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को नामित कर दी थी, ताकि डिस्कॉम बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णयों में दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोगों के हितों का ध्यान रखा जा सके, लेकिन आरोप है कि डिस्कॉम में आप नेताओं ने कमीशन लेकर दिल्ली के लोगों के हित की बजाय बिजली विरतण कंपनी बीआरपीएल और बीवाईपीएल के साथ मिलीभगत से काम किया. जिससे दिल्ली सरकार को 8468 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है.

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