नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा से सरकारी आवास खाली करवाते समय कानूनी प्रक्रिया का पालन करेगी. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने सरकारी बंगला खाली करने के नोटिस पर जब रोक लगाने से इनकार कर दिया तो महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वकील पिनाकी मिश्रा ने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली. उन्होंने कहा कि वे केंद्रीय संपदा निदेशालय से संपर्क कर 2024 के लोकसभा चुनाव तक बंगला खाली नहीं करने का आग्रह करेंगे.
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महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में केंद्रीय संपदा निदेशालय के आदेश को चुनौती दी थी. संपदा निदेशालय ने महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला 7 जनवरी 2024 तक खाली करने का आदेश दिया है. महुआ मोइत्रा ने मांग की थी कि 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने तक उन्हें अपने सरकारी बंगले में रहने दिया जाए.
बता दें कि महुआ मोइत्रा ने संसद से अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए लोकसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया है. 8 दिसंबर को लोकसभा ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी थी. संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ पर पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप को सही मानते हुए उनकी संसद सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा की थी.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था. मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने एक कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडानी के बारे में सवाल पूछे थे और अपना लॉग-इन पासवर्ड भी हीरानंदानी से साझा किया था.
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