नई दिल्ली: प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने शीर्ष संस्था फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) और प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित नववर्ष समारोह में भक्ति और संस्कृति से भरपूर अपने मधुर लोकगीतों से धर्म और संस्कृति के रंग बिखेरे और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने प्रभु श्री राम के जन्म सहित अन्य सुंदर गीत प्रस्तुत किए. जब मालिनी अवस्थी मंच से उतरकर दर्शकों के बीच गईं तो दर्शक भी बैठे-बैठे झूम उठे.
इस अवसर पर उन्होंने कहा, संस्कृति कई पीढ़ियों से बहती है और गीतों, अनुष्ठानों, अभिव्यक्तियों, प्रतीकों, संकेतों और त्योहारों में परिलक्षित होती है. इसलिए उन्हें न केवल खुशी से मनाना चाहिए, बल्कि अपनी संस्कृति को सीखने और संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए. लोकगीत संस्कृति के सबसे बड़े वाहक हैं, जिनके माध्यम से घर की महिलाओं ने संस्कृति को काफी हद तक संरक्षित किया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि संस्कृति की मुख्यधारा की परंपराएं सबसे अधिक महिलाओं के माध्यम से प्रवाहित हुई हैं.'
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वहीं फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (एफएलओ) की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधा शिवकुमार ने कहा, 'फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ), प्रभा खेतान फाउंडेशन के सहयोग से, आपके लिए एक ऐसी शाम लेकर आया है जो नए और पुराने की सीमाओं को पार करती है. इस कार्यक्रम को आयोजित करने का निर्णय इस विश्वास पर आधारित है कि संगीत में लोगों को एक साथ लाने की असाधारण क्षमता है. यह भाषाई, सांस्कृतिक और भौगोलिक बाधाओं को पार करता है और एक साझा अनुभव बनाता है जो आत्मा के साथ गूंजता है. जब दुनिया बंटी हुई लगती है, ऐसे समय में संगीत ही है जो एकजुट करने वाली शक्ति के रूप में काम करता है.' उन्होंने फिक्की एफएलओ को प्रभा खेतान फाउंडेशन से जोड़ने के लिए रमा राजशेखरन, चैप्टर चेयर एफएलओ कोयंबटूर और पूनम बाफना, पूर्व अध्यक्ष एफएलओ कोयंबटूर को धन्यवाद दिया.
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