नई दिल्ली: दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन सफलता से संपन्न हो गया है. इस दौरान नई दिल्ली पुलिस जिला क्षेत्र में 8 से 10 सितंबर तक कई तरह के प्रतिबंध रहे. बाकी दिल्ली में जहां भी होलसेल और रिटेल मार्केट खुले, वहां बिजनेस नहीं के बराबर रहा.
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और ने कहा कि 3 दिनों तक दिल्ली के बाजारों में कारोबार लगभग ठप रहा. इस दौरान करीब 1 हजार करोड़ रुपये के बिजनेस का नुकसान पहुंचने की आशंका है. नई दिल्ली जिले में दुकान, ऑफिस, रेस्टोरेंट्स, क्लब, बार, बुकशॉप, ज्वेलरी, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स, सिनेमा हॉल, फुटवियर, क्रॉकरी, गैजेट्स आदि का काम नहीं हुआ. कनॉट प्लेस, खान मार्केट, बंगाली मार्केट, जनपथ, पालिका बाजार जैसे मार्केट बंद रहे.
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दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में जहां कारोबार की अनुमति थी, वहां 10 प्रतिशत भी बिजनेस नहीं हो पाया. हजारों दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. कुछ ने हाफ डे काम किया. कुछ शाम 4-5 बजे दुकान बंद कर घर चले गए. ग्राहक नदारद रहे. कर्मचारियों और व्यापारियों को भी मार्केट पहुंचने में मुश्किलें हुईं. बृजेश गोयल ने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद, सोनीपत, रेवाड़ी, बहादुरगढ़, पानीपत, मेरठ और सहारनपुर जैसे आसपास के शहरों से दिल्ली में रोजाना करीब 4 लाख खरीदार आते हैं. वे छुट्टी, रास्ते बंद, डायवर्जन, सिक्योरिटी जैसे भ्रम की वजह से नहीं आ सके.
दिल्ली के स्थानीय निवासियों ने भी 3 दिनों को छुट्टियों की तरह लिया. बहुत से लोग बाहर घूमने निकल गए. स्कूल, कॉलेज, सरकारी और निजी दफ्तरों में अवकाश घोषित होने पर काफी लोग दिल्ली से बाहर टूर पर निकल गए. सीटीआई ने जी-20 के कार्यक्रम की सफलता के लिए केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी को बधाई दी है.
कमला नगर, मटियामहल, लाजपत नगर, चांदनी चौक, करोल बाग, सरोजिनी नगर जैसे मार्केट्स के दुकानदारों ने खूब तैयारियां की थीं. कई मार्केट्स रंग-बिरंगी लाइट्स से सजी थीं. व्यापारियों ने आकर्षक डिस्काउंट्स भी रखे. मगर बाजार में विदेशी मेहमान नहीं पहुंचे. होलसेल बाजारों में व्यापार प्रभावित होने की मुख्य वजह लोडिंग-अलोडिंग पर रोक और मालवाहकों की आवाजाही पर लगा प्रतिबंध भी रहा.
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