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लॉकडाउन-सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन, रिपोर्ट तलब - सोशल डिस्टेंसिंग

खेलगांव के निवासियों पर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग उल्लंघन का आरोप लगा है. वहीं वरिष्ठ वकील ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि खेल गांव के निवासी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरे तरीके से पालन कर रहे हैं.

Lockdown and social distancing violations in Khelgaon
दिल्ली हाईकोर्ट लॉकडाउन
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Published : Apr 29, 2020, 6:50 PM IST

Updated : May 27, 2020, 10:59 AM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नोडल अधिकारी को निर्देश दिया है कि वो ये पता लगाएं कि अक्षरधाम मंदिर के पास खेलगांव के निवासी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने नोडल अधिकारी को निर्देश दिया कि वे इसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को दें. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने ये आदेश दिया है.

हाईकोर्ट ने पिछले साल एक रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज को नोडल अधिकारी नियुक्त किया था. नोडल अधिकारी को खेलगांव से संबंधित आवश्यक सेवा शुल्क के भुगतान को लेकर कार्य करने की अनुमति थी. खेलगांव के एक निवासी ने वकील जेपी वर्गीश के जरिए दायर याचिका में कहा था कि खेलगांव के निवासी लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं और वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं.

पास में हैं कोरोना का हॉटस्पॉट

याचिका में कहा गया था कि खेलगांव में मेंटेनेंस का काम संभालनेवाली एजेंसी ने ई-सर्कुलर जारी किया था और पास के डीडीए पार्क में टहलने नहीं जाने को कहा था. उस सर्कुलर में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया था.

लेकिन उस सर्कुलर का कोई नतीजा नहीं निकला. खेलगांव के निवासी पास के मयूर विहार, पांडव नगर और गणेश नगर में सामान खरीदने चले जाते हैं और वहां से सामान मंगवाते हैं. इनमें से कई इलाके कोरोना के हॉटस्पॉट हैं.

कोर्ट ने कहा कि नोडल अधिकारी फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विस एजेंसी और खेलगांव अपार्मेंट एसोसिएशन के कर्मचारियों की मदद से ये जांच करें कि खेलगांव के भीतर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन तो नहीं हो रहा है. कोर्ट ने नोडल अधिकारी से चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नोडल अधिकारी को निर्देश दिया है कि वो ये पता लगाएं कि अक्षरधाम मंदिर के पास खेलगांव के निवासी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने नोडल अधिकारी को निर्देश दिया कि वे इसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को दें. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने ये आदेश दिया है.

हाईकोर्ट ने पिछले साल एक रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज को नोडल अधिकारी नियुक्त किया था. नोडल अधिकारी को खेलगांव से संबंधित आवश्यक सेवा शुल्क के भुगतान को लेकर कार्य करने की अनुमति थी. खेलगांव के एक निवासी ने वकील जेपी वर्गीश के जरिए दायर याचिका में कहा था कि खेलगांव के निवासी लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं और वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं.

पास में हैं कोरोना का हॉटस्पॉट

याचिका में कहा गया था कि खेलगांव में मेंटेनेंस का काम संभालनेवाली एजेंसी ने ई-सर्कुलर जारी किया था और पास के डीडीए पार्क में टहलने नहीं जाने को कहा था. उस सर्कुलर में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया था.

लेकिन उस सर्कुलर का कोई नतीजा नहीं निकला. खेलगांव के निवासी पास के मयूर विहार, पांडव नगर और गणेश नगर में सामान खरीदने चले जाते हैं और वहां से सामान मंगवाते हैं. इनमें से कई इलाके कोरोना के हॉटस्पॉट हैं.

कोर्ट ने कहा कि नोडल अधिकारी फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विस एजेंसी और खेलगांव अपार्मेंट एसोसिएशन के कर्मचारियों की मदद से ये जांच करें कि खेलगांव के भीतर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन तो नहीं हो रहा है. कोर्ट ने नोडल अधिकारी से चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

Last Updated : May 27, 2020, 10:59 AM IST
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