नई दिल्ली: आर्थिक अपराध शाखा ने फर्जीवाड़े के मामले में महिला और उसके दो भाईयों को गिरफ्तार किया है. आरोपी हरीश अग्रवाल लोगों को लोन दिलाने के दौरान उनके दस्तावेज की फर्जी कॉपी बना लेता था. इसके बाद इन दस्तावेजों पर वह प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर खुद लोन ले लेता था. तीनों आरोपियों ने मिलकर पीतमपुरा स्थित एक प्रॉपर्टी पर 2.70 करोड रुपए का लोन एक्सिस बैंक से ले लिया था जबकि यह प्रॉपर्टी किसी अन्य महिला की थी.
दूसरों के फर्जी कागजात से लोन
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार बच्चन सिंह कपूर की तरफ से आर्थिक अपराध शाखा को एक शिकायत दी गई थी. उन्होंने बताया कि उनकी मां सावित्री देवी कोहाट एंक्लेव स्थित एक मकान के ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर की मालिक हैं. मार्च-अप्रैल 2018 में उन्हें पता चला कि हरीश अग्रवाल और उसकी बहन ऋचा अग्रवाल (बदला हुआ नाम) इस प्रॉपर्टी का मालिक खुद को बता रहे हैं. उन्होंने इस पर 2.70 करोड़ रुपए का लोन एक्सिस बैंक से ले लिया है. उन्होंने एक्सिस बैंक को लीगल नोटिस भेजा जिसके बाद उन्हें लोन का पता चला. लोन की किश्त भी उनके द्वारा नहीं चुकाई जा रही थी जिसके चलते इस प्रॉपर्टी को जप्त करने की प्रक्रिया बैंक द्वारा की जा रही थी.
शिकायतकर्ता ने भी ले रखा था लोन
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उन्होंने भी इस प्रॉपर्टी को एक्सिस बैंक में गिरवी रखकर 29 जनवरी 2015 को 2.10 करोड़ का लोन लिया था. लोन लेते समय उन्होंने इस प्रॉपर्टी के असली दस्तावेज बैंक में जमा कराए थे. उन्होंने बताया कि जब उनके दस्तावेज बैंक में जमा थे तो ऐसे में उसी बैंक ने दोबारा से इस प्रॉपर्टी पर लोन कैसे दिया. उन्होंने एक्सिस बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत से इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने की आशंका जताई. प्राथमिक जांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने वर्ष 2019 में मामला दर्ज किया. पुलिस टीम ने बैंक के साथ ही सब रजिस्ट्रार से भी संपत्ति के दस्तावेज जांचे. उन्हें पता चला कि आरोपियों ने बैंक से लोन लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और फरार हो गए.
मुख्य आरोपी सहित तीन गिरफ्तार
जांच में पुलिस को पता चला कि राजेश गोयल मुख्य आरोपी हरीश अग्रवाल का भाई है. फर्जी बैंक खाता भी इस मामले में हरीश अग्रवाल ने खोला था. इस जानकारी पर एसीपी वीरेंद्र सजवान की देखरेख में इंस्पेक्टर प्रदीप की टीम ने उनकी तलाश शुरु की. आरोपी 2016 से फरार चल रहे थे. यह पता चला कि वैशाली में उन्होंने एक दफ्तर खोला है. इस जानकारी पर हरीश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी निशानदेही पर उसकी बहन ऋचा अग्रवाल एवं भाई राजेश गोयल को भी गिरफ्तार कर लिया गया. जांच में पता चला कि आरोपी हरीश अग्रवाल लोगों को बैंकों से लोन दिलवाता है. ऐसे में जो लोग उससे लोन के लिए संपर्क करते उनकी सम्पति के फर्जी दस्तावेज तैयार कर वह लोन ले लेता था.
तीनों आरोपियों ने ली लोन राशि
आरोपी हरीश अग्रवाल फिलहाल वैशाली में रहता था. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट है. वह लोगों को लोन दिलाने का काम करता था. इस दौरान उसे बैंक की कमियों का पता चला और वह फर्जी दस्तावेज जमा कराकर लोन लेने लगा. उसकी बहन ऋचा अग्रवाल वसुंधरा में रहती है. वह फर्जी दस्तावेज पर लोन लेने में अपने भाई के साथ हिस्सेदार थी. तीसरा आरोपी राजेश गोयल कुछ समय पहले तक रतन अग्रवाल था. उसने अपना नाम बदल लिया था. उसने अपने भाई हरीश के कहने पर फर्जी दस्तावेजों पर फर्जी हस्ताक्षर करना सीख लिया था.