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आतंक के मुद्दे को ना भुनाएं मोदी, मैं मोहब्बत की राजनीति करने आया हूं: विजेंद्र सिंह

कांग्रेस प्रत्याशी और बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने कहा कि मैं मोहब्बत की राजनीति करने आया हूं. उन्होंने भारत-पाकिस्तान, कश्मीर और दिल्ली की राजनीति से जुड़े सवालों के जवाब बड़ी ही बेबाकी से दिए.

'मैं मोहब्बत की राजनीति करने आया हूं'
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Published : May 2, 2019, 1:56 PM IST

Updated : May 2, 2019, 6:12 PM IST

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी और बॉक्सर विजेंद्र सिंह से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने भारत-पाकिस्तान, कश्मीर और दिल्ली की राजनीति से जुड़े सवालों के जवाब बड़ी ही बेबाकी से दिए.

बॉक्सर से लोकसभा प्रत्याशी बने विजेंद्र सिंह ने कहा कि राजनीति में आने के बाद जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं. वो लोगों के बीच जा रहे हैं. उनकी तकलीफें सुन रहे हैं.

'कश्मीरी हमारे अपने हैं'

विजेंद्र ने कहा कि हमारी लड़ाई ना बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी से है, ना आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राघव चड्ढा से. विजेंद्र ने कहा कि हमारी लड़ाई यहां के मुद्दों से है. देखिए उनसे बातचीत के कुछ अंश...

पाकिस्तान के पीएम भी खिलाड़ी रहे हैं तो खिलाड़ियों के राजनीति में आने को आप किस तरह देखते हैं?
एक खिलाड़ी साफ दिल का होता है और उसकी नीयत भी साफ होती है. पाकिस्तान में भी वजीर-ए-आजम एक खिलाड़ी रहे हैं और ये अच्छी बात है. मैं चाहता हूं ये चाहे भारत-पाकिस्तान की बात हो या किसी भी मुल्क की, खिलाड़ियों को सियासत में आना चाहिए.

क्या आपको लगता है कि नरेंद्र मोदी 'फेयर ऑन टेरर' का गेम खेल रहे हैं?
ये गेम नहीं खेलना चाहिए. नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं और उन्हें ये शोभा नहीं देता. मुद्दा विकास का होना चाहिए. शिक्षा, रोजगार और प्रगति का होना चाहिए. टेरर के मुद्दे को भुनाना बिल्कुल गलत है.

आप हिंदू-मुसलमान के रिश्तों में पहले के मुकाबले कितना बदलाव देखते हैं?
दोनों मुल्कों के मीडिया को अपना रोल निभाना चाहिए, हालांकि दोनों तरफ का मीडिया फूट डालने की कोशिश में है. ये सभी चीजें गलत हैं क्योंकि 1947 से पहले हम एक थे. हमें खुद समझदार बनना होगा. मैं यहां मोहब्बत की सियासत करने आया हूं क्योंकि प्यार में बहुत ताकत होती है. प्यार कीजिए नफरत मत कीजिए.

कश्मीरी जब पहला शब्द जहन में आता है तो आप क्या समझते हैं?
"हमारा अपना."

दिल्ली के क्या ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें आप सुलझाना चाहते हैं?
युवाओं की समस्या बेरोजगारी है जो एक बहुत बड़ा मसला है. 2 करोड़ नौकरियां देने के वादे किए गए थे जो पूरे नहीं किए गए. बिजली-पानी की समस्या है. गंदगी की समस्या है. हम उसे दूर करेंगे. बीजेपी राष्ट्रवाद की बात करती है लेकिन लोकल मुद्दों पर बात नहीं करती.

दक्षिणी दिल्ली में अमीरी गरीबी में जमीन आसमान का फर्क दिखता है, आप इससे कैसे निपटेंगे?
मैंने जमीनी स्तर भी देखा है और मैं यूएस में भी रहा हूं. मुझे दोनों हालातों का अनुभव है और मैं इस फर्क को अच्छी तरह समझता हूं. इससे निपटने के लिए हम पूरी कोशिश करेंगे.

क्या आपको उम्मीद है कि कांग्रेस अपने पुराने वोटर्स को वापस ला पाएगी?
जी बिल्कुल. लोग विश्वास कर रहे हैं. राहुल जी और प्रियंका गांधी जी की टीम काबिल-ए-तारीफ है और हम सब मिलकर हिंदुस्तान को दोबारा खूबसूरत बनाएंगे.

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी और बॉक्सर विजेंद्र सिंह से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने भारत-पाकिस्तान, कश्मीर और दिल्ली की राजनीति से जुड़े सवालों के जवाब बड़ी ही बेबाकी से दिए.

बॉक्सर से लोकसभा प्रत्याशी बने विजेंद्र सिंह ने कहा कि राजनीति में आने के बाद जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं. वो लोगों के बीच जा रहे हैं. उनकी तकलीफें सुन रहे हैं.

'कश्मीरी हमारे अपने हैं'

विजेंद्र ने कहा कि हमारी लड़ाई ना बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी से है, ना आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राघव चड्ढा से. विजेंद्र ने कहा कि हमारी लड़ाई यहां के मुद्दों से है. देखिए उनसे बातचीत के कुछ अंश...

पाकिस्तान के पीएम भी खिलाड़ी रहे हैं तो खिलाड़ियों के राजनीति में आने को आप किस तरह देखते हैं?
एक खिलाड़ी साफ दिल का होता है और उसकी नीयत भी साफ होती है. पाकिस्तान में भी वजीर-ए-आजम एक खिलाड़ी रहे हैं और ये अच्छी बात है. मैं चाहता हूं ये चाहे भारत-पाकिस्तान की बात हो या किसी भी मुल्क की, खिलाड़ियों को सियासत में आना चाहिए.

क्या आपको लगता है कि नरेंद्र मोदी 'फेयर ऑन टेरर' का गेम खेल रहे हैं?
ये गेम नहीं खेलना चाहिए. नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं और उन्हें ये शोभा नहीं देता. मुद्दा विकास का होना चाहिए. शिक्षा, रोजगार और प्रगति का होना चाहिए. टेरर के मुद्दे को भुनाना बिल्कुल गलत है.

आप हिंदू-मुसलमान के रिश्तों में पहले के मुकाबले कितना बदलाव देखते हैं?
दोनों मुल्कों के मीडिया को अपना रोल निभाना चाहिए, हालांकि दोनों तरफ का मीडिया फूट डालने की कोशिश में है. ये सभी चीजें गलत हैं क्योंकि 1947 से पहले हम एक थे. हमें खुद समझदार बनना होगा. मैं यहां मोहब्बत की सियासत करने आया हूं क्योंकि प्यार में बहुत ताकत होती है. प्यार कीजिए नफरत मत कीजिए.

कश्मीरी जब पहला शब्द जहन में आता है तो आप क्या समझते हैं?
"हमारा अपना."

दिल्ली के क्या ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें आप सुलझाना चाहते हैं?
युवाओं की समस्या बेरोजगारी है जो एक बहुत बड़ा मसला है. 2 करोड़ नौकरियां देने के वादे किए गए थे जो पूरे नहीं किए गए. बिजली-पानी की समस्या है. गंदगी की समस्या है. हम उसे दूर करेंगे. बीजेपी राष्ट्रवाद की बात करती है लेकिन लोकल मुद्दों पर बात नहीं करती.

दक्षिणी दिल्ली में अमीरी गरीबी में जमीन आसमान का फर्क दिखता है, आप इससे कैसे निपटेंगे?
मैंने जमीनी स्तर भी देखा है और मैं यूएस में भी रहा हूं. मुझे दोनों हालातों का अनुभव है और मैं इस फर्क को अच्छी तरह समझता हूं. इससे निपटने के लिए हम पूरी कोशिश करेंगे.

क्या आपको उम्मीद है कि कांग्रेस अपने पुराने वोटर्स को वापस ला पाएगी?
जी बिल्कुल. लोग विश्वास कर रहे हैं. राहुल जी और प्रियंका गांधी जी की टीम काबिल-ए-तारीफ है और हम सब मिलकर हिंदुस्तान को दोबारा खूबसूरत बनाएंगे.

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Last Updated : May 2, 2019, 6:12 PM IST
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